गाजियाबाद वाईबीएन संवाददाता।
गाजियाबाद स्वास्थ्य विभाग की नाकामयाबी एक बार फिर सामने आई है। यूनिसेफ द्वारा चलाए जा रहे टीकाकरण अभियान में विभाग ने जमकर लापरवाही बरती। जिससे जनपद लक्ष्य की प्राप्ति करने से पिछड़ गया। जिले के पांच स्वास्थ्य केंद्रों पर सबसे कम टीकाकरण हुआ है। इसका खुलासा विश्व स्वास्थ्य संगठन ने स्वास्थ्य विभाग को भेजी रिपोर्ट में किया है। डब्ल्यूएचओ की सूचना के बाद स्वास्थ्य विभाग ने सर्वे शुरू किया है और कम टीकाकरण के कारण खोजे जा रहे हैं। हालांकि स्वास्थ्य विभाग का कम टीकाकरण की वजह पलायन करने वाली आबादी होना बता रहे हैं।
सात बीमारियों के लिए टीकाकरण आवश्यक
शासन की ओर से बच्चों और महिलाओं को सात बीमारियों से बचाव के लिए नियमित टीकाकरण कराया जाता है। शून्य से पांच साल के बच्चों को बीसीजी, ओपीवी, पेंटावेलेंट, रोटा वैक्सीन, आईपीवी, मीजल्स, डीपीटी और विटामिन-ए आदि की खुराक दी जाती है। टीकाकरण से टिटनेस, पोलियो, टीबी, काली खांसी, हेपेटाइटिस- बी निमोनिया, डायरिया और खसरा आदि से बच्चों का बचाव होता है।
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पांच स्वास्थ्य केंद्र गए पिछड़
बीमारियों से बचाव के लिए टीकाकरण सबसे प्रभावी तरीका है। इसके लिए सभी स्वास्थ्य केंद्रों को टीकाकरण का लक्ष्य दिया गया है। लेकिन टीकाकरण की निगरानी में विश्व स्वास्थ्य संगठन को जिले की पांच पीएचसी मुस्तफाबाद, बुद्ध विहार, न्यू डिफेंस कॉलोनी, खोडा की साधना इन्कलेव और मुरादनगर की पीएचसी पर लक्ष्य से कम टीकाकरण पाया गया है।
माइग्रेट पापुलेशन से हुई समस्या
डब्ल्यूएचओ ने इसकी सूचना स्वास्थ्य विभाग को दे दी है। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. नीरज अग्रवाल ने बताया कि डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के बाद स्वास्थ्य केंद्रों की सर्वे कराया जा रहा है और डाटा को टेली किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इन क्षेत्रों में बाहर के लोग ज्यादा रहते हैं, जो लंबे समय के लिए अपने पैतृक घरों को चले जाते हैं। माइग्रेट पॉपुलेशन की वजह से इन क्षेत्रों में टीकाकरण कम हो सकता है। फिर भी जांच कराई जा रही है।
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स्वास्थ्य व्यवस्था का है बुरा हाल
हॉट सिटी गाजियाबाद में एक और जहां तरक्की हो रही है वहीं स्वास्थ्य विभाग का हाल दिन पर दिन बुरा होता जा रहा है। ऐसे में लोगों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है और इलाज के लिए दिल्ली रुख करना पड़ता है।