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Ghaziabad- डासना देवी मंदिर में होगा 21 दिवसीय शिवशक्ति महोत्सव

शिवशक्ति महोत्सव का मुख्य लक्ष्य सनातन धर्म के मूल्यों को बढ़ावा देना और समाज में धार्मिक जागरूकता लाना है। यति नरसिंहानंद गिरी के अनुसार, यह आयोजन सनातन संस्कृति को युवा पीढ़ी से जोड़ने का एक प्रयास है।

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Kapil Mehra
विवादित बयान

यति नरसिंहानंद ने दिया विवादित बयान Photograph: (यति नरसिंहानंद ने दिया विवादित बयान )

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गाजियाबाद,वाईबीएन संवाददाता 

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गाजियाबाद के प्रसिद्ध डासना देवी मंदिर, जिसे शिवशक्ति धाम के नाम से भी जाना जाता है, आगामी 16 अप्रैल 2025 से 6 मई 2025 तक 21 दिवसीय शिवशक्ति महोत्सव का आयोजन होने जा रहा है। यह भव्य आयोजन सनातन धर्म की रक्षा और सनातन वैदिक राष्ट्र की स्थापना के उद्देश्य से किया जा रहा है। मंदिर के पीठाधीश्वर और श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी ने इस महोत्सव की घोषणा की है, जिसके तहत विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होगा।

महोत्सव का उद्देश्य और महत्व

शिवशक्ति महोत्सव का मुख्य लक्ष्य सनातन धर्म के मूल्यों को बढ़ावा देना और समाज में धार्मिक जागरूकता लाना है। यति नरसिंहानंद गिरी के अनुसार, यह आयोजन सनातन संस्कृति को युवा पीढ़ी से जोड़ने का एक प्रयास है। इस दौरान मंदिर परिसर में धातु से निर्मित शिव परिवार की भव्य प्रतिमा की स्थापना भी की जाएगी, जो इस महोत्सव को और भी खास बनाएगी। यह प्रतिमा न केवल श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र होगी, बल्कि सनातन धर्म की शक्ति और भव्यता का प्रतीक भी बनेगी।

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विशेष शास्त्रार्थ का आयोजन

महोत्सव के समापन दिवस, 6 मई 2025 को एक विशेष शास्त्रार्थ का आयोजन किया जाएगा। इस शास्त्रार्थ में मौलाना मदनी, तौकीर रजा सहित 1500 से अधिक इस्लामिक धर्मगुरुओं को आमंत्रित किया गया है। इस संवाद का उद्देश्य धर्म, राष्ट्र और समाज से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करना और विभिन्न धार्मिक विचारों के बीच सामंजस्य स्थापित करना है। यह शास्त्रार्थ सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार के साथ-साथ धार्मिक एकता को भी मजबूत करने की दिशा में एक कदम होगा।

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नारी शक्ति और सनातन संस्कृति का संगम

महोत्सव के आयोजन से जुड़ीं डॉ. उदिता त्यागी ने कहा कि यह कार्यक्रम नारी शक्ति, राष्ट्र शक्ति और सनातन संस्कृति का मिलन स्थल होगा। उन्होंने युवाओं से इस महायज्ञ में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने और सनातन धर्म की गौरवशाली परंपराओं से जुड़ने की अपील की। उनके अनुसार, यह आयोजन न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक एकता को भी प्रोत्साहित करेगा। 

मंदिर का ऐतिहासिक महत्व 

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डासना देवी मंदिर का इतिहास बेहद प्राचीन और समृद्ध है। मान्यता है कि यह मंदिर महाभारत काल से जुड़ा हुआ है और अज्ञातवास के दौरान पांडवों ने यहां शरण ली थी। मंदिर में स्थापित मां काली की मूर्ति और शिवलिंग की विशेषता इसे अन्य मंदिरों से अलग बनाती है। मां काली की मूर्ति कसौटी पत्थर से बनी है और उनकी जीभ बाहर नहीं निकली हुई है, जो इसे दुर्लभ बनाता है। वहीं, शिवलिंग के ऊपर छत का न टिक पाना भी एक रहस्यमयी पहलू है, जिसे चमत्कार माना जाता है।

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श्रद्धालुओं के लिए तैयारियां

21 दिनों तक चलने वाले इस महोत्सव में देश भर से श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। नवरात्रि की तरह ही इस दौरान हवन, माता का विशेष श्रृंगार और अन्य धार्मिक अनुष्ठान होंगे। मंदिर प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए व्यापक इंतजाम करने की योजना बनाई है। राष्ट्रीय राजमार्ग 9 के जरिए मंदिर तक आसानी से पहुंचा जा सकता है, जिससे दूर-दराज के भक्तों को भी कोई असुविधा न हो।

एक नई शुरुआत की ओर

शिवशक्ति महोत्सव डासना देवी मंदिर को सनातन धर्म के एक प्रमुख ऊर्जा केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। यह आयोजन न केवल धार्मिक उत्साह को बढ़ाएगा, बल्कि समाज में सकारात्मकता और एकता का संदेश भी देगा।

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