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Ghaziabad-राष्ट्र सेवा के संकल्प के साथ बीजेपी का 46वां स्थापना दिवस: सिद्धार्थ विहार में निकली अनोखी पैदल यात्रा

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने अपने 46वें स्थापना दिवस को "उत्सव पर्व" के रूप में मनाया। यह दिन केवल एक राजनीतिक दल के लिए उत्सव का अवसर नहीं था, बल्कि राष्ट्र सेवा और अंत्योदय के उस संकल्प की याद दिलाता था

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Kapil Mehra
फोटो जर्नलिस्ट सुनील कुमार

सिद्धार्थ विहार में निकाली गई बीजेपी की पैदल यात्रा

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गाजियाबाद,वाईबीएन संवाददाता 

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भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने अपने 46वें स्थापना दिवस को "उत्सव पर्व" के रूप में मनाया। यह दिन केवल एक राजनीतिक दल के लिए उत्सव का अवसर नहीं था, बल्कि राष्ट्र सेवा और अंत्योदय के उस संकल्प की याद दिलाता था, जिसने बीजेपी को विश्व का सबसे बड़ा राजनीतिक संगठन बनाया। इस खास मौके पर गाजियाबाद के सिद्धार्थ विहार में एक अनोखी पहल देखने को मिली, जहां बीजेपी के राष्ट्रीय सह प्रभारी ओबीसी मोर्चा, राजेश गुप्ता ने एक पैदल यात्रा का नेतृत्व किया। यह यात्रा न सिर्फ एक आयोजन थी, बल्कि समाज के हर वर्ग को जोड़ने और जागरूक करने का एक जीवंत प्रतीक बन गई।

पैदल यात्रा में उत्साह का अनोखा रंग

सिद्धार्थ विहार की सड़कों पर सुबह-सुबह जब यह पैदल यात्रा शुरू हुई, तो इसमें न केवल बीजेपी के कार्यकर्ता, बल्कि महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग भी बढ़-चढ़कर शामिल हुए। खास बात यह थी कि इस यात्रा में हर कोई उत्साहित नजर आया। बच्चे हाथों में छोटे-छोटे पार्टी के झंडे लिए नारे लगाते चल रहे थे, तो महिलाएं "भारत माता की जय" और "विकसित भारत" के संकल्प को दोहराती हुई आगे बढ़ रही थीं। यह दृश्य किसी उत्सव से कम नहीं था, जहां राजनीति से परे एकजुटता और समर्पण की भावना साफ झलक रही थी।

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राजेश गुप्ता ने इस अवसर पर कहा, "बीजेपी सिर्फ एक पार्टी नहीं, बल्कि एक परिवार है, जो अंत्योदय के सपने को साकार करने के लिए दिन-रात काम कर रहा है। यह पैदल यात्रा उस संदेश को जन-जन तक पहुंचाने का माध्यम है कि हमारा लक्ष्य हर उस व्यक्ति तक पहुंचना है, जो समाज में सबसे पीछे छूट गया है।" उनकी बातों में ओबीसी समुदाय के उत्थान और राष्ट्र निर्माण के प्रति गहरी प्रतिबद्धता झलक रही थी।

फोटो जर्नलिस्ट सुनील कुमार

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महिलाओं और बच्चों की भागीदारी

इस पैदल यात्रा की सबसे खूबसूरत बात थी इसमें महिलाओं और बच्चों की सक्रिय भागीदारी। जहां एक ओर महिलाएं अपने पारंपरिक परिधानों में सज-धज कर इस यात्रा में शामिल हुईं, वहीं बच्चे अपने नन्हे कदमों से बड़े संदेश को आगे बढ़ाते दिखे। एक स्थानीय निवासी, राधा देवी ने कहा, हमारे लिए यह गर्व का मौका है कि हम अपने बच्चों को यह सिखा रहे हैं कि देश की सेवा ही सबसे बड़ा धर्म है। वहीं, 10 साल के अंश ने बड़े उत्साह से बताया, मुझे अच्छा लगा कि मैं अपने दोस्तों के साथ भारत को मजबूत बनाने के लिए कुछ कर रहा हूं।

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राष्ट्र सेवा का संदेश

यह पैदल यात्रा केवल एक औपचारिकता नहीं थी, बल्कि इसके पीछे एक गहरा उद्देश्य था। बीजेपी के 46 साल के सफर में यह संगठन दो लोकसभा सीटों से शुरू होकर आज 303 सीटों तक पहुंचा है। यह उपलब्धि सिर्फ संख्या की नहीं, बल्कि उस विश्वास की है, जो जनता ने इस दल में दिखाया है। सिद्धार्थ विहार की यह यात्रा भी उसी विश्वास को मजबूत करने का प्रयास थी। यात्रा के दौरान कार्यकर्ताओं ने लोगों से बातचीत की, उनकी समस्याएं सुनीं और सरकार की योजनाओं को घर-घर तक पहुंचाने का संकल्प लिया।

अंत्योदय का सपना

बीजेपी की स्थापना 6 अप्रैल, 1980 को हुई थी, लेकिन इसकी जड़ें 1951 में श्यामा प्रसाद मुखर्जी द्वारा स्थापित भारतीय जनसंघ से जुड़ी हैं। तब से लेकर आज तक, यह संगठन सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास के मंत्र को लेकर आगे बढ़ रहा है। राजेश गुप्ता ने इस मौके पर पंडित दीनदयाल उपाध्याय के अंत्योदय के विचार को याद करते हुए कहा, हमारा लक्ष्य है कि समाज का हर वर्ग खासकर ओबीसी समुदाय, मुख्यधारा में शामिल हो और देश की प्रगति में योगदान दे।

फोटो जर्नलिस्ट सुनील कुमार

एक नई शुरुआत का प्रतीक

सिद्धार्थ विहार की यह पैदल यात्रा बीजेपी के 46वें स्थापना दिवस को यादगार बनाने के साथ-साथ एक नई शुरुआत का प्रतीक बनी। यह दिखाती है कि बीजेपी न केवल चुनावी मैदान में सक्रिय है, बल्कि जमीन पर भी लोगों के बीच जाकर उनकी आवाज बन रही है। जैसे-जैसे यह यात्रा सिद्धार्थ विहार की गलियों से गुजरी, वैसे-वैसे यह संदेश भी फैलता गया कि राष्ट्र सेवा का यह कारवां रुकने वाला नहीं है।

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46 साल पहले शुरू हुआ यह सफर आज भी उसी जोश और जुनून के साथ आगे बढ़ रहा है, और सिद्धार्थ विहार की यह पैदल यात्रा इसका जीता-जागता सबूत है। बीजेपी का यह उत्सव पर्व न सिर्फ कार्यकर्ताओं के लिए, बल्कि हर उस भारतीय के लिए प्रेरणा है, जो अपने देश को विश्व गुरु के रूप में देखना चाहता है।

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