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गाजियाबाद पुलिस कमिश्ररेट की क्राइम ब्रांच और थाना वेव सिटी पुलिस ने एक बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में लग्जरी चार पहिया वाहनों की चोरी करने वाले अंतर्राज्यीय गिरोह का पर्दाफाश किया है। इस कार्रवाई में गिरोह के तीन शातिर अभियुक्तों अनिल, जितेंद्र उर्फ कन्हैया और यामीन उर्फ भोलू उर्फ काला को थाना वेव सिटी क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने इनके कब्जे से पांच चोरी की कारें और फर्जी नंबर प्लेट बरामद की हैं।
बरामद वाहनों का विवरण
पुलिस ने अभियुक्तों के कब्जे से निम्नलिखित चोरी की गाड़ियां बरामद कीं:
वैगन-आर (ग्रे, रजिस्ट्रेशन नं. DL 9CBA 5759, उत्तम नगर, दिल्ली से चोरी)
स्विफ्ट (सफेद, रजिस्ट्रेशन नं. DL 9CBC 1633, मौर्या एन्क्लेव, पीतमपुरा, दिल्ली से चोरी)
बलेनो (सफेद, रजिस्ट्रेशन नं. DL 8CBB 0764, नरेला, दिल्ली से चोरी)
स्विफ्ट डिजायर (ग्रे, रजिस्ट्रेशन नं. DL 8CAT 2514, राजौरी गार्डन, दिल्ली से चोरी)
वैगन-आर (सफेद, फर्जी नंबर प्लेट, चोरी की घटनाओं में प्रयुक्त)
फर्जी नंबर प्लेट
पूछताछ में खुलासा: संगठित गिरोह का नेटवर्क
पूछताछ में अभियुक्तों ने अपने अपराध और गिरोह के कामकाज के बारे में चौंकाने वाले खुलासे किए। अभियुक्त अनिल ने बताया कि उसने 8वीं तक पढ़ाई की और बाद में दिल्ली के छत्तरपुर में सब्जी-फल का काम शुरू किया। वर्ष 2015 में वह मोटरसाइकिल मैकेनिक लड्डू के संपर्क में आया और मोटरसाइकिल चोरी शुरू की।
जेल में उसकी मुलाकात कार चोर करन से हुई, जिसके बाद वह कार चोरी में शामिल हो गया। अनिल ने बताया कि वह कई बार अलग-अलग गिरोहों के साथ वाहन चोरी के मामले में जेल जा चुका है।वर्ष 2023 में अलीगढ़ जेल में अनिल की मुलाकात लविश उर्फ शेरू से हुई, जो लग्जरी वाहनों की चोरी में माहिर था।
जेल से छूटने के बाद दोनों ने अनिल, लविश, जितेंद्र, यामीन और जाहिद के साथ मिलकर एक नया गिरोह बनाया, जो पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली एनसीआर में लग्जरी गाड़ियों की चोरी करने लगा।अभियुक्त जितेंद्र उर्फ कन्हैया ने बताया कि वह 7वीं फेल है और पढ़ाई छोड़ने के बाद ट्रक ड्राइवरी करने लगा।
बाद में गाजियाबाद में एक कंपनी में अर्टिगा कार चलाने लगा, लेकिन समय पर वेतन न मिलने के कारण उसने नौकरी छोड़ दी। अनिल के साथ पुरानी जान-पहचान होने के कारण उसने उसे कार चोरी में शामिल कर लिया, जिससे उसे अच्छी कमाई होने लगी।अभियुक्त यामीन उर्फ भोलू ने बताया कि उसने 5वीं तक पढ़ाई की और जाली गेट बनाने का काम सीखा।
बाद में भूसे का काम शुरू किया। 2014 में तार चोरी और 2019 में ट्रैक्टर चोरी के मामले में वह जेल गया। जेल में उसकी मुलाकात कार चोर अजय और प्रेम से हुई, जिन्होंने उसे अनिल से मिलवाया। इसके बाद यामीन भी इस गिरोह का हिस्सा बन गया।
चोरी का तरीका: हाई-टेक तकनीक का इस्तेमाल
अनिल ने बताया कि उनका गिरोह संगठित तरीके से काम करता है। जाहिद, जो एक कार गैरेज चलाता है, लग्जरी गाड़ियों की डिमांड देता है। इसके आधार पर गिरोह के सदस्य कार से रेकी करते हैं और चिन्हित गाड़ी को इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस (टैब) की मदद से नकली चाबी बनाकर चुरा लेते हैं।
चोरी के बाद गाड़ी की नंबर प्लेट बदल दी जाती है और जीपीएस डिवाइस निकालकर फेंक दिया जाता है। चोरी की गाड़ियों को छिपाने के लिए गुप्त स्थानों का इस्तेमाल किया जाता है, जहां से डिमांड करने वाले साथी गाड़ियां ले जाते हैं।
पुलिस की कार्रवाई और भविष्य की रणनीति
गाजियाबाद पुलिस कमिश्ररेट ने इस गिरोह के पर्दाफाश को एक बड़ी सफलता बताया है। पुलिस अब गिरोह के अन्य सक्रिय सदस्यों लविश उर्फ शेरू और जाहिद की तलाश में जुट गई है। साथ ही, चोरी की गाड़ियों के खरीद-फरोख्त के नेटवर्क का पता लगाने के लिए जांच तेज कर दी गई है।
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