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मोदीनगर के भोजपुर थाना क्षेत्र के गांव चुड़ियाला में पुरानी रंजिश के चलते एक सनसनीखेज घटना सामने आई है। यहां हमलावरों ने खेत में काम कर रहे किसान अय्यूब खां पर धारदार हथियार और लाठी-डंडों से जानलेवा हमला कर दिया।
गंभीर रूप से घायल अय्यूब को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हैरानी की बात यह है कि तीन दिन पहले चुड़ियाला पुलिस चौकी में दोनों पक्षों के बीच समझौता हो चुका था, बावजूद इसके हमलावरों ने इस वारदात को अंजाम दिया। पुलिस ने छह नामजद और कई अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उनकी तलाश शुरू कर दी है।
क्या है पूरा मामला?
गांव चुड़ियाला निवासी रज्जू ने बताया कि उनके परिवार और गांव के ही राजू पक्ष के बीच किसी बात को लेकर लंबे समय से रंजिश चली आ रही थी। बीती 11 मई को राजू पक्ष ने उनके साथ झगड़ा किया था। इस मामले को सुलझाने के लिए चुड़ियाला पुलिस चौकी में दोनों पक्षों के बीच समझौता कराया गया था। लेकिन राजू पक्ष ने समझौते के बावजूद रंजिश को खत्म नहीं किया।
रज्जू के अनुसार, बुधवार को उनके पिता अय्यूब खां खेत में काम कर रहे थे। इसी दौरान राजू पक्ष के लोगों ने सुनियोजित तरीके से उन पर हमला बोल दिया। हमलावरों ने लाठी-डंडों और धारदार हथियारों से अय्यूब पर ताबड़तोड़ प्रहार किए। लहूलुहान होकर अय्यूब जमीन पर गिर पड़े। हमलावर उन्हें मृत समझकर मौके से फरार हो गए। स्थानीय लोगों की मदद से अय्यूब को तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया, जहां उनकी हालत गंभीर बनी हुई है।
पुलिस की कार्रवाई
एसीपी मोदीनगर ज्ञानप्रकाश राय ने बताया कि पीड़ित पक्ष की तहरीर के आधार पर छह नामजद आरोपियों राजू, शेखर, अक्षय, पंकज, प्रशांत और पौधा (सभी गांव चुड़ियाला निवासी) और कई अज्ञात लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी शुरू कर दी है। मामले की गहन जांच की जा रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि समझौते के बाद भी हमले की वजह क्या थी।
समझौते की अवहेलना, कानून व्यवस्था पर सवाल
यह घटना न केवल पुरानी रंजिश का परिणाम है, बल्कि पुलिस चौकी में हुए समझौते की अवहेलना को भी दर्शाती है। समझौते के बाद भी राजू पक्ष द्वारा हिंसक कार्रवाई करना स्थानीय स्तर पर कानून व्यवस्था की प्रभावशीलता पर सवाल उठाता है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर समय रहते रंजिश को पूरी तरह सुलझा लिया जाता, तो शायद यह घटना टल सकती थी।
सामाजिक संदेश और सावधानी
पुरानी रंजिश और छोटे-मोटे विवादों को हिंसा तक ले जाना न केवल गैरकानूनी है, बल्कि समाज के लिए भी हानिकारक है। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे आपसी विवादों को बातचीत और कानूनी तरीकों से सुलझाएं। साथ ही, ग्रामीण क्षेत्रों में पुलिस को समझौता प्रक्रिया को और सख्त करने की जरूरत है ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जा सके।
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