गाजियाबाद, वाईबीएन संवाददाता
गाजियाबाद रेलवे स्टेशन, जहां हर दिन हजारों यात्री अपनी मंजिल की ओर बढ़ते हैं, वहीँ कुछ शातिर चोर यात्रियों की मेहनत की कमाई पर नजर गड़ाए रहते हैं। लेकिन इस बार, गाजियाबाद जीआरपी पुलिस ने इन चोरों के मंसूबों पर ऐसा पानी फेरा कि उनका ‘सांसी’ साम्राज्य ताश के पत्तों की तरह बिखर गया। जी हां, ट्रेनों में चोरी करने वाले अंतरराज्यीय सांसी गैंग के चार शातिर चोरों को पुलिस ने धर दबोचा, और वो भी ऐसी हटके अंदाज में कि हर कोई उनकी तारीफ कर रहा है!
एक सिनेमाई कार्रवाई
बात शुरू होती है पुलिस अधीक्षक रेलवे आशुतोष शुक्ला के उस सख्त फरमान से, जिसमें उन्होंने रेलवे अपराधियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाने का आदेश दिया। इस आदेश को अमली जामा पहनाने के लिए जीआरपी थाना प्रभारी नवरत्न गौतम ने अपनी टीम के साथ मिलकर एक ऐसी कहानी लिखी, जो किसी बॉलीवुड थ्रिलर से कम नहीं। सूचना मिली कि कुछ शातिर चोर गाजियाबाद स्टेशन पर अपने ‘शिकार’ की तलाश में घूम रहे हैं। बस फिर क्या, सीओ सुदेश गुप्ता ने तुरंत अपनी टीम को सघन चेकिंग का आदेश दे दिया।
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प्लेटफॉर्म नंबर 5 और 6
जहां चोरों का खेल खत्म प्लेटफॉर्म नंबर 5 और 6 पर पुलिस की पैनी नजर पड़ते ही सांसी गैंग का कुख्यात सदस्य रमेश उर्फ टीटू अपने साथियों समेत रंगे हाथों पकड़ा गया। ये वो चोर थे, जो ट्रेनों में यात्रियों की नींद और लापरवाही का फायदा उठाकर जेबें और बैग साफ करने में माहिर थे। पुलिस ने न सिर्फ टीटू को, बल्कि उसके पांच अन्य साथियों को भी हिरासत में लिया। इनके पास से 16 लाख रुपये के कीमती जेवरात बरामद हुए, जो यात्रियों की मेहनत और विश्वास की गवाही दे रहे थे।
सांसी गैंग दिल्ली-NCR का आतंक
ये कोई आम चोर नहीं थे। सांसी गैंग दिल्ली-NCR के अलग-अलग थानों में दर्ज दर्जनों मुकदमों का हिस्सा रहा है। ट्रेनों में चोरी, लूटपाट और यात्रियों को ठगने का इनका पुराना इतिहास है। लेकिन इस बार गाजियाबाद जीआरपी ने इनके ‘कैरियर’ पर फुल स्टॉप लगा दिया। पुलिस की इस कार्रवाई ने न सिर्फ यात्रियों को राहत दी, बल्कि अपराधियों के बीच भी एक सख्त संदेश भेजा कि अब गाजियाबाद स्टेशन उनके लिए ‘सेफ जोन’ नहीं है।
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"हीरो ऑफ द डे" जीआरपी की जाबांज टीम
इस ऑपरेशन की कामयाबी के पीछे थी प्रभारी निरीक्षक नवरत्न गौतम की अगुवाई वाली जीआरपी टीम। निरीक्षक संजीव कुमार, उपनिरीक्षक सचिन मालिक, लक्ष्मीकांत सिंह और सुधीर राठी जैसे जाबांज अधिकारियों ने अपनी सूझबूझ और त्वरित कार्रवाई से इस गैंग को जड़ से उखाड़ फेंका। इनकी रणनीति, सतर्कता और टीमवर्क ने साबित कर दिया कि जब पुलिस ठान ले, तो कोई भी अपराधी बच नहीं सकता।
यात्रियों के लिए एक सबक
ये घटना हमें ये भी सिखाती है कि स्टेशन और ट्रेनों में सतर्क रहना कितना जरूरी है। अपने सामान पर नजर रखें, अनजान लोगों पर भरोसा करने से बचें और अगर कुछ संदिग्ध दिखे, तो तुरंत जीआरपी को सूचित करें। आखिर, आपकी सतर्कता और पुलिस की मुस्तैदी मिलकर ही अपराधियों के मंसूबों को नाकाम कर सकती है।
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