गाजियाबाद, वाईबीएन संवाददाता
मोदीनगर, गाज़ियाबाद: साइबर ठगों ने हनुमानपुरी कॉलोनी निवासी वर्षा रानी को ऑनलाइन एप के जरिए कर्ज देने के बहाने 3.92 लाख रुपये की ठगी का शिकार बनाया। पुलिस ने पीड़िता की शिकायत पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
ठगी का तरीका
वर्षा रानी ने बताया कि 11 मार्च 2025 को उनके पास एक अज्ञात नंबर से फोन आया। कॉलर ने खुद को एक फाइनेंस कंपनी के ऑनलाइन एप का अधिकारी बताया और वर्षा से उनके बैंक खाते, आधार कार्ड और पैन कार्ड की जानकारी मांगी। कॉलर ने दावा किया कि उनकी सिविल स्कोर बहुत अच्छा है, जिसके आधार पर कंपनी उनके खाते में ऋण की राशि ट्रांसफर करने जा रही है।इसके बाद, वर्षा के मोबाइल पर 4.57 लाख रुपये उनके खाते में जमा होने का एक फर्जी मैसेज आया। वर्षा ने कॉलर को स्पष्ट बताया कि उन्हें किसी ऋण की जरूरत नहीं है। इसके बावजूद, आरोपी ने उन्हें झांसे में लिया और उनके खाते से 3.92 लाख रुपये अपने खाते में ट्रांसफर कर लिए।
ठगी का एहसास और पुलिस कार्रवाई
जब वर्षा ने अपने बैंक खाते की जांच की, तो खाता खाली पाया। तब उन्हें ठगी का एहसास हुआ। उन्होंने तुरंत इसकी शिकायत स्थानीय पुलिस से की। एसीपी मोदीनगर ज्ञानप्रकाश राय ने बताया कि पीड़िता की शिकायत पर अज्ञात ठगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है और मामले की जांच शुरू कर दी गई है।साइबर ठगी से बचाव की जरूरत यह घटना एक बार फिर साइबर ठगी के बढ़ते खतरे। को उजागर करती है।
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विशेषज्ञों का कहना है कि नागरिकों को अज्ञात कॉलर या मैसेज के जरिए बैंक खाते, ओटीपी, आधार या पैन कार्ड जैसी संवेदनशील जानकारी साझा करने से बचना चाहिए। पुलिस ने भी लोगों से अपील की है कि वे किसी भी ऑनलाइन लेनदेन से पहले उसकी सत्यता की जांच करें और सतर्क रहें।
मोदीनगर पुलिस ने साइबर ठगों की धरपकड़ के लिए विशेष टीम गठित की है और जल्द ही आरोपियों को पकड़ने का दावा किया है। इस घटना ने स्थानीय निवासियों में साइबर ठगी को लेकर जागरूकता की जरूरत को और रेखांकित किया है।
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