Advertisment

Ghaziabad- डिप्टी कमिश्नर की आत्महत्या, दबाव में काम करते हैं अधिकारी, मुख्य सचिव से की शिकायत

गाजियाबाद में जीएसटी डिप्टी कमिश्नर की आत्महत्या मामले में लगातार अधिकारियों का गुस्सा सामने आ रहा है। अफसरों ने इस संबंध में मुख्य सचिव से शिकायत की है।

author-image
Kapil Mehra
एडिट
फोटो जर्नलिस्ट सुनील कुमार
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

गाजियाबाद वाईबीएन संवाददाता 

Advertisment

गाजियाबाद में तैनात GST डिप्टी कमिश्नर की आत्महत्या का मामला शांत नहीं हो रहा है। जीएसटी विभाग में तैनात डिप्टी कमिश्नर संजय सिंह की मौत मामले में विरोध बढ़ता जा रहा है।

यह भी पढ़ें - गौ वंश से भरा ट्रक पकड़ा, हिंदू संगठन का हंगामा, पुलिस ने स्थिति संभाली

GST सचिव को हटाने की मांग

Advertisment

विभाग के अधिकारी अब प्रमुख सचिव एम. देवराज को हटाने की मांग कर रहे हैं। इसको लेकर प्रदेश भर के जीएसटी ऑफिसर्स ने मुख्य सचिव मनोज सिंह से मुलाकात की। इस दौरान अधिकारियों और कर्मचारियों ने बताया कि वह किस तरह के दबाव में काम कर रहे हैं।

मुख्य सचिव ने ऑफिसर्स की मांगों को मुख्यमंत्री तक पहुंचाने का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा कि जल्द ही इस मुद्दे का समाधान किया जाएगा।

यह भी पढ़ें - दहेज ने ली एक और बेटी की जान, डॉक्टर पति गिरफ्तार

Advertisment

निलंबित होने वालों में था नाम

प्रदेश सरकार ने जीएसटी महकमे में एमनेस्टी स्कीम लागू की है। इसके तहत खंड के प्रत्येक अधिकारी को हर रोज पांच व्यापारियों को जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है। सरकार ने लक्ष्य न पूरा करने वाले अधिकारियों के निलंबन के निर्देश दिए हैं।

सूत्रों के हवाले से

Advertisment

विभागीय सूत्रों का कहना है कि प्रदेश भर में 1000 से ज्यादा जिन अवसरों के निलंबन के निर्देश हैं, उनमें गाजियाबाद के डिप्टी कमिश्नर संजय का नाम भी शामिल था। इसको लेकर वह लंबे समय से डिप्रेशन में चल रहे थे।

यह भी पढ़ें - चलो बुलावा आया है, माता ने बुलाया है, गाजियाबाद से जम्मू सिर्फ एक घंटे में

जीएसटी के प्रमुख सचिव एम. देवराज की तरफ से बैठकों के दौरान लक्ष्य न पूरा करने वाले अफसर पर कार्रवाई के निर्देश दिए गए थे। प्रमुख सचिव के निर्देश के बाद जोनल एडिशनल कमिश्नरों की तरफ से जारी पत्र में साफ कहा गया है कि हर हाल में रोजाना पांच केस एमनेस्टी में शामिल करने हैं।

इसे पूरा न करने वाले अधिकारी का नाम निलंबन के लिए भेज दिया जाएगा। इस आदेश के कारण प्रदेश के 1200 अफसरों में से 1000 पर निलंबन का खतरा मंडरा रहा है।

Advertisment
Advertisment