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Ghaziabad- सरकारी विभागों पर 55 करोड़ का विद्युत बिल बकाया, पर आम आदमी को कोई राहत नहीं आख़िर क्यों

गर्मियों का सीजन शुरू हो चुका है बाजार में AC पंखों की डिमांड बढ़ चुकी है, इसी के साथ बिजली की खपत भी बढ़ाने वाली है, जहां आम उपभोक्ता को बिजली बिल में कोई रियायत नहीं मिलती वहीं सरकारी विभाग अभी भी 55 करोड रुपए का बिल दबाए बैठा है।

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Kapil Mehra
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Privatization

Photograph: (YBN)

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गाजियाबाद वाईबीएन संवाददाता 

आम उपभोक्ता को नहीं है राहत

आम आदमी पर दो-चार हजार का भी अगर बिजली बकाया होताा है तो बिजली विभाग तुरंत कनेक्शन काट देता है, आलम यह होता है कि आम आदमी को चंद दिन की मोहलत भी नहीं दी जाती जिससे कि वह कहीं से पैसे का इंतजाम कर बिजली का बिल जमा कर दे।

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फोटो जर्नलिस्ट सुनील कुमार

सरकारी विभाग पर मेहरबानी क्यों ?

लेकिन बात जब सरकारी विभागों की आती है तो कहीं ना कहीं बिजली विभाग घुटने टेक देता है,वहीं कुछ ऐसे उपभोक्ता भी हैं जिन पर हजारों लाखों नहीं बल्कि करोड़ों रुपए का बिजली बिल बकाया है लेकिन फिर भी बिजली विभाग की सतर्कता नजर नहीं आती है।

सरकारी विभाग पर 55 करोड़ है बकाया

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गाजियाबाद के जोन एक में कुल 2 लाख 25 हजार बिजली उपभोक्ता है, जिसमें से 1209 सरकारी कनेक्शन हैं, सरकारी कनेक्शंस पर बिजली विभाग का कुल 55 करोड़ रुपए बकाया है, जहां एक तरफ आम आदमी का बिजली बिल जमाना होने पर कनेक्शन काट दिया जाता है तो वहीं दूसरी तरफ सरकारी विभागों से बिजली विभाग 31 मार्च 2025 तक बिजली बिल जमा करने का अनुरोध कर रहा है।

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विद्युत विभाग हुआ सख्त 

हालांकि, अब बिजली विभाग सरकारी विभागों द्वारा बिल जमा न करने पर भी सख्त रवैया अपनाते हुआ दिखाई दे रहा है. यही वजह है कि अब सरकारी विभाग भी अपना बिजली का बकाया बिल जमा करने के लिए धनराशि दे रहे हैं।

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कुछ दिन पूर्व विद्युत विभाग ने प्रताप विहार स्थित गंगा जल सप्लाई की बिजली लगभग 12 घंटे अधिक काट दी थी, कुछ बिल जमा होने के बाद बिजली दुबारा बहाल की गई थी।

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