गाजियाबाद, वाईबीएन संवाददाता
आज गाजियाबाद में एक ऐसी कहानी का समापन हुआ, जो न केवल चिकित्सा के क्षेत्र में एक मिसाल है, बल्कि मानवता और निस्वार्थ सेवा की जीवंत तस्वीर भी पेश करती है। डॉ. बीपी त्यागी द्वारा संचालित हर्ष हॉस्पिटल में आयोजित 111 मुफ्त कान के ऑपरेशन के कैंप का समापन विधायक अजीत पाल त्यागी की शुभकामनाओं के साथ हुआ। यह कैंप हर साल नई उम्मीदों का प्रतीक बनता है, और इस बार भी इसने सैकड़ों लोगों के जीवन में सुनने की रोशनी बिखेरी।
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लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज है हर्ष हॉस्पिटल का नाम
हर्ष हॉस्पिटल का नाम केवल गाजियाबाद या उत्तर प्रदेश तक सीमित नहीं है। इसकी गूंज देश भर में है, और इसका प्रमाण है लिम्का बुक ऑफ इंडिया रिकॉर्ड्स में इसकी उपस्थिति। हर साल 111 मुफ्त कान के ऑपरेशन आयोजित करने का यह अनोखा रिकॉर्ड हर्ष हॉस्पिटल और डॉ. बीपी त्यागी के अथक प्रयासों का परिणाम है। यह सिर्फ एक रिकॉर्ड नहीं, बल्कि उन अनगिनत लोगों की मुस्कुराहटों का प्रतीक है, जिन्हें इस कैंप ने नया जीवन दिया।
एक ऑपरेशन, एक लाख की क़ीमत, मगर मरीजों के लिए मुफ्त
कान का ऑपरेशन कोई साधारण प्रक्रिया नहीं है। एक ऑपरेशन की लागत लगभग 1,10,000 रुपये तक हो सकता है। अगर इस कैंप में हुए 111 ऑपरेशनों की बात करें, तो कुल लागत करीब 1.22 करोड़ रुपये के आसपास बैठती है। लेकिन जो बात इस कैंप को सबसे खास बनाती है, वह यह कि मरीजों से एक भी पैसा नहीं लिया जाता। यह एक ऐसा मिशन है, जहां चिकित्सा केवल पेशा नहीं, बल्कि सेवा और समर्पण का पर्याय है।
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एक डॉक्टर से बढ़कर, एक मसीहा
डॉ. बीपी त्यागी का नाम सुनते ही गाजियाबाद और आसपास के इलाकों में लोगों के चेहरों पर श्रद्धा और सम्मान झलकने लगता है। उनके लिए यह कैंप केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि एक संकल्प है, हर उस इंसान तक सुनने की खुशी पहुंचाने का, जो आर्थिक तंगी के कारण इस सुख से वंचित है। डॉ. त्यागी कहते हैं, कान का इलाज सिर्फ सुनने की क्षमता को वापस लाना नहीं है, बल्कि यह एक व्यक्ति के आत्मविश्वास, उसकी सामाजिक भागीदारी और उसके परिवार की खुशियों को लौटाने का माध्यम है।
कैसे बदल रहा है यह कैंप जिंदगियां?
इस कैंप में हर साल सैकड़ों लोग अपनी सुनने की समस्या लेकर आते हैं। इनमें बच्चे, बुजुर्ग, और युवा सभी शामिल होते हैं। कई लोग ऐसे होते हैं, जो जन्म से ही सुनने में असमर्थ हैं, तो कुछ लोग उम्र या दुर्घटना के कारण इस समस्या से जूझ रहे होते हैं। ऑपरेशन के बाद जब ये लोग पहली बार अपने प्रियजनों की आवाज सुनते हैं, तो उनकी आंखों में चमक और चेहरों पर मुस्कान देखने लायक होती है।
एक मरीज, 45 वर्षीय रामप्रकाश, जिनका इस कैंप में ऑपरेशन हुआ, भावुक होकर कहते हैं, “मैंने 10 साल बाद अपनी बेटी की आवाज सुनी। यह मेरे लिए किसी चमत्कार से कम नहीं। डॉ. त्यागी और हर्ष हॉस्पिटल ने मुझे नया जीवन दिया।”
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विधायक अजीत पाल त्यागी का योगदान और शुभकामनाएं
मुरादनगर के विधायक अजीत पाल त्यागी ने इस कैंप के समापन समारोह में शिरकत की और डॉ. बीपी त्यागी के इस नेक कार्य की जमकर सराहना की। उन्होंने कहा, “यह कैंप न केवल मुरादनगर की शान है, बल्कि पूरे देश के लिए एक प्रेरणा है। डॉ. त्यागी जैसे लोग समाज के सच्चे रत्न हैं, जो बिना किसी स्वार्थ के दूसरों की जिंदगी में उजाला ला रहे हैं।” विधायक ने भविष्य में भी इस तरह के आयोजनों को हर संभव सहयोग देने का वादा किया।
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