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Ghaziabad News - जांबाज अंकित तोमर: एक शहीद, जिसने अपनी जान देकर बचाई अनजान की जिंदगी

"सुरक्षा आपकी, संकल्प हमारा”—अंकित तोमर ने इस नारे को अपनी जिंदगी देकर साकार किया। उनकी शहादत हमें हमेशा याद दिलाएगी कि असली नायक वही हैं, जो अपनी जान की परवाह किए बिना दूसरों की जिंदगी बचाते हैं।

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Kapil Mehra
फोटो जर्नलिस्ट सुनील कुमार
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गाजियाबाद, वाईबीएन संवाददाता

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आज गाजियाबाद की धरती ने अपने एक सपूत को खो दिया, लेकिन उसकी वीरता और बलिदान की कहानी हमेशा शहर के दिलों में गूंजती रहेगी। ट्रैफिक पुलिस कांस्टेबल अंकित तोमर ने अपनी जान की परवाह न करते हुए एक अनजान महिला की जिंदगी बचाई, लेकिन नियति को शायद कुछ और ही मंजूर था। हिंडन नहर की तेज धार में कूदकर उन्होंने महिला को तो बचा लिया, मगर खुद को नहीं बचा पाए। अस्पताल ले जाते समय इस जांबाज ने अंतिम सांस ली। आज पुलिस लाइन में पुलिस कमिश्नर जे. रविंदर गौड़ की अगुवाई में गाजियाबाद पुलिस ने नम आंखों के साथ अपने इस वीर सिपाही को अंतिम विदाई दी।

एक सामान्य दिन, असाधारण वीरता

17 मई 2025 का दिन गाजियाबाद के कौशांबी थाना क्षेत्र में तैनात ट्रैफिक कांस्टेबल अंकित तोमर के लिए एक सामान्य ड्यूटी का दिन था। वैशाली सेक्टर-चार के पास हिंडन नहर के किनारे वह अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे। तभी एक दिल दहला देने वाली घटना ने सबका ध्यान खींचा। एक विवाहिता, घरेलू कलह से त्रस्त होकर, नहर में कूद गई। यह देखते ही अंकित ने एक पल की भी देरी नहीं की।

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अपनी जान की परवाह किए बिना, उन्होंने नहर की तेज धार में छलांग लगा दी। उनके साथ ट्रैफिक सब-इंस्पेक्टर (TSI) धर्मेंद्र पवार ने भी महिला को बचाने के लिए नहर में छलांग लगाई।अंकित और धर्मेंद्र ने मिलकर महिला को सुरक्षित बाहर निकाला। गोताखोरों की मदद से धर्मेंद्र भी बच गए, लेकिन अंकित नहर की तेज धार में बह गए। करीब एक घंटे की तलाश के बाद उन्हें नहर से निकाला गया और तुरंत मैक्स हॉस्पिटल ले जाया गया। लेकिन समय ने धोखा दे दिया। अस्पताल पहुंचने से पहले ही इस जांबाज ने दुनिया को अलविदा कह दिया।

फोटो जर्नलिस्ट सुनील कुमार

अंकित की वीरता: एक प्रेरणा

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अंकित तोमर की यह कहानी सिर्फ एक पुलिसकर्मी की ड्यूटी तक सीमित नहीं है। यह मानवता, निस्वार्थ सेवा, और बलिदान की वह मिसाल है, जो हर किसी को प्रेरित करती है। उन्होंने उस महिला को नहीं जाना, जिसके लिए उन्होंने अपनी जान दी। फिर भी, अपने कर्तव्य और मानवता के प्रति उनकी प्रतिबद्धता ने उन्हें एक सच्चा नायक बना दिया।

उनकी इस बहादुरी ने गाजियाबाद पुलिस की उस छवि को और मजबूत किया, जो हमेशा जनता की सुरक्षा के लिए तत्पर रहती है।पुलिस उपायुक्त (ट्रांस हिंडन) निमिष पाटिल ने अंकित की शहादत पर गहरा दुख जताते हुए कहा, “अंकित तोमर ने अपनी ड्यूटी से बढ़कर मानवता की मिसाल पेश की। उनकी वीरता और बलिदान को गाजियाबाद पुलिस हमेशा याद रखेगी।”

पुलिस लाइन में नम आंखों से विदाई

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आज पुलिस लाइन, गाजियाबाद में एक गमगीन माहौल था। पुलिस कमिश्नर जे. रविंदर गौड़ की अगुवाई में अंकित तोमर को पूरे सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। पुलिसकर्मियों ने अपने इस जांबाज साथी को सलामी दी, और नम आंखों के साथ उनकी शहादत को नमन किया।

इस दौरान पुलिस कमिश्नर ने अंकित के परिवार को हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा, अंकित की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी। उनका बलिदान हमें हमेशा अपने कर्तव्य के प्रति और समर्पित होने की प्रेरणा देगा।

फोटो जर्नलिस्ट सुनील कुमार

गाजियाबाद पुलिस की मानवीय पहल

गाजियाबाद पुलिस हाल के दिनों में अपनी जन-केंद्रित पहलों के लिए चर्चा में रही है। चाहे वह ट्रैफिक पुलिसकर्मियों के लिए AC हेलमेट की व्यवस्था हो, बिना हेलमेट वाहन चालकों को मुफ्त हेलमेट देना हो, या फिर एफआईआर की कॉपी पीड़ितों के घर पहुंचाना हो पुलिस कमिश्नर जे. रविंदर गौड़ के नेतृत्व में गाजियाबाद पुलिस लगातार जनता के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभा रही है। लेकिन अंकित तोमर की शहादत ने इस पुलिस बल की उस भावना को उजागर किया, जो कर्तव्य से परे जाकर मानवता की सेवा करती है।

प्रशासनिक लापरवाही पर सवाल

अंकित की मृत्यु ने कुछ सवाल भी खड़े किए हैं। सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ने पुलिस प्रशासन पर समय पर एम्बुलेंस उपलब्ध न कराने का आरोप लगाया। एक पोस्ट में दावा किया गया कि अंकित को ऑटो से अस्पताल ले जाया गया, जिसके कारण उनकी जान नहीं बचाई जा सकी। हालांकि, पुलिस ने इस पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है, लेकिन यह घटना प्रशासनिक तैयारियों पर सवाल उठाती है। ऐसे मौकों पर त्वरित चिकित्सा सुविधा की कमी किसी जांबाज की जान ले सकती है, और यह चिंता का विषय है।

फोटो जर्नलिस्ट सुनील कुमार

अंकित तोमर: एक अनमोल रत्न

अंकित तोमर का बलिदान गाजियाबाद ही नहीं, पूरे देश के लिए एक प्रेरणा है। उनकी कहानी हमें सिखाती है कि कर्तव्य और मानवता का रास्ता कभी आसान नहीं होता, लेकिन उस पर चलने वाले अमर हो जाते हैं।

गाजियाबाद पुलिस ने अपने इस जांबाज को खो दिया, लेकिन उनकी वीरता की गाथा हर पुलिसकर्मी के दिल में जज्बा जगाएगी।अंकित के परिवार, दोस्तों, और सहकर्मियों के लिए यह अपूरणीय क्षति है। हम सब उनके बलिदान को नमन करते हैं और उनके परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं। 

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