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जब बात देश की आर्थिक मज़बूती और नागरिकों की सेहत की हो, तो गाज़ियाबाद पीछे कैसे रह सकता है? जीएसटी दिवस 2025 के उपलक्ष्य में, फिट इंडिया कैंपेन के सहयोग से, सीबीआईसी के तत्वावधान में सीजीएसटी गाज़ियाबाद आयुक्तालय ने एक अनोखा कदम उठाया। 18 मई 2025 को सुबह 6 बजे, कमला नेहरू नगर के सीजीओ कॉम्प्लेक्स-2 से एक साइकिल मैराथन का आयोजन किया गया, जिसने न सिर्फ़ शहरवासियों को जोड़ा, बल्कि एक स्वस्थ और एकजुट भारत का संदेश भी दिया।
150 से ज़्यादा साइकिल सवार, 5 किलोमीटर का उत्साह
इस साइकिल मैराथन में गाज़ियाबाद के अलग-अलग तबकों ने हिस्सा लिया। सरकारी कार्यालयों के कर्मचारी, व्यापार जगत के दिग्गज, टैक्स बार एसोसिएशन के प्रतिनिधि और शहर के उत्साही नागरिक कुल 150 से ज़्यादा प्रतिभागियों ने इस अनोखे आयोजन में शिरकत की। मैराथन का रास्ता सीजीओ कॉम्प्लेक्स-2 से शुरू होकर केंद्रीय विद्यालय, संजय नगर, और पोस्टल अकादमी से गुज़रता हुआ वापस उसी परिसर में आकर ख़त्म हुआ। 5 किलोमीटर के इस रूट पर साइकिल सवारों का जोश और जुनून देखते ही बनता था।
मैराथन में सीजीएसटी गाज़ियाबाद के आयुक्त श्री संजय लवानियाँ की अध्यक्षता में अपर आयुक्त श्री साहिल सेठ, संयुक्त आयुक्त श्रीमती निधि गुप्ता सहित कई वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए। सुबह की ताज़गी और साइकिल की सैर ने सभी को एक नई ऊर्जा से भर दिया।
GST और फिट इंडिया: एक स्वस्थ भारत की दो मज़बूत नींव"
आयुक्त श्री संजय लवानियाँ ने इस मौके पर अपने विचार साझा करते हुए कुछ ऐसा कहा, जो हर किसी के दिल को छू गया। उन्होंने कहा, “जीएसटी अगर आर्थिक एकीकरण की बुनियाद है, तो फिट इंडिया के संकल्प से प्रेरित यह साइकिल रैली एक स्वस्थ भारत की बुनियाद है।” उन्होंने रोज़मर्रा की ज़िंदगी में साइकिलिंग को शामिल करने की वकालत की और बताया कि यह न सिर्फ़ शारीरिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देती है, बल्कि मानसिक तंदुरुस्ती को भी सुनिश्चित करती है।
उन्होंने आगे कहा, “एक नागरिक के तौर पर हमारी ज़िम्मेदारी है कि हम अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखें, ताकि अपनी भूमिकाओं को और प्रभावी ढंग से निभा सकें। विकसित भारत 2047 का सपना तभी साकार होगा, जब हम एक स्वस्थ भारत का निर्माण करेंगे।” उनके ये शब्द न सिर्फ़ प्रेरणादायक थे, बल्कि हर प्रतिभागी को एक नई सोच के साथ आगे बढ़ने का हौसला भी दे गए।
साइकिलिंग: सेहत और समुदाय का संगम
यह साइकिल मैराथन सिर्फ़ एक दौड़ नहीं थी, बल्कि एक सामुदायिक उत्सव थी, जिसने लोगों को एक-दूसरे के करीब लाया। सुबह की ठंडी हवा, साइकिल की रफ्तार और साथी सवारों का उत्साह—यह सब मिलकर एक ऐसा अनुभव बना, जो लंबे वक्त तक याद रहेगा। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक, हर आयु वर्ग के लोगों ने इस आयोजन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। कुछ ने इसे फिटनेस का ज़रिया माना, तो कुछ ने इसे शहर की एकजुटता का प्रतीक बताया।
विकसित भारत की ओर एक छोटा, मगर मज़बूत कदम
जीएसटी दिवस 2025 के इस आयोजन ने दिखा दिया कि आर्थिक सुधार और शारीरिक स्वास्थ्य एक-दूसरे के पूरक हो सकते हैं। साइकिल मैराथन ने न सिर्फ़ फिट इंडिया के संदेश को घर-घर तक पहुंचाया, बल्कि यह भी साबित किया कि छोटे-छोटे प्रयास बड़े बदलाव की नींव रख सकते हैं। गाज़ियाबाद के इस अनोखे आयोजन ने न केवल शहरवासियों को एक नई सुबह दी, बल्कि पूरे देश को एक स्वस्थ और सशक्त भारत का सपना दिखाया।
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