गाजियाबाद वाईबीएन संवाददाता
गाजियाबाद। डासना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एक गर्भवती महिला के प्रसव के दौरान अत्यधिक रक्तस्त्राव होने से महिला की मौत का मामला सामने आया है। महिला के परिजनों ने चिकित्सकों पर गंभीर लापरवाही और अवैध रूप से पैसे मांगने के आरोप लगाए हैं।
उस्मान कॉलोनी डासना निवासी छम्मन के पुत्र बिलाल की पत्नी सना 25 को 24 मार्च की शाम करीब पांच बजे प्रसव के लिए डासना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया था।
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स्टाफ ने मांगी रिश्वत
परिजनों का कहना है कि वह पूरी तरह स्वस्थ थी और सामान्य अवस्था में सीएचसी पहुंची थी। लेकिन सीएचसी के स्टाफ ने इलाज शुरू करने से पहले ही पैसे की मांग शुरू कर दिए।
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सना के चाचा ससुर रियासत मेंबर ने बताया कि जब सना को भर्ती कराया गया तो वहां मौजूद डॉ अंजलि और भारती यादव ने प्रसव से पहले ही दो हजार रुपये की मांग की। परिजनों ने खुशी-खुशी पैसे देने की बात मान ली, लेकिन सही तरीके से इलाज न करने की वजह से सना की तबीयत बिगड़ती चली गई।
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सर्जन नहीं आते समय से
सना की यह दूसरी डिलीवरी थी, इससे पहले एक 3 वर्ष की बेटी है। परिजनों ने इलाज में देरी और लापरवाही का आरोप लगाया है। साथ ही कहा कि जब सना की हालत गंभीर होने लगी तो डॉ ने बताया कि सर्जन अभी नहीं आए हैं और सुबह तक बच्चा सुरक्षित हो जाएगा।
प्रसव होने के बाद जब ब्लीडिंग नहीं रुकी तो महिला की स्थिति और बिगड़ी तो एक पुरुष डॉक्टर को बुलाकर टांके लगाए गए। जिससे ब्लीडिंग ज्यादा हो गई। हालत नाजुक होते ही सना को तुरंत एमएमजी अस्पताल गाजियाबाद रेफर कर दिया गया, लेकिन वहां भी स्थिति गंभीर बनी रही।
दिल्ली कर रेफर
इसके बाद सना को जीटीबी अस्पताल दिल्ली रेफर किया गया, लेकिन रास्ते में ही सना की मौत हो गई। महिला ने बेटा को जन्म दिया जो स्वस्थ है। सना की सास हसीना ने अस्पताल प्रशासन पर आरोप लगाया कि चिकित्सकों ने इलाज से ज्यादा पैसे को प्राथमिकता दी और परिजनों को धमकाते हुए कहा कि अगर वे पेपर साइन नहीं करेंगे तो उन्हें जेल भेज दिया जाएगा।
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परिजनों ने मांग की है कि इस लापरवाही और घूसखोरी के लिए डासना सीएचसी के चिकित्सकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए और दोषियों को बर्खास्त किया जाए।