गाजियाबाद वाईबीएन संवाददाता
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज गाजियाबाद में RSS की बैठक में शिरकत करने पहुंचे थे, लेकिन उनके जाते ही शहर की सड़कों पर ऐसा 'विभीषण' ट्रैफिक जाम लगा कि सड़को गाड़ियां रेंगती नजर आईं और लोग भुनभुनाते दिखे।
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जाम में फंसे हज़ारों लोग
मुख्यमंत्री का काफिला निकला तो सियासी चर्चाएं छिड़ीं, लेकिन उनके बाद जो बचा, वो था घंटों का जाम और हॉर्न की कर्कश आवाज़।आज सुबह से ही गाजियाबाद की सड़कों पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम थे। जगह-जगह बैरिकेड्स, पुलिस की तैनाती और VIP मूवमेंट ने शहर को एक तरह से लॉक कर दिया था। जैसे ही दोपहर 3:30 बजे मुख्यमंत्री की बैठक खत्म होते है और जैसे ही काफिला रवाना हुआ, सड़कों पर गाड़ियों का जाम लग गया।
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हर सड़क पर लगा लंबा जाम
NH-9 से लेकर हिंडन एलिवेटेड रोड तक हर तरफ अफरा-तफरी का आलम था।ऑटोवाले, बाइकर्स और कार सवार सब एक-दूसरे को ऐसे कोसते नजर आए, मानो ट्रैफिक जाम ने गाजियाबाद की एकता को टेस्ट करने की ठान ली हो।
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ट्रैफिक पुलिस के मुताबिक, जाम की वजह VIP मूवमेंट के बाद रास्तों का एक साथ खुलना और गाजियाबाद की पहले से तंग सड़कों पर बढ़ता दबाव था। लेकिन जनता का सवाल है क्या हर बड़े नेता के दौरे के बाद शहर को ऐसी सजा मिलनी चाहिए?
कुछ लोग इसे 'योगी प्रभाव' का मजेदार साइड इफेक्ट बता रहे हैं, तो कुछ इसे शहर की ट्रैफिक व्यवस्था पर सवाल उठाने का मौका मान रहे हैं।
5 अप्रैल को फिर आ रहे मुख्यमंत्री
5 अप्रैल को घंटा घर रामलीला मैदान में होने वाले कश्यप निषाद महाकुंभ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बतौर मुख्य अतिथि के रूप में पधार रहे हैं तो क्या फिर गाजियाबाद फिर ट्रैफिक जाम की समस्या से जूझेगा, लेकिन गाजियाबाद की सड़कों ने आज एक बार फिर साबित कर दिया कि यह शहर सियासत और ट्रैफिक, दोनों में ही 'हटके' है। अब योगी जी आएं, तो शायद शहरवासी दुआ करें, बैठक छोटी हो की रैली हो पर ट्रैफिक का 'विभीषण' रूप न देखने को मिले।
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