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Ghaziabad - जिला अस्पताल के मुख्य गेट पर हो रहे अतिक्रमण के लिए कौन है जिम्मेदार

चिराग तले अंधेरा, नई बस्ती गंदा नाला क्षेत्र में लगने वाले अवैध बाजार पर पुलिस ने शिकंजा तो कस लिया लेकिन सरकारी अस्पताल के सामने होने वाले अतिक्रमण के लिए जिम्मेदार कौन ?

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Kapil Mehra
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फोटो जर्नलिस्ट सुनील कुमार

फोटो जर्नलिस्ट सुनील कुमार

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गाजियाबाद वाईबीएन संवाददाता 

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Ghaziabad -चिराग तले अंधेरा, नई बस्ती गंदा नाला क्षेत्र में लगने वाले अवैध बाजार पर पुलिस ने शिकंजा तो कस लिया लेकिन। अतिक्रमण पर कार्यवाही कब ?

अतिक्रमण हैं मुख्य समस्या 

जी हां हम बात कर रहे हैं नई बस्ती गंदा नाला क्षेत्र के सामने गाजियाबाद के पुराने व इकलौते जिला MMG चिकित्सालय की।

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चिकित्सालय के मुख्य गेट के सामने हस्पताल की एंबुलेंस जाने का रास्ता है उसे अतिक्रमणकारियों ने कब्जा रखा है, कहीं गाड़ी खड़ी होती है कहीं छोले भटूरे के ठेली लगती है।

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फोटो जर्नलिस्ट सुनील कुमार

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पुलिस चौकी है महज़ 10 मीटर दूरी पर

दूधेश्वरनाथ पुलिस चौकी से 10 मीटर की दूरी पर है थाना कोतवाली से मात्र 500 मीटर की दूरी पर यह इसके बाद भी अतिक्रमणकारी फल फूल रहे हैं। अब देखना यह है कि पुलिस चौकी से मात्र 10 मीटर की दूरी पर जिला अस्पताल के सामने अतिक्रमण जो हो रहा है उसके लिए जिम्मेदार कौन हैं ?

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फोटो जर्नलिस्ट सुनील कुमार

अधिकारी फोन नहीं उठाते

जब इस मामले को लेकर महापौर सुनीता दयाल अग्रवाल से बात करने के लिए उनके सचिव मनीष शर्मा को फोन लगाया तो आदतन जैसे कि वह किसी का भी फोन नहीं उठाते हैं उन्होंने पूरे दिन में फोन का उत्तर नहीं दिया। 

क्या निगम लगवाता है इन दुकानों को ?

जहां एक तरफ पूरा शहर ट्रैफिक जाम की समस्या से जूझ रहा है वही सरकारी अस्पताल के सामने जगह को ठेली पटरी वालों ने इस कदर कब्जा कर रखा है। मानो निगम द्वारा या पुलिस द्वारा उनको एक पट्टा आवंटित कर दिया हो दुकान लगाने का। 

फोटो जर्नलिस्ट सुनील कुमार

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एंबुलेंस लेती है लंबा रास्ता

आलम यह है कि जब सरकारी एंबुलेंस किसी मरीज को लेकर सरकारी अस्पताल की तरफ जाती है तो वह सीधा गेट से न होकर आगे से घूम कर आती है।

जिला हॉस्पिटल का रास्ता बंद

जिला अस्पताल के मुख्य गेट के सामने का रास्ता तो ठेली पटरी और छोले भटूरे वालों ने घेरा हुआ होता है। 

फोटो जर्नलिस्ट सुनील कुमार

दुबारा कब्ज़ा हो जाता है

इस बारे में जब कभी शिकायत होती है तो थोड़े ही सही पर कुछ समय के लिए अतिक्रमण को हटा तो दिया जाता है, लेकिन फिर वही अतिक्रमणकरी दुबारा जाकर उसे जगह को दोबारा कब्जा लेते हैं। 

क्या पुलिस लेगी संज्ञान ?

जहां एक तरफ पुलिस कमिश्नर गाजियाबाद अजय मिश्र ने आदेश जारी किया था की गाजियाबाद में कहीं भी पैठ बाजार की वज़ह से जाम लगता है तो उस बाज़ार पर कार्यवाही करी जाएगी।

जनता का सवाल

 सवाल यह खड़ा होता है अब इन अतिक्रमणकारियों पर कार्यवाही कब तक होगी।

अतिक्रमण पर जिम्मेदारी किसकी ?

अतिक्रमण कौन करवा रहा है ? किस की शह पर हो रहा है ? किसकी जिम्मेदारी तय होगी इन अतिक्रमणकारियों को लेकर ?

क्या वजह है जो पुलिस प्रशासन सड़क या सरकारी जगह पर लगने वाली अवैध दुकानों, ठेलियों पर कार्रवाई नहीं कर रहा है ?

पुलिस की देखरेख में लगती है दुकानें 

स्थानीय निवासी का आरोप है कि हर दुकान का महीना बांधा हुआ है, पुलिस के संरक्षण में लगती है अवैध दुकानें।

अगर हुई कोई अनहोनी 

यदि जो नियमित रूप से एंबुलेंस जिला अस्पताल में आती है और उन्हें आने में जो समय लगता है। इस दौरान यदि किसी मरीज की अगर मौत हो जाती है तो उसका जिम्मेदार कौन होगा ? दुकान लगाने वाले ? दुकान लगवाने वाले ? नगर निगम या पुलिस प्रशासन ?

अब देखना है इस मुद्दे को लेकर जिला प्रशासन पुलिस प्रशासन कितना गंभीर है ? और कब तक इस समस्या से आम नागरिकों को अस्पताल में आने वाले मरीजों को निजात मिल पाएगी।

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