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New Opration In Ghaziabad-Gautambudh Nagar: लो आ गया नया अभियान, नो हेल्मेट, नो फ्यूल पर सिर्फ फाइलों में हुआ काम

NO HELMET, NO FUEL की तर्ज पर शासन ने कंडम वाहनों को लेकर एक नये अभियान का आगाज पूरे एनसीआर में किया है। ये अभियान 30 जून तक गाजियाबाद-गौतमबुद्धनगर जिले में लागू होना है। मगर हाल ये है कि अब तक कवायद सिर्फ हवा-हवाई की जा रही है।

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Rahul Sharma
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गाजियाबाद, चीफ रिपोर्टर।
करीब दो महीने पुरानी बात रही होगी। तमाम मीडिया प्लेटफार्मस की तरह ही हमने भी जमकर शासन के उस आदेश की तारीफ की थी कि सड़क हादसों को रोकने के लिए शासन ने एक शानदार पहल की है। पहल ये थी कि नो हेल्मेट, नो फ्यूल। शासन स्तर पर ये आदेश पूरे सूबे के जिला स्तर के अफसरों को भेजा गया था। मगर चंद रोज बाद ही इस आदेश को रद्दी की टोकरी में डाल दिया गया। हालाकि यंग भारत ने इस आदेश की अवहेलना की खबरें भी दिखाई। मगर, खबर चलने के बाद चंद रोज का इम्पलीमेंट और फिर आदेश हो गया हवा-हवाई या ये कहें कि अन्य अहम आदेशों की तरह ही रद्दी की टोकरी में पहुंच गया।
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इस बार नया आदेश जारी हुआ है। निर्देश भी दिए जा रहे हैं और पत्राचार करने की बात भी कही जा रही है। मजे की बात ये है कि ये आदेश भी सड़क हादसों की रोकथाम से जुड़ा ही है।

अब रिटायर व्हीकल को तेल नहीं देने का फरमान

अपनी आयु सीमा पूरी कर चुके वाहन सड़कों पर न चलें, जिससे कि प्रदूषण पर काबू पाया जा सके और मियाद पूरी कर चुके अनफिट हो चुके वाहनों की वजह से होने वाले हादसों को रोका जा सके। इसके लिए उत्तर प्रदेश शासन की तरफ से बाकायदा निर्देश जारी किए गए थे। इसी निर्देश के तहत गाजियाबाद जिले के 110 पेट्रोल पंपों पर ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन कैमरे लगवाए जाने का आदेश किया गया है।
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ये है पूरा मामला

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दरअसल, एनसीआर क्षेत्र में बढ़ते प्रदूषण के दवाब को देखते हुए वायु गुणवत्ता आयोग के सदस्य सचिव अरविन्द नौटियाल ने 17 अप्रैल को एक पत्र उत्तर प्रदेश शासन को भेजा था। इस पत्र में एनसीआर क्षेत्र में प्रदूषण के बढ़ते दवाब को लेकर चिंता जताने के साथ-साथ इसकी रोकथाम के लिए एनसीआर क्षेत्र के पेट्रोल-डीजल पंप पर ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन कैमरे लगवाए जाने को कहा था। पत्र में दिल्ली के पंपों का जिक्र करते हुए ये व्यवस्था 30 जून 2025 तक कराने को कहा गया था। आज तक ये व्यवस्था सिर्फ फाइलों में चल रही है। हालाकि दावा किया गया है कि इस आदेश-निर्देश पर 30 जून तक अमल हो जाएगा। मगर, हकीकत ये है कि स्थानीय प्रशासन ने आज तक एक बैठक तक इस मामले को लेकर नहीं बुलाई है। केवल हवा-हवाई आदेश-निर्देश चल रहे हैं।

ये भी देखें: Opration No helmet, No Fuel: कमिश्नर साहब ! दीजिए जवाब, क्या खाकी पर लागू होगा कोई कायदा-कानून ?

ये किया जा रहा है दावा

प्रशासन का दावा है कि यह कैमरे पेट्रोल पंपों पर आने वाले वाहनों की नंबर प्लेट की जांच कर अलर्ट मैसेज देंगे। जिससे पेट्रोल पंपों पर इन वाहनों में ईंधन न डाला जा सके इस तरह की व्यवस्था की जाएगी।

ये कहना है जिलापूर्ति अधिकारी का

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जिला पूर्ति अधिकारी अमित तिवारी का कहना है कि जिले में पेट्रोल पंप पर अत्याधुनिक एएनपीआर कैमरे लगाए जाने को लेकर पेट्रोल पंप संचालकों से कैमरों को लगाने में आने वाली लागत का ब्यौरा मांगा है। इसके संबंध में रिपोर्ट तैयार कर परिवहन विभाग के अधिकारियों को साझा की जाएगी। शासन से बजट मिलने के बाद पेट्रोल पंपों पर एएनपीआर कैमरे लगाने का कार्य किया जाएगा। उन्होंने बताया कि जिले में कुल 122 पेट्रोल पंप हैं। पहले चरण में जून माह तक 110 कैमरे लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

पेट्रोल पंप संचालक बोले-सिर्फ फोन पर चर्चा हुई

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पेट्रोल पंप ऑनर्स की गाजियाबाद एसोसिएशन के पदाधिकारी।

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इस मामले में पेट्रोल पंप मालिक और गाजियाबाद पेट्रोलियम एसोसिएशन के अध्यक्ष विपिन शर्मा व उपाध्यक्ष सुरेश चंद्र शर्मा ने बताया कि इस विषय को लेकर जिला पूर्ति अधिकारी ने फोन पर औपचारिक बात तो की है। लेकिन अभी तक इस संबंध में न तो किसी तरह की कोई बैठक ही हुई है और ना किसी तरह का कोई पत्राचार ही स्थानीय स्तर पर किया गया है। उनके मुताबिक शासन का एक निर्देश पत्र जरूर उन्हें मिला है। उनका कहना है कि यदि इस तरह का कोई आदेश-निर्देश मिलता है तो पंप मालिकों के साथ बैठक करके उस पर विचार किया जाएगा।

यंग भारत ने की थी पड़ताल

गौरतलब है कि सड़क हादसे रोकने के लिए शासन स्तर पर लिए गए फैसले, जिसके तहत नो हेल्मेट, नो फ्यूल के एक आदेश को प्रदेश भर में लागू करने के निर्देश दिए गए थे, उसे लेकर यंग भारत ने सूबे भर के अधिकांश जिलों में पड़ताल की थी। पड़ताल में खुलासा हुआ था कि चंद रोज में ही इस आदेश-निर्देश की अनदेखी होने लगी थी। न अफसरों ने संज्ञान लिया, न गंभीरता से इसे लागू कराया गया। नतीजतन आज भी बिना हेल्मेट वाले वाहन चालकों को पेट्रोल पंप पर लोगों को तेल की आपूर्ति हो रही है।

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