गाजियाबाद, वाईबीएन संवाददाता
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हुए क्रूर आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस कायराना कृत्य के खिलाफ गाजियाबाद में राष्ट्रीय बजरंग दल ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। संगठनों के जिला अध्यक्ष विकास सैनी की अगुवाई में सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें आतंकियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई और हिंदू पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की गई।
पहलगाम की बैसरण घाटी में मंगलवार को आतंकी संगठन द रेसिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलीबारी की, जिसमें 28 लोग मारे गए, जिनमें दो विदेशी नागरिक और दो स्थानीय लोग शामिल थे। हमलावरों ने कथित तौर पर यात्रियों की धार्मिक पहचान पूछकर हिंदुओं को निशाना बनाया, जिससे यह हमला और भी घृणित हो गया। इस घटना ने देशभर में आक्रोश की लहर पैदा कर दी है।
गाजियाबाद में गूंजा आतंकवाद के खिलाफ नारा
विकास सैनी ने ज्ञापन सौंपने के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा, "पहलगाम में हिंदू पर्यटकों की धार्मिक पहचान पूछकर की गई हत्या न केवल कायरतापूर्ण है, बल्कि यह कश्मीर की शांति और अमरनाथ यात्रा जैसे पवित्र आयोजनों को दहलाने की साजिश है।
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आतंकी चाहते हैं कि कश्मीर में फिर से खौफ का माहौल बने, लेकिन हम ऐसा नहीं होने देंगे।" उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की कि आतंकियों के खिलाफ "घर में घुसकर मारने" की नीति को और सख्त किया जाए।
कार्यकर्ताओं ने जिलाधिकारी कार्यालय के बाहर "आतंकवाद मुर्दाबाद" और "भारत माता की जय" के नारे लगाए। ज्ञापन में मृतकों के परिजनों को उचित मुआवजा, घायलों के लिए बेहतर चिकित्सा सुविधा और कश्मीर में तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के लिए विशेष इंतजाम करने की मांग की गई। विकास सैनी ने यह भी कहा कि "पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद को अब और बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। केंद्र सरकार को कठोर कदम उठाकर आतंकियों और उनके आकाओं को सबक सिखाना।
ज्ञापन में क्या थी मांगें?
राष्ट्रीय बजरंग दल के ज्ञापन में निम्नलिखित मांगें प्रमुख थीं
आतंकियों के खिलाफ सैन्य कार्रवाई
कश्मीर में आतंकियों के ठिकानों को नष्ट करने के लिए "ऑपरेशन क्लीन" जैसा अभियान शुरू किया जाए।
तीर्थयात्रियों की सुरक्षा
अमरनाथ और वैष्णो देवी यात्रा जैसे धार्मिक आयोजनों के लिए अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए जाएं।
मुआवजा और पुनर्वास
मृतकों के परिवारों को एक-एक करोड़ रुपये का मुआवजा और घायलों को 20 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाए।
अंतरराष्ट्रीय दबाव
पाकिस्तान के खिलाफ वैश्विक मंचों पर कड़ा रुख अपनाया जाए ताकि आतंकवाद को मिलने वाली फंडिंग और समर्थन रोका जा सके।
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सोशल मीडिया पर भी उबाल
पहलगाम हमले के बाद सोशल मीडिया पर भी लोगों का गुस्सा साफ दिख रहा है। गाजियाबाद के राजनगर RDC में सैकड़ों लोगों ने आतंकियों को "घर में घुसकर जवाब देने" की मांग की। यह घटना कश्मीर की मेहमाननवाजी और शांति की छवि को धूमिल करने वाली है, जिसे लेकर स्थानीय लोग भी आहत हैं।
पुलिस और प्रशासन की प्रतिक्रिया
गाजियाबाद पुलिस ने प्रदर्शन के दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए। जिलाधिकारी ने ज्ञापन स्वीकार करते हुए आश्वासन दिया कि इसे तुरंत केंद्र सरकार तक पहुंचाया जाएगा। पुलिस कमिश्नरेट ने भी शहर में हाई अलर्ट जारी कर धार्मिक स्थलों, रेलवे स्टेशनों और बस अड्डों पर निगरानी बढ़ा दी है।
क्या कहते हैं स्थानीय लोग?
गाजियाबाद के निवासी इस हमले से गहरे आहत हैं। स्थानीय व्यापारी रमेश त्यागी ने कहा, "कश्मीर हमारा ताज है, और वहां पर्यटकों पर हमला पूरे देश पर हमला है। सरकार को अब शब्दों से नहीं, एक्शन से जवाब देना होगा।" एक अन्य निवासी, शालिनी गुप्ता ने कहा, "हमारे बच्चे और परिवार कश्मीर घूमने जाते हैं। अगर वहां सुरक्षा नहीं होगी, तो लोग कैसे जाएंगे।
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