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Sahibabad- जब कैबिनेट मंत्री बने कथा वाचक, भक्तों को किया मंत्रमुग्ध

सुनील शर्मा ने तीन घंटे से अधिक समय तक भगवान श्रीराम के चरित्र, आदर्शों और नीति सिद्धांतों पर विस्तृत चर्चा की रामराज्य के मूल्यों और सनातन धर्म की अनंत महिमा का दिव्य सन्देश को मंच से बताया जिसने उपस्थित

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Kapil Mehra
MLA Sunil Sharma
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गाजियाबाद, वाईबीएन संवाददाता।

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कथा वाचक बने कैबिनेट मंत्री सुनील शर्मा

श्री श्याम रसोई साहिबाबाद ट्रस्ट द्वारा आयोजित श्रीराम चर्चा में उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री एवं साहिबाबाद विधायक सुनील शर्मा कथावाचक की भूमिका निभाते हुए दिखे 
सुनील शर्मा ने तीन घंटे से अधिक समय तक भगवान श्रीराम के चरित्र, आदर्शों और नीति सिद्धांतों पर विस्तृत चर्चा की रामराज्य के मूल्यों और सनातन धर्म की अनंत महिमा का दिव्य सन्देश को मंच से बताया जिसने उपस्थित भक्तों को श्रीराम के जीवन से जुड़े गहरे संदेशों से परिचित कराया। 
आपको बता दे कि कैबिनेट मंत्री के प्रवचन के दौरान पूरा वातावरण “जय श्रीराम” के उद्घोष से गूंज उठा। भक्तों ने राम नाम संकीर्तन करते हुए इस आध्यात्मिक आयोजन में अपनी भक्ति और श्रद्धा को व्यक्त किया।

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खुद बने कथा वाचक 

गरीबों को मात्र 1 रुपये में भोजन कराने वाली श्याम रसोई ने अपनी समाज सेवा के तीन वर्ष पूरे कर लिए थे। इस उपलक्ष्य में श्याम रसोई ने एक भव्य कथा और कीर्तन का आयोजन करने की योजना बनाई थी। इसके लिए एक प्रसिद्ध कथा वाचक को आमंत्रित किया गया, लेकिन उन्होंने कई शर्तें रखीं, जिन्हें पूरा कर पाना श्याम रसोई के लिए संभव नहीं था।
ऐसे में उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री एवं साहिबाबाद के विधायक सुनील कुमार शर्मा ने आगे बढ़कर इस धार्मिक आयोजन की जिम्मेदारी संभाली और श्री राम कथा सुना डालीI

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रामराज्य की अवधारणा

कैबिनेट  मंत्री ने रामराज्य की परिकल्पना को स्पष्ट करते हुए कहा कि यह केवल एक ऐतिहासिक घटना नहीं, बल्कि सर्वोत्तम शासन व्यवस्था का प्रतीक है। उन्होंने बताया कि श्रीराम ने धर्म, न्याय, सेवा और सदाचार के आधार पर एक ऐसे राज्य की स्थापना की, जहां सभी वर्गों को समान अधिकार प्राप्त थे।
सुनील कुमार शर्मा  ने बताया कि श्रीराम ने यह संदेश दिया कि राजधर्म और व्यक्तिगत धर्म में संतुलन बनाकर ही एक सशक्त समाज की स्थापना की जा सकती है। उन्होंने बताया कि वर्तमान समय में भी हमें श्रीराम के आदर्शों को अपने व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन में अपनाने की आवश्यकता है।

लंका विजय और अधर्म पर धर्म की जीत

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श्रीराम कथा के इस महत्वपूर्ण प्रसंग पर मंत्री जी ने बताया कि लंका विजय केवल एक युद्ध नहीं, बल्कि धर्म और अधर्म के बीच संघर्ष का प्रतीक था। यह दिखाता है कि जब अधर्म अपने चरम पर होता है, तब धर्म की विजय अवश्यंभावी होती है।

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