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सेहत का खजाना: दस जड़ी-बूटियों का आयुर्वेदिक मिश्रण, जानें- दशमूल के चमत्कारी फायदे

आयुर्वेद में जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल शरीर को स्वस्थ रखने के लिए किया जाता इन्हीं में से एक 'दशमूल', गौर करें तो दश यानी दस और मूल यानी जड़ें.. यानी, 10 जड़ी-बूटियों का एक मिश्रण। ये शारीरिक कमजोरी को दूर कर मजबूत बनाती हैं। जानते हैं इसके फायदे- 

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YBN News
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Tenherbs

Tenherbs Photograph: (ians)

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आयुर्वेद में कई तरह की जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल शरीर को स्वस्थ रखने के लिए किया जाता है। इन्हीं में से एक 'दशमूल', अगर इसके नाम पर गौर करें तो दश यानी दस और मूल यानी जड़ें.. यानी, 10 जड़ी-बूटियों का एक मिश्रण। यह एक आयुर्वेदिक मिश्रण है जिसमें बिल्‍व, अग्निमंथ, श्‍योनाक, पटल, कष्‍मारी, बृहती, कंटकारी, शलपर्णी, पृश्‍पर्णी और गोक्षुरा शामिल हैं। ये जड़ी-बूटियां एक साथ मिलकर शारीरिक कमजोरी को दूर कर मजबूत बनाती हैं। चलिए जानते हैं इसके फायदे- 

इसके फायदे-

अगर आपको माइग्रेन की समस्या है, तो दशमूल आपके लिए लाभकारी है। कई लोगों को उल्टी, मतली और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल लक्षणों के साथ माइग्रेन होता है। दशमूल इन सभी समस्याओं से छुटकारा दिलाता है। वहीं डिलीवरी के बाद आई कमजोरी को दूर करने के लिए यह रामबाण की तरह काम करता है। यह गर्भाशय के ऊतकों को पोषण देता है। इसके अलावा, दशमूल कब्‍ज और गैस से भी राहत दिलाती है।

इन मरीजों के लिए भी फायदेमंद

दशमूल गठिया की समस्याओं से जूझ रहे मरीजों के लिए भी फायदेमंद है। इसमें एनाल्जेसिक प्रभाव होता है जो सूजन या दर्द से राहत दिलाता है। इसके अलावा, अगर आपको सांस लेने में तकलीफ होती है या बार-बार खांसी आती है, तो दशमूल उपयोगी है। यह बलगम निकालता है और अस्थमा, काली खांसी और सामान्‍य खांसी को कम करता है। वहीं वायरल बुखार के लिए भी फायदेमंद है। यह इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है, जिससे शरीर बीमारियों से लड़ सके।

अगर पेशाब रुक-रुक कर आता है, तो दशमूल का सेवन करने से यह समस्या दूर हो जाती है। इसके अलावा, त्वचा से जुड़ी समस्याओं से भी राहत दिलाता है। जो लोग जल्दी थक जाते हैं, जिन्हें चक्कर आता है या हाथ-पैरों में कंपन होता है, उनके लिए दशमूल फायदेमंद है। यह तनाव कम करता है, नींद को बेहतर करता है और दिमाग को शांत रखता है। यह डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, हृदय रोग, कैंसर जैसे मरीजों के लिए गुणकारी है।

कैसे करें इसका उपयोग

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अब सवाल आता है, कि इसका उपयोग कैसे करें। आप दशमूल को काढ़े के रूप में ले सकते हैं, चूर्ण या टैबलेट के रूप में भी इसका सेवन कर सकते हैं। दशमूल को किसी भी प्रकार के माल्ट में मिलाया जा सकता है। हालांकि, सबसे अच्छा माना जाता है कि इसे जौ के माल्ट में मिलाया जाए। जौ का माल्ट दशमूल के स्वाद को और बढ़ा देता है और इसे और अधिक प्रभावी बनाता है।

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