नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क।
वायु प्रदूषण पूरी दुनिया में एक बड़ी समस्या है। लोग साफ हवा की जगह धुंआ अन्दर ले रहे हैं। यह लगातार सेहत को नुकसान पहुंचा रहा है। भारत का दिल्ली शहर शीर्ष प्रदूषित शहरों में आता है। वैज्ञानिकों ने वायु प्रदूषण से सेहत को होने वाले नुकसान को लेकर कई खुलासे किए हैं। हाल ही में न्यूयॉर्क के रोचेस्टर विश्वविद्यालय के अध्ययन में यह दावा किया गया है कि वायु प्रदूषण दिल और फेंफड़ों को ही नहीं बल्कि दिमाग को भी बीमार कर रहा है। इससे डाइमेंशिया जैसी गंभीर बीमारी का खतरा कई गुना बढ जाता है।
कितना है खतरनाक ?
ये ऑजोन और अन्य जहरीली गैसों की तरह ही खतरनाक है। इससे अस्थमा और फेंफडों के कैंसर के मरीजों में जान का जोखिम अधिक रहता है। शोधकर्ताओं ने बताया कि वायु प्रदूषण से डिमेंशिया, चिंता और अवसाद जैसी स्थिति भी पैदा हो रही है। इससे बच्चों में भी ऑटिज्म जैसी बीमारियां बढी़ है। WHO की 2021 में आई रिपोर्ट बताती है किे वायु प्रदूषण लोगों के न्यूरो सिस्टम पर गहरा असर छोड़ता है। पूरी दुनिया में 99 फीसदी आबादी प्रदूषण को झेल रही है। दिल्ली और मेक्सिको सिटी के लोग प्रदूषण के जोखिम का अधिक सामना करते हैं।
वैज्ञानिको ने जताई चिंता
इंपीरियल कॉलेज लंदन के पर्यावरण विज्ञानी ने चिंता जताते हुए कहा कि इस पर गहन शोध करना चाहिए कि वायु प्रदूषण में ऐसा क्या है जो इंसान के लिए खतरा बनता जा रहा है ताकि इसको प्रभाव को खत्म या कम करने के लिए जरूरी कदम उठाए जा सकें। 2010 में प्रदूषण से जुडी एक अन्य रिपोर्ट आई जिसमें बताया कि मैक्सिको शहर में बच्चों और कुत्तों पर वायु प्रदूषण के असर का अध्ययन किया जिसमें पता चला कि प्रदूषण से बच्चों के दिमाग में white matter lesions के घाव हो गए हैं। इससे दिमाग में डिमेंशिया पनपता है
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