नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क।
उम्र बढ़ने के साथ-साथ भूलने की बीमारी और ध्यान केंद्रित न कर पाने जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है, लेकिन ग्रीन टी बुजुर्गों को मानसिक रूप से स्वस्थ रख सकती है। यह दावा कनाजावा यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए एक अध्ययन में किया गया है। शोधकर्ताओं का कहना है कि बढ़ती उम्र के साथ बुजुर्गों को मस्तिष्क संबंधी समस्याएं होने लगती हैं। लेकिन दिनभर में 2 से 3 कप ग्रीन टी उन्हें इस खतरे से बचाने में बड़ी भूमिका निभा सकती है। ग्रीन टी सफेद पदार्थ के घावों से होने वाली समस्याओं से बचाती है। शोधकर्ताओं का कहना है कि यह लाभ केवल उन्हीं लोगों में देखने को मिलता है जो डिमेंशिया से पीड़ित नहीं होते हैं।
शोध में सामने आई ये बात
जापान प्रॉस्पेक्टिव स्टडीज द्वारा किए गए एक अध्ययन में ये नतीजे सामने आए हैं। वैज्ञानिकों ने कॉफी या ग्रीन टी के सेवन से मस्तिष्क पर पड़ने वाले प्रभाव पर गहन शोध किया, और पाया कि इससे अल्जाइमर जैसी खतरनाक स्थिति से निपटने में मदद मिलती है। ग्रीन टी और कॉफी में न्यूरोप्रोटेक्टिव गुण होते हैं जो स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। इससे उम्र बढ़ने के दौरान होने वाली समस्याओं से काफी हद तक राहत मिल सकती है। हालांकि, शोधकर्ताओं ने यह भी कहा कि कॉफी की तुलना में ग्रीन टी ज्यादा फायदेमंद है। कॉफी का मस्तिष्क पर कोई खास सकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता है।
क्या है white matter lesions
यह मस्तिष्क में होने वाली एक समस्या है जो एमआरआई के दौरान देखी जाती है। यह बढ़ती उम्र के साथ होने वाली एक आम समस्या है। इससे अल्जाइमर और डिमेंशिया जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं। यह मस्तिष्क में रक्त के प्रवाह को कम कर देता है। ग्रीन टी के अलावा खान-पान में बदलाव, योग और व्यायाम करके भी बढ़ती उम्र के असर को कम किया जा सकता है।
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