वाईबीएन नेटवर्क।
लखनऊ स्थित किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के बाल रोग विभाग में हाल ही में एक अध्ययन किया गया, जिसमें यह सामने आया कि स्तनपान न करने वाले बच्चे मोटापे का शिकार हो सकते हैं। इस अध्ययन में 200 बच्चों के आंकड़े लिए गए, जिनकी उम्र 2 से 3 साल के बीच थी। बच्चों को दो श्रेणियों में बांटा गया था: एक समूह में वे बच्चे थे, जिन्होंने छह महीने तक स्तनपान किया था, और दूसरे समूह में वे बच्चे थे, जिन्होंने स्तनपान नहीं किया था।
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डिब्बाबंद दूध और मोटापा
अध्यान के अनुसार, जो बच्चे स्तनपान नहीं करते थे और डिब्बाबंद दूध पीते थे, उनका वजन सामान्य से अधिक पाया गया। यह संकेत करता है कि मां का दूध बच्चों के शारीरिक विकास और वजन को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। डिब्बाबंद दूध में भरपूर कैलोरी होने के कारण, बच्चों का वजन जल्दी बढ़ सकता है, लेकिन यह वजन वृद्धि स्वस्थ नहीं होती।
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स्तनपान के फायदे
स्तनपान न केवल बच्चों का वजन नियंत्रित करता है, बल्कि यह उन्हें आवश्यक पोषक तत्व भी प्रदान करता है। मां का दूध बच्चे के विकास के लिए संपूर्ण पोषण का स्रोत होता है। इसमें प्रोटीन, विटामिन, और एंटीबॉडीज़ होते हैं, जो बच्चे को बीमारियों से लड़ने में मदद करते हैं। इसके अलावा, स्तनपान से बच्चों में मानसिक और शारीरिक विकास भी बेहतर होता है।