Advertisment

स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है धार्मिक अनुष्ठानों में इस्तेमाल होने वाला पान, मगर क्यों नहीं खाते हैं बासी?

पान का नाम लेते ही हरे पत्ते आंखों के सामने आ जाते हैं। पान का इस्तेमाल कई कामों में होता है। यह धार्मिक अनुष्ठानों से लेकर माउथ फ्रेशनर तक इस्तेमाल किया जाता रहा है। स्वास्थ्य के लिहाज से भी पान उत्तम है, इस बात की पुष्टि आयुर्वेदाचार्य खुद करते हैं।

author-image
YBN News
PAAN

PAAN Photograph: (ians)

Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

‘खइके पान बनारस वाला...’ पान का नाम लेते ही हरे-हरे चिकने पत्ते आंखों के सामने आ जाते हैं। पान का इस्तेमाल कई कामों में होता है। यह धार्मिक अनुष्ठानों से लेकर माउथ फ्रेशनर तक इस्तेमाल किया जाता रहा है। साथ ही स्वास्थ्य के लिहाज से भी पान उत्तम है, इस बात की पुष्टि आयुर्वेदाचार्य खुद करते हैं। हालांकि, वे यह भी बताते हैं कि बासी पान स्वास्थ्य के लिए सही नहीं होता है।  

पान खाने की मान्यता

सर्वप्रथम पूजनीय गणपति का पूजन हो या सत्य नारायण की कथा, यहां तक कि भगवती को भी पान विशेष पसंद है। शास्त्रों के अनुसार देवी के एक रूप मां कात्यायनी की आराधना से पहले पान खाने की मान्यता है। आयुर्वेद के विशेषज्ञ ताजे पान को कई लिहाज से उत्तम बताते हैं, वहीं बासी पान से परहेज करने की हिदायत भी देते हैं।

पान के प्रेमी

बनारस, कोलकाता या देश के किसी भी हिस्से में चले जाइए, पान के प्रेमी आपको मिल जाएंगे। कत्था, चूना, सुपारी के साथ सौंफ और अन्य चीजें मिलाकर पान के साथ खाई जाती है। कई जगह पर तो पान को मेहमाननवाजी का प्रतीक भी माना जाता है।

पान के औषधीय गुण

सर्वप्रथम पान के औषधीय गुणों की बात कर लेते हैं- पान के पत्तों के कई स्वास्थ्य लाभ बताते हैं। पंजाब स्थित 'बाबे के आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल' के डॉ. प्रमोद आनंद तिवारी पान के बारे में विस्तार से जानकारी देते हैं।

Advertisment

उन्होंने बताया, “पान का आयुर्वेद में काफी महत्व है। यह घाव को सुखाने में मदद करता है। इसमें कैल्शियम, विटामिन सी, राइबोफ्लेविन, कैरोटीन, नियासिन, क्लोरोफिल के साथ ही एंटीऑक्सीडेंट भी पाए जाते हैं। पान का सेवन सही तरीके से किया जाए तो यह शरीर को कई समस्याओं से बचाता है। नियमित रूप से सुबह के समय बासी मुंह पान का पत्ता चबाकर खाने से कई लाभ मिल सकते हैं।

आयुर्वेद में महत्व

उन्होंने बताया, “यदि आपको अपच या कब्ज की शिकायत है तो पान के पत्ते खाने की सलाह दी जाती है। बासी मुंह चबाकर पान का पत्ता खाने से पाचन तंत्र मजबूत बनता है और पाचन संबंधित समस्याएं जैसे डकार, अपच जैसी समस्याएं दूर होती हैं। पान का पत्ता खांसी और सर्दी के इलाज में मदद कर सकता है। इसका काढ़ा भी सेहत के लिए फायदेमंद होता है।”

पत्तों में एंटीसेप्टिक गुण

उनका कहना है, “पान के पत्तों में एंटीसेप्टिक गुण होते हैं, जो शरीर को कई तरह के संक्रमण से बचाने में मददगार होते हैं। औषधीय गुणों से भरपूर पान खाने से कई फायदे मिलते हैं। पान के पत्ते खाना पचाने में मदद करते हैं। पान जब भी खाएं उसमें चूना के बजाय गुलकंद, सौंफ, सीड्स, मेवे मिला सकते हैं। विशेषज्ञ बताते हैं कि दिन भर में पान दो या तीन से ज्यादा नहीं खाना चाहिए।"

बैक्टीरिया और अन्य सूक्ष्मजीव

Advertisment

वहीं, बासी पान में बैक्टीरियाऔर अन्य सूक्ष्मजीव पनप सकते हैं, जो पाचन तंत्र को प्रभावित कर सकते हैं और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकते हैं। इस वजह से बासी पान को नहीं खाना चाहिए। यह शरीर के लिए नुकसानदायक हो सकता है। बासी पान खाने से पेट खराब होने की संभावना बढ़ जाती है।

इसके साथ ही पान में लगाए जाने वाला चूना खाने के लिए नहीं बना है इसलिए शरीर को उसे पचाने में तकलीफ होती है। बासी पान में मिला चूना और कत्था भी नुकसानदायक होता है।

Advertisment
Advertisment