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खून की जांच से डिमेंशिया का पता लगाया जा सकता है
Dementia एक मानसिक बीमारी है। इसका अभी तक कोई ठोस इलाज नहीं खोजा गया है। हाल ही वैज्ञानिकों ने इसको लेकर एक दावा किया है। वैज्ञानिकों का कहना है कि खून के नमूनों से डिमेंशिया का समय से पहले की पता लगाया जा सकता है। ब्रिटेन में इसको लेकर वैज्ञानिकों ने 3000 से अधिक लागों पर इसका परीक्षण किया। वैज्ञानिकों को कहना है कि अगले पांच वर्षों में सस्ते और सरल परीक्षण लाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।
चैरिटी संस्थाओं का कहना है कि वर्तमान में, डिमेंशिया से लोगों का अभी भी सही से निदान नहीं हो पाया है। इस रोग से पीडि़त रोगी का परीक्षण लेने के लिए उनके cerebrospinal fluid का इस्तेमाल किया जाता है। ये फ्लूड दिमाग के पिछले हिस्से में पाया जाता है।
क्या है डिमेंशिया ?
डिमेंशया एक बढती हुई मानसिक बीमारी है जिससे याददाश्त में कमी और संज्ञानात्मक गिरावट होती है । पूरी दुनिया में यह बढ़ता हुआ न्यूरोलोजिकल डिसोर्डर है। इससे 65 साल की अधिक उम्र के व्यक्ति अधिक पीड़ित रहते हैं। इसका अभी तक कोई स्थाई इलाज नहीं खोजा गया है। हालांकि, कुछ दवाइयों के द्वारा इसके प्रभाव को कम किया जा सकता है। शोधकर्ता डिमेंश्यिा के कारणों का पता लगा रहे हैं। इस बीमारी से न्यूरो सेल्स के बीच कम्यूनिकेशन रुक जाता है। समय के साथ यह बीमारी बढ़ती जाती है और इससे मौत भी हो सकती है। एनेस्थीसिया का इस्तेमाल शरीर के किसी भाग को सुन्न करने के लिए किया जाता है। एनेस्थीसिया से जीनॉन गैस दिमाग में पहुंचकर खून के प्रवाह को बढ़ा देती है।
डिमेंशिया को कुछ टेस्ट के द्वारा पता लगाया जा सकता है
सीबीसी - सीबीसी खून में ब्लड सेल्स की संख्या को बताता है हालांकि इससे सीधे तौर पर डिमेंशिया का उपचार नहीं किया जा सकता है, लेकिन इससे लक्षणों का पता आसानी से लगाया जा सकता है।
थायरॉयड का टेस्ट - हार्मोन (TSH) और थायरोक्सिन (T4) जैसे टेस्ट थायरॉयड सही से फंक्शन कर रहा है या नहीं, इसमें मदद मिलती हैं।
विटामिन बी12 टेस्ट – इसके माध्यम से न्यूरोलॉजिकल परेशानियों का कुछ हद तक पता लगाया जा सकता है।