नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क।
कैंसर एक वैश्विक बीमारी है। इसका अभी तक स्थाई इलाज नहीं खोजा गया है। हालांकि कुछ समय पहले रूस ने कैंसर की ऐसी दवाई का दावा किया था जिससे कैंसर की सेल्स को पूरी तरह से खत्म किया जा सकता है। कैंसर महिलाओं और पुरुषों पर अलग- अलग प्रभाव डालता है। कैंसर पर प्रकाशित एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इससे महिलाएं अधिक पीड़ित रहती हैं। अमेरिकन कैंसर सोसाइटी ने अपने अध्ययन में बताया कि 50 वर्ष से कम आयु की महिलाओं में पुरुषों की तुलना में कैंसर का खतरा 82 प्रतिशत तक अधिक होता है। 2002 में यही आंकड़े 51 प्रतिशत थे और यह लगातार बढ़ रहा है।
ये कैंसर करता है महिलाओं पर असर
महिलाओं में होने वाले कैंसर में ब्रेस्ट कैंसर, गर्भाशय और कोलोरेक्टल कैंसर प्रमुख हैं। जबकि ब्रेस्ट कैंसर के केस सबसे अधिक हैं। 2012 से 2021 तक इसके केंसों में एक प्रतिशत की वृद्धि हुई है। 50 वर्ष से कम आयु के मरीजों में ब्रेस्ट के मामले 1.4 प्रतिशत तक बढे हैं।
कैंसर से महिलाओं में मृत्यु दर भी बढ रही है। आंकडों के मुताबिक 2012 से 2022 तक गर्भाशय कैंसर से मौत के मामलों में 1.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। वहीं कोलोरेक्टल कैंसर से मौतों में 1 प्रतिशत का इजाफा हुआ है।
इस तरह कम कर सकते हैं कैंसर का जोखिम
- तम्बाकू और धूम्रपान से बचें
- वजन को न बढ़ने दें, व्यायाम करते रहें। मोटापे से ब्रेस्ट कैंसर और गर्भाशय कैंसर का खतरा अधिक रहता है।
- फल और सब्जियों का सेवन अधिक से अधिक करें। कम वसा वाले आहार को भोजन में शामिल करें, रेड मीट का सेवन कम करें।
महिलाओं में कैंसर के प्रमुख कारण
- धूम्रपान करने से लंग्स और गर्भाशय के कैंसर का खतरा बढता है।
- अत्यधिक शराब पीने से कैंसर का खतरा बढता है।
- दिन भर धूप में रहने से कैंसर पनपता है।
- मोटापे से ब्रेस्ट कैंसर का खतरा रहता है।
- बच्चे पैदा करने पर भी ब्रेस्ट कैंसर का खतरा रहता है।
- इसके कुछ जेनेटिक कारण भी हो सकते हैं।
यह भी देखें: Colorectal Cancer : एक गिलास दूध पड़ेगा कैंसर पर भारी