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चिरायता : स्वाद में कड़वी लेकिन सेहत के लिए अमृत समान औषधि

चिरायता, जिसे ‘कड़वी जड़ी-बूटी’ के नाम से भी जाना जाता है, स्वाद में भले ही कड़वी हो, लेकिन इसके स्वास्थ्य लाभ अत्यंत प्रभावशाली हैं। आयुर्वेद में इसे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने, पाचन सुधारने और त्वचा रोगों के उपचार में उपयोगी माना गया है।

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YBN News
Chirata

Chirata Photograph: (ians)

नई दिल्ली। चिरायता, जिसे ‘कड़वी जड़ी-बूटी’ के नाम से भी जाना जाता है, स्वाद में भले ही कड़वी हो, लेकिन इसके स्वास्थ्य लाभ अत्यंत प्रभावशाली हैं। आयुर्वेद में इसे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने, पाचन सुधारने और त्वचा रोगों के उपचार में उपयोगी माना गया है। यह रक्त को शुद्ध करती है और लीवर को स्वस्थ रखने में मदद करती है। नियमित सेवन से डायबिटीज नियंत्रण में रहता है और शरीर से विषैले तत्व बाहर निकलते हैं। इसके काढ़े या पाउडर का सेवन सर्दी-जुकाम, बुखार और कमजोरी में भी लाभदायक होता है। चिरायता सचमुच औषधियों में अमृत समान है।

आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी

चिरायता एक कड़वी लेकिन बेहद गुणकारी आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है, जो भारत में सदियों से विभिन्न बीमारियों के इलाज में इस्तेमाल होती आ रही है। खासकर बदलते मौसम में होने वाले बुखार, पाचन संबंधी गड़बड़ी और त्वचा रोगों में यह औषधि बहुत फायदेमंद मानी जाती है। चिरायता का सबसे प्रमुख लाभ इसका पाचन तंत्र पर असर है। यह अपच, गैस, एसिडिटी और कब्ज जैसी समस्याओं को दूर करने में मदद करता है। साथ ही यह भूख बढ़ाने में सहायक होता है, जिससे शरीर को उचित पोषण मिलने लगता है और कमजोरी दूर होती है।

रोगों से लड़ने की ताकत

चिरायता में एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल और एंटीवायरल गुण होते हैं, जो शरीर को रोगों से लड़ने की ताकत देते हैं। इसे नियमित रूप से लेने से इम्यून सिस्टम मजबूत होता है और सामान्य संक्रमण या मौसमी बीमारियों का खतरा कम होता है। चिरायता त्वचा संबंधी रोगों जैसे दाद, खुजली, फोड़े-फुंसी, एक्जिमा और यहां तक कि कुष्ठ रोग जैसी स्थितियों में भी राहत देता है। इसका सेवन अंदरूनी रूप से शरीर को साफ करता है, जिससे त्वचा की गुणवत्ता में सुधार होता है।

चिरायता का सबसे महत्वपूर्ण गुण

चिरायता का सबसे महत्वपूर्ण गुण इसका रक्त शोधक होना है। यह रक्त में मौजूद विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है और रक्त संचार को बेहतर बनाता है, जिससे शरीर अधिक ऊर्जावान और स्वस्थ महसूस करता है। चिरायता मलेरिया सहित विभिन्न प्रकार के बुखार में असरकारक होता है। साथ ही यह लिवर को डिटॉक्स करने में भी सहायक होता है, जिससे लिवर से जुड़ी कई समस्याओं में लाभ मिलता है।

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लिवर से जुड़ी कई समस्याओं

चिरायता ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद करता है। इसके अलावा, इसका काढ़ा खांसी और अस्थमा जैसी श्वसन संबंधी समस्याओं में भी राहत देता है।ज हां चिरायता के अनेक फायदे हैं, वहीं इसके अत्यधिक सेवन से कुछ नुकसान भी हो सकते हैं, जैसे पेट में जलन, मतली, उल्टी या दस्त की शिकायत। इसलिए चिरायता का सेवन चिकित्सक की सलाह के बाद ही करें। खासकर गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को इसका प्रयोग बिना विशेषज्ञ सलाह के नहीं करना चाहिए।

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 (इनपुट-आईएएनएस)

Disclaimer: इस लेख में प्रदान की गई जानकारी केवल सामान्य जागरूकता के लिए है। इसे किसी भी रूप में व्यावसायिक चिकित्सकीय परामर्श के विकल्प के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। कोई भी नई स्वास्थ्य-संबंधी गतिविधि, व्यायाम, शुरू करने से पहले अपने चिकित्सक से सलाह जरूर लें।"

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