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दिल्ली। सर्दियों में बार-बार नमकीन और तला हुआ खाने की आदत आपकी सेहत को गंभीर नुकसान पहुंचा सकती है। WHO के अनुसार, स्वस्थ रहने के लिए एक दिन में केवल 5 ग्राम नमक ही पर्याप्त है। इन खाद्य पदार्थों में अधिक सोडियम और फैट होता है, जो कई बीमारियों का कारण बन सकता है। सर्दियों के मौसम में भूख बढ़ जाती है, क्योंकि पाचन अग्नि दोगुनी तेजी से काम करती है। ऐसे में तला, भुना और नमकीन खाने का मन करता है। काम के समय नमकीन और चाय पीने की आदत सभी की लाइफस्टाइल का हिस्सा बन चुकी है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि बार-बार नमक से बने पदार्थों का सेवन करना शरीर के लिए कितना हानिकारक हो सकता है? हमें अंदाजा ही नहीं लगता है कि हम कितना नमक शरीर को खिला रहे हैं। आयुर्वेद और आधुनिक विज्ञान दोनों ने इस बात को माना है कि ज्यादा नमक का सेवन शरीर को बीमार कर देता है।
हृदय रोग:
आयुर्वेद कहता है कि सही मात्रा में लिया गया नमक शरीर के लिए वरदान है, लेकिन नमक का अत्याधिक सेवन शरीर को बीमार कर देता है। उच्च रक्तचाप से हार्ट अटैक और स्ट्रोक जैसी जानलेवा दिल की बीमारियों का खतरा बहुत बढ़ जाता है।अधिक नमक का सेवन हाई बीपी और दिल संबंधी रोगों का जनक बन सकता है। ये पित्त और कफ को असंतुलित कर देता है, जिससे जोड़ों में दर्द की परेशानी होने लगती है, तो चलिए जानते हैं कि अधिक नमक के सेवन करने के कितने दुष्प्रभाव हो सकते हैं
नमक के अधिक सेवन से किडनी की कार्यक्षमता पर प्रभाव पड़ता है। अगर लंबे समय तक नमक या नमक से बनी चीजों का सेवन किया जाए तो किडनी खराब हो सकती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि किडनी को सोडियम फिल्टर करने में ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। लगातार बढ़ता बोझ किडनी को खराब कर सकता है।
हाई ब्लड प्रेशर (उच्च रक्तचाप):
नमक में मौजूद सोडियम शरीर में पानी जमा करता है, जिससे रक्त की मात्रा बढ़ती है और ब्लड वेसल्स पर दबाव पड़ता है। यह हाई ब्लड प्रेशर का मुख्य कारण बनता है। नमक का सेवन हाई बीपी और शरीर की सूजन को बढ़ाने का काम करता है। सोडियम की मात्रा रक्त में पानी की मात्रा को बढ़ा देती है और इससे कोशिकाओं पर अधिक दबाव बनता है। इससे बीपी बढ़ने लगता है। बीपी के साथ शरीर पर सूजन भी बढ़ने लगती है। जब किडनी पर बोझ बढ़ जाता है, तो चेहरे पर, आंखों के नीचे, और पैरों पर सूजन आ जाती है, जो संकेत देती है कि किडनी ठीक से काम नहीं कर रही।
अधिक नमक सेवन के नुकसान
शरीर से अतिरिक्त सोडियम को फिल्टर करने के लिए किडनी को अधिक मेहनत करनी पड़ती है, जिससे किडनी खराब होने का जोखिम बढ़ जाता है। अधिक नमक का सेवन हड्डियों को भी कमजोर करता है और पेट में जलन पैदा करता है। जब शरीर में सोडियम की मात्रा बढ़ जाती है, शरीर में मूत्र के साथ कैल्शियम निकलना शुरू हो जाता है और हड्डियां अपनी ताकत खो देती हैं। ऐसे में जोड़ों में दर्द और घुटनों में दर्द की परेशानी होने लगती है।
सूजन और मोटापा:
WHO के अनुसार, स्वस्थ रहने के लिए एक दिन में केवल 5 ग्राम नमक ही पर्याप्त है। तला हुआ और नमकीन खाने से शरीर में सूजन और वजन बढ़ने की समस्या भी हो सकती है।इससे बचने के लिए नमक का सेवन कम करें। खाने में काला नमक का इस्तेमाल कर सकते हैं। अगर लगता है कि खाने में नमक कम है तो ऊपर से काले नमक का इस्तेमाल करें या स्वाद को ठीक करने के लिए नींबू भी डाल सकते हैं। इसके अलावा, सब्जी में थोड़ा सेंधा नमक भी मिलाएं। शरीर में अधिक नमक को संतुलित करने के लिए पानी भी लगातार पीते रहें।
(इनपुट-आईएएनएस)
Disclaimer: इस लेख में प्रदान की गई जानकारी केवल सामान्य जागरूकता के लिए है। इसे किसी भी रूप में व्यावसायिक चिकित्सकीय परामर्श के विकल्प के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। कोई भी नई स्वास्थ्य-संबंधी गतिविधि, व्यायाम, शुरू करने से पहले अपने चिकित्सक से सलाह जरूर लें।"
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