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Calcium Affect: क्या कैल्शियम की कमी से हृदय स्वास्थ्य प्रभावित होता है? जानें क्या है दिल से कनेक्शन

सेहतमंद रहने के लिए पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। ऐसे में इन पोषक तत्वों कमी से शरीर के अंगों पर बुरा असर पड़ सकता है। आगे जानते हैं कि  कैल्शियम की कमी होने पर हृदय किस तरह से प्रभावित हो सकता है?

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Mukesh Pandit
कैल्शियम की कमी
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शरीर के सभी अंगों में एनर्जी पहुंचाने का काम विटामिन और मिनरल्स की मदद किया जाता है और इन पोषक तत्वों को व्यक्ति आहार के माध्यम से प्राप्त करता है। एक्सपर्ट्स बताते हैं कि हमारे शरीर की हड्डियों, दांतों और मांसपेशियों के लिए कैल्शियम एक मुख्य पोषक तत्व माना जाता है। ऐसे में यदि किसी व्यक्ति के शरीर में कैल्शियम की कमी होने लगे तो इससे शरीर के अन्य अंग भी प्रभावित हो सकते हैं। इस स्थिति में कई लोगों के मन में प्रश्न उठ सकता है कि क्या कैल्शियम की कमी हृदय स्वास्थ्य को भी प्रभावित कर सकती है। 

हृदय को प्रभावित करती है इसकी कमी

सामान्यतः जब भी हृदय के स्वास्थ्य की बात आती है तो अक्सर कोलेस्ट्रॉल, ब्लड प्रेशर या डायबिटीज का ही जिक्र किया जाता है। लेकिन, सच्चाई यह है कि कैल्शियम की कमी भी आपके हृदय को प्रभावित करने का काम कर सकती है। इस लेख में डॉ ब्रजेश कुंवर सीनियर कंसल्टेंट इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी, स्ट्रक्चरल हार्ट डिजीज स्पेशलिस्ट एएचएनएम से जानेंगे कि कैल्शियम की कमी और हृदय स्वास्थ्य के बीच क्या कनेक्शन होता है? साथ ही, इस कमी को कैसे दूर किया जा सकता है।  brain health tips | Health Advice | get healthy | healthcare | health benefits | Health Care 

कैल्शियम की कमी कैसे हृदय को प्रभावित करती है?

कैल्शियम हमारे शरीर का एक आवश्यक मिनरल होता है, जो न केवल हड्डियों को मजबूती देता है, बल्कि मांसपेशियों के कॉन्ट्रैक्शन, नर्वस सिस्टम और ब्लड क्लॉटिंग  जैसे कई जरूरी कामों में भी मदद करता है। हमारा हृदय एक मांसपेशी है, जिसे ठीक से काम करने के लिए पर्याप्त कैल्शियम की आवश्यकता होती है। हृदय की प्रत्येक धड़कन कैल्शियम की मदद से ही नियंत्रित होती है। ऐसे में यदि किसी व्यक्ति में कैल्शियम की कमी हो जाए तो इससे हार्ट हेल्थ पर भी बुरा असर पड़ सकता है। आगे जानते हैं कैल्शियम की कमी किस तरह से हार्ट हेल्थ को प्रभावित करती है।

कैल्शियम की कमी के लक्षण

सांस लेने में कठिनाई
मांसपेशियों में ऐंठन और दर्द
छाती में दर्द या घबराहट
हाथ पैरों में सुन्नपन या झुनझुनी
थकान और कमजोरी
धड़कन तेज या अनियमित महसूस होना
नींद की समस्या और चिड़चिड़ापन

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अगर इन लक्षणों के साथ आपके ब्लड टेस्ट में कैल्शियम का स्तर कम पाया जाए, तो डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें।

ब्लड प्रेशर पर असर

कैल्शियम रक्त पहुंचाने वाली नसों (blood vessels) की मांसपेशियों को रिलैक्स करने में मदद करता है, जिससे ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रहता है। कैल्शियम की कमी से ब्लड वैसल्स सिकुड़ सकती हैं और इससे हाई ब्लड प्रेशर हो सकता है, जो कि हृदय रोगों का मुख्य कारण माना जाता है।

दिल की धड़कन अनियमित होना (Arrhythmia)

जब शरीर में कैल्शियम का स्तर कम होता है, तो हृदय की इलैक्ट्रिक प्रणाली गड़बड़ा सकती है। इससे दिल की धड़कन अनियमित हो सकती है, जो कभी तेज, कभी धीमी और कभी असमान हो सकती है। लंबे समय तक ऐसा रहना दिल की गंभीर बीमारियों की वजह बन सकता है।

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हृदय की मांसपेशियों में कमजोरी

शरीर में कैल्शियम की कमी से हृदय की मांसपेशियां कमजोर हो सकती हैं। इससे हार्ट को रक्त पंप करने में कठिनाई होती है और हृदय की कार्यक्षमता घट जाती है।

हार्ट फेलियर का जोखिम (Heart Failure)

शरीर में लंबे समय से कैल्शियम की कमी हार्ट फेलियर का खतरा बढ़ा सकती है, विशेषकर बुजुर्गों और गंभीर बीमारियों से ग्रस्त लोगों में यह हार्ट से जुड़े रोगों की वजह बन सकता है।

हृदय को स्वस्थ रखने के लिए कैल्शियम की कमी को कैसे दूर करें?

दूध, दही, पनीर, हरी सब्जियां (पालक, बथुआ), सोया, टोफू, बादाम और तिल जैसे कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थों का रोजाना सेवन करें। धूप में समय बिताएं और जरूरत पड़ने पर विटामिन D की सप्लीमेंट लें। इससे कैल्शियम का अवशोषण बेहतर होगा।अगर डॉक्टर ने कैल्शियम सप्लीमेंट्स दिए हैं, तो उन्हें नियमित रूप से लें।
हर साल ब्लड टेस्ट कराएं और कैल्शियम, विटामिन D और अन्य जरूरी पोषक तत्वों का स्तर चेक कराएं, खासकर अगर आपको दिल से जुड़ी कोई बीमारी का जोखिम हो।

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