गैस, अपच, और पेट की जलन की समस्या से जूझ रहे लोगों के लिए सौंफ के दाने काफी लाभदायक साबित हो सकते हैं। अगर नियमित रूप से सौंफ के दाने का इस्तेमाल किया जाए तो आपका पाचनतंत्र मजबूत बनेगा और चेहरे पर चमक भी वापिस लौट आएगी। brain health tips | Digital health care | get healthy | get healthy body | dental health for children | global health emergency
आयुर्वेद में सौंफ को शतपुष्पा कहा जाता है
आयुर्वेद में सौंफ को शतपुष्पा के नाम से जाना जाता है। जो पेट संबंधी विकारों को दूर करने में सहायक होता है। सौंफ के दाने शीतल और शांतिदायक होते हैं। जो पित्त दोष को संतुलित करने में मददगार होते हैं। इससे गैस, अपच और पेट की जलन की समस्या को काफी हद तक कम किया जा सकता है। सौंफ का इस्तेमाल घरों में मसाले के तौर पर किया जाता है। लेकिन, रात को खाना-खाने के बाद मुंह का स्वाद बदलने और ताजगी महसूस करने के लिए काफी लोग सौंफ के दाने का प्रयोग करते हैं।
पाचन तंत्र मजबूत होता है
आयुर्वेद के अनुसार,"सौंफ को चबाने या चाय के रूप में लेने से पाचन तंत्र मजबूत होता है और मानसिक शांति भी मिलती है।" सौंफ के दाने चबाने से पेट फूलना और भारीपन कम होता है, जिससे पाचन सुचारू रहता है। सौंफ की शीतल प्रकृति पित्त दोष को शांत करती है। सीने में जलन, सिरदर्द में सौंफ राहत देती है।
दुर्गंध भी दूर होती है
पेट की समस्याओं के अलावा सौंफ के दाने खाने से मुंह से आने वाली दुर्गंध भी दूर होती है। सौंफ में एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं, जो मुंह की दुर्गंध को कम करते हैं और मसूड़ों को स्वस्थ रखते हैं। वहीं, रात्रि के भोजन के बाद सौंफ खाने से सांसों में ताजगी बनी रहती है। सौंफ की चाय पीने से मासिक धर्म की असहजता और पेट दर्द में आराम मिलता है। नियमित रूप से सौंफ का सेवन शरीर को मौसमी बीमारियों से बचाने में मदद करता है। सौंफ खाने से मानसिक तनाव दूर होता है और नींद भी अच्छी आती है।
सौंफ खाने से वैसे तो कोई भी नुकसान नहीं है। लेकिन, गर्भवती महिलाओं को सौंफ का सेवन ज्यादा नहीं करना चाहिए। कई बार कुछ लोगों में एलर्जी या हार्मोनल बदलाव का कारण बन सकता है। अगर आप कोई चिकित्सा ले रहे हैं तो सौंफ खाने के लिए एक बार डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।