अर्थराइटिस यानी गठिया एक आम बीमारी है, जिससे आजकल अधिकतर लोग परेशान हैं। यह जोड़ों में सूजन और दर्द की स्थिति है। इसकी वजह से जोड़ों को नुकसान पहुंचता है। आपको बता दें कि गठिया कई प्रकार का होता है। गठिया रोग में हड्डियां कमजोर होने लगती हैं। वैसे तो उम्र बढ़ने पर जोड़ों का कमजोर होना आम है। इसलिए ज्यादातर बुजुर्गों में गठिया रोग होता है। हालांकि, आजकल बच्चों में भी गठिया के मामले सामने आ रहे हैं। अर्थराइटिस के दौरान परहेज करना बहुत जरूरी होता है। साथ ही, इसकी दवाइयां लेनी भी जरूरी होती हैं। अगर आप अर्थराइटिस की दवाइयां खा-खाकर परेशान आ चुके हैं, तो एक बार यूनानी चिकित्सा का रुक करके देख सकते हैं। यूनानी मेडिसिन में भी अर्थराइटिस का इलाज पूरी तरह से संभव है। इसमें कुछ जड़ी-बूटियों की मदद से गठिया का इलाज किया जाता है।
1. अश्वगंधा का सेवन करें
अश्वगंधा एक जड़ी-बूटी है। यह गठिया की वजह से होने वाले दर्द और सूजन को कमकरता है। अश्वगंधा शरीर के इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है। अश्वगंधा की तासीर गर्म होती है। अगर आप गठिया रोगी हैं, तो आधे चम्मच अश्वगंधा पाउडर को दूध या गुनगुने पानी के साथ मिलाकर ले सकते हैं। अश्वगंधा का सेवन करने से जोड़ों के दर्द में आराम मिलता है। इससे जोड़ों की सूजन भी कम होती है।
2. गिलोय
आयुर्वेद ही नहीं, यूनानी में भी गिलोय का उपयोग कई बीमारियों का इलाज करने के लिए किया जाता है। गिलोय शरीर की इम्यूनिटी को मजबूत बनाता है। गिलोय को गठिया रोगियों के लिए भी फायदेमंद माना जाता है। अगर आप गठिया रोगी हैं, तो गिलोय का सेवन कर सकते हैं। गिलोय में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो जोड़ों के दर्द और सूजन को कम करने में सहायक होते हैं। गिलोय का सेवन करने से शरीर में जमा सारे टॉक्सिंस भी बाहर निकल जाते हैं। गिलोय यूरिक एसिड को भी कम करता है।
3. नागरमोथा
नागरमोथा एक जड़ी-बूटी है, जो शरीर की सूजन और दर्द को कम करने में मदद करती है। गठिया रोगियों के लिए नागरमोथा जड़ी-बूटी बेहद फायदेमंद होती है। यूनानी में गठिया रोग का इलाज करने के लिए नागरमोथा जड़ी-बूटी का उपयोग किया जाता है। नागरमोथा शरीर की सूजन को कम करता है। यह वात दोष को शांत करने में उपयोगी होता है।
4. शल्लकी जड़ी बूटी
यूनानी में शल्लकी जड़ी-बूटी को भी बेहद गुणकारी बताया गया है। अगर आप गठिया रोगी हैं, तो शल्लकी जड़ी-बूटी का उपयोग कर सकते हैं। यह जड़ी-बूटी गठिया के दर्द और सूजन को कम करती है। साथ ही, हड्डियों और जोड़ों को मजबूत बनाती है। आप इस जड़ी-बूटी का काढ़ा बनाकर पी सकते हैं।