Advertisment

स्टडी में खुलासा, पालतू डॉग्स के संपर्क में आने से बच्चों में एक्जिमा का खतरा कम

जो बच्चे बचपन से डॉग्स के संपर्क में रहते हैं, उन बच्चों को एलर्जी संबंधित बीमारी 'एटोपिक एक्जिमा' होने का खतरा कम हो सकता है। शोध से पता चला है कि डॉग्स के संपर्क से बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बेहतर बनती है और उनकी त्वचा की संवेदनशीलता कम होती है। 

author-image
YBN News
Agjimadogs

Agjimadogs Photograph: (ians)

Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

नई दिल्ली, आईएएनएस। जो बच्चे बचपन से डॉग्स के संपर्क में रहते हैं, उन बच्चों को एलर्जी संबंधित बीमारी 'एटोपिक एक्जिमा' होने का खतरा कम हो सकता है। शोध से पता चला है कि डॉग्स के संपर्क से बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बेहतर बनती है और उनकी त्वचा की संवेदनशीलता कम होती है। 

बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता

एक्जिमा एक तरह की खुजली वाली त्वचा संबंधी बीमारी है, जो शरीर के जीन्स और आसपास की चीजों के संयोजन के कारण होती है। लेकिन इस बारे में बहुत कम जानकारी है कि ये दोनों कैसे साथ मिलकर काम करती हैं।

विशेषज्ञों के मुताबिक, इस नए शोध से हमें ये समझने में मदद मिलती है कि बच्चों में एक्जिमा बीमारी क्यों होती है। शोधकर्ता बताते हैं कि कुछ बच्चों में डॉग्स के घर लाने से एक्जिमा की स्थिति खराब भी हो सकती है। इसलिए सभी बच्चों के लिए डॉग्स को रखना सही नहीं हो सकता।

एक्जिमा बीमारी क्यों

एडिनबर्ग विश्वविद्यालय की सारा जे. ब्राउन ने कहा, ''हमें पहले से पता था कि बच्चे के जन्मजात बनावट से उसकी एक्जिमा होने का खतरा बढ़ता है। और पहले के कुछ अध्ययन भी बता चुके हैं कि घर में डॉग्स होने से यह खतरा कम हो सकता है। लेकिन यह पहली बार है जब कोई अध्ययन दिखा रहा है कि यह असर हमारे शरीर के अंदर कैसे छोटे-छोटे स्तर पर होता है।''

Advertisment

इस रिसर्च में टीम ने 16 यूरोपियन स्टडीज के डेटा का इस्तेमाल किया। उन्होंने 24 एक्जिमा-संबंधित आनुवंशिक वेरिएंट और 18 प्रारंभिक जीवन पर्यावरणीय कारकों के बीच संबंधों को जांचा, ताकि पता चल सके कि ये दोनों कैसे एक्जिमा से जुड़ते हैं।

एंटीबायोटिक्स का इस्तेमाल

उन्होंने अपने निष्कर्षों को और भी 10 अलग-अलग स्टडीज पर आजमाया और लैब में टेस्ट करके अपने निष्कर्षों की सही जांच की। पहले जांच में, जिसमें 25,339 लोग शामिल थे, पता चला कि सात चीजें, जैसे एंटीबायोटिक्स का इस्तेमाल, बिल्ली रखना, कुत्ता पालना, स्तनपान, धूम्रपान, हाथ धोने के तरीके आदि ये सब कुछ हमारे जीन के साथ मिलकर एक्जिमा होने के खतरे को प्रभावित कर सकती हैं। कुल मिलाकर 14 तरह के ऐसे प्रभाव मिले जो जीन और इन पर्यावरणीय चीजों के बीच हो रहे थे।

प्रोटीन हमारे इम्यून सिस्टम

दूसरी जांच में, जिसमें 2,54,532 लोग शामिल थे, पता चला कि डॉग्स के संपर्क में आने से हमारे शरीर के एक खास जीन के साथ असर होता है, यह प्रोटीन हमारे इम्यून सिस्टम यानी हमारी बीमारी से लड़ने वाली कोशिकाओं में काम करता है।

Advertisment

लैब में किए गए परीक्षणों से पता चला कि यह खास जीन हमारी त्वचा की कोशिकाओं में इंटरल्यूकिन-7 रिसेप्टर की बनावट को प्रभावित करता है। साथ ही, डॉग्स के संपर्क में आने से यह जीन अपने नकारात्मक असर को कम कर देता है।

Advertisment
Advertisment