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Yoga Tips: हार्मोन संतुलन से लेकर अच्छी नींद तक, सेतुबंधासन है कई परेशानियों का समाधान

हमारा शरीर हर दिन थकान, तनाव और गलत जीवनशैली से जूझता है। ऐसे में अगर हम रोजाना थोड़ा समय योग को दें, तो शरीर और मन दोनों को राहत मिल सकती है। आयुष मंत्रालय के अनुसार, योग से तनाव कम होता है, जिससे मन और शरीर मजबूत बनता है।

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YBN News
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yogabody Photograph: (IANS)

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Yoga Tips: हमारा शरीर हर दिन थकान, तनाव और गलत जीवनशैली से जूझता है। ऐसे में अगर हम रोजाना थोड़ा समय योग को दें, तो शरीर और मन दोनों को राहत मिल सकती है। आयुष मंत्रालय के अनुसार, योग से तनाव कम होता है, जिससे मन और शरीर मजबूत बनता है। सभी योगासन में एक आसन 'सेतुबंधासन' शारीरिक के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी बेहतर माना जाता है। यह पीठ, गर्दन और रीढ़ की हड्डी को मजबूती देता है। खास बात यह है कि यह आसन उन लोगों के लिए बेहद फायदेमंद है जो ऑफिस में लंबे समय तक कुर्सी पर बैठे रहते हैं।  

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सेतुबंधासन मानसिक तनाव और अवसाद

आयुष मंत्रालय के अनुसार, सेतुबंधासन मानसिक तनाव और अवसाद को कम करने में मदद करता है। यह आसन शरीर को आराम पहुंचाता है और दिमाग को शांत करता है। इसे करने से थकान, बेचैनी और उदासी जैसे भाव कम होने लगते हैं। यह योगासन हार्मोन का संतुलन बनाए रखने में भी मदद करता है, जिससे मन खुश रहता है। इस आसन को नियमित रूप से करने से नींद भी बेहतर होती है और दिनभर ताजगी बनी रहती है। मानसिक थकान या तनाव से जूझ रहे लोगों के लिए सेतुबंधासन एक सरल और असरदार उपाय है।

हार्मोन से जुड़ी बीमारियों का खतरा

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यह पेट, फेफड़े और थायराइड ग्रंथि को सक्रिय करता है। इसे करने से पेट की मांसपेशियां मजबूत होती हैं और पाचन तंत्र बेहतर काम करता है। साथ ही यह फेफड़ों की क्षमता बढ़ाने में मदद करता है, जिससे सांस संबंधी समस्याएं कम होती हैं। यह आसन थायराइड ग्रंथि को भी संतुलित करता है, जिससे हार्मोन से जुड़ी बीमारियों का खतरा कम होता है।

नितंबों की मांसपेशियों को ताकत

सेतुबंधासन खासतौर पर पीठ, टांगों, टखनों और ग्लूट्स यानी नितंबों की मांसपेशियों को ताकत देता है। इस आसन में शरीर को ऊपर उठाने से रीढ़ की हड्डी सीधी होती है और पीठ मजबूत बनती है। टांगों और टखनों में खिंचाव आता है, जिससे उनमें ताकत आती है। साथ ही, यह निचले हिस्से की मांसपेशियों पर भी असर डालता है। रोजाना इसका अभ्यास करने से थकान जल्दी नहीं होती।

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शरीर और मन दोनों को राहत

यह आसन महिलाओं को मासिक धर्म संबंधी समस्याओं से जूझने में मदद करता है। यह पेट दर्द, थकान और चिड़चिड़ेपन को कम करने में मदद करता है। इस आसन से शरीर में खिंचाव आता है और आराम महसूस होता है। मेनोपॉज के दौरान भी यह योग तनाव, गर्मी लगने और मूड स्विंग को शांत करने में सहायक होता है। यह आसन हार्मोन संतुलन बनाए रखने में मदद करता है। नियमित अभ्यास से शरीर और मन दोनों को राहत मिलती है। अब आपको बताते हैं इस आसन को करने का सही तरीका।

आसन को करने का सही तरीका

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सेतुबंधासन करने के लिए सबसे पहले पीठ के बल सीधा लेट जाएं। अपने दोनों हाथ शरीर के पास रखें और हथेलियां नीचे की ओर रहें। अब अपने घुटनों को मोड़ें और पैरों को धीरे-धीरे हिप्स यानी कूल्हों के पास लाएं। फिर गहरी सांस लेते हुए अपने हिप्स को धीरे-धीरे ऊपर उठाएं, ताकि शरीर पुल जैसा दिखाई दे। इस स्थिति में कुछ समय रहें और सांस को सामान्य रखें। फिर धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए पहले जैसी स्थिति में आ जाएं।

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