मुंबई, वाईबीएन नेटवर्क।
महाराष्ट्र से एक अच्छी खबर सामने आ रही है। कई महीनों से प्रदेश में दहशत फैला रहा गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (GBS) कमजोर पड़ने लगा है। पिछले कुछ दिनों मे इसके मामलों में कमी आई है। आंकड़ों के मुताबिकअब तक कुल 181 मरीजों में जीबीएस की पुष्टि हुई है। जबकि 27 मामले संदिग्ध मिले हैं। वहीं, अब तक चार मरीजों की जीबीएस से मौत की पुष्टि हुई है और चार मरीजों की मौत का संदिग्ध कारण जीबीएस बताया जा रहा है।
कहाँ कितने मिले हैं मरीज
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, पुणे में 42 मरीज, पुणे महानगर पालिका में नए जोड़े गए गांवों में 94, पिंपरी चिंचवाड़ में 30, पुणे ग्रामीण में 32 और अन्य जिलों के 10 मरीजों में जीबीएस की पुष्टि हुई। इनमें से 131 को अब तक छुट्टी दे दी गई है, जबकि 42 आईसीयू में हैं और 21 वेंटिलेटर पर हैं।
यह भी पढ़ें: GB Syndrome बना जानलेवा, सिंड्रोम से महाराष्ट्र में दूसरी मौत
अलर्ट मोड पर है स्वास्थ्य विभाग
महाराष्ट्र में गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (जीबीएस) के मामलों को लेकर राज्य सरकार अलर्ट मोड पर काम कर रही है। बीते 12 फरवरी तक महाराष्ट्र में जीबीएस से पीड़ित मरीजों की संख्या 197 थी। बीते सप्ताह की तुलना में जीबीएस के मामलों में अब कमी दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि जीबीएस के प्रकोप के बीच 29 जनवरी को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने प्रशासन से मरीजों के इलाज के लिए सरकारी अस्पतालों में विशेष व्यवस्था करने को कहा था। इससे पहले 27 जनवरी को पुणे में जीबीएस के बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने राज्य में सार्वजनिक स्वास्थ्य हस्तक्षेप और प्रबंधन का समर्थन करने के लिए सात सदस्यीय टीम तैनात की थी। केंद्र की उच्च स्तरीय टीम में बहु-विषयक विशेषज्ञ शामिल थे। इसका उद्देश्य जीबीएस के संदिग्ध और पुष्ट मामलों में वृद्धि को देखते हुए सार्वजनिक स्वास्थ्य हस्तक्षेप और प्रबंधन स्थापित करने में राज्य के स्वास्थ्य अधिकारियों का समर्थन करना है।
यह भी पढ़ें: अब डॉक्टर नहीं, मेड इन इंडिया Surgical Robot करेगा आपकी सर्जरी, AIIMS में पहली यूनिट बनी
स्वास्थ्य विभाग ने दी ये सलाह
राज्य स्वास्थ्य विभाग ने सलाह दी है कि सामान्य सावधानियां बरतकर जीबीएस को कुछ हद तक रोका जा सकता है, जैसे उबला हुआ या बोतल बंद पानी पीना, खाने से पहले फलों और सब्जियों को अच्छी तरह से धोना, चिकन और मांस को ठीक से पकाना, कच्चे या अधपके भोजन, विशेष रूप से सलाद, अंडे, कबाब या समुद्री भोजन से परहेज करना।