Advertisment

दिल का Doctor: खूबियों का खजाना है अर्जुन छाल, छुपे हैं सेहत के अनेक राज

अपने गुणों के कारण भारत में करीब 3000 से भी ज्यादा वर्षों से इस जड़ी-बूटी का प्रयोग होता आ रहा है। इसे 'हृदय की जड़ी बूटी' या 'दिल का राजा' भी कहते हैं। यह हृदय का खास ख्याल रखता है।

author-image
Vibhoo Mishra
Health

सांकेतिक तस्वीर Photograph: (file)

Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

अपने गुणों के कारण भारत में करीब 3000 से भी ज्यादा वर्षों से अर्जुन की छाल का प्रयोग होता आ रहा है। इसे 'हृदय की जड़ी बूटी' या 'दिल का राजा' भी कहते हैं। यह हृदय का खास ख्याल रखता है। आयुर्वेद के दो महान आचार्यों चरक और सुश्रुत ने इसका वर्णन किया है, तो वहीं अष्टांग हृदयम में भी इसका उल्लेख है। विदेशों में भी इस पर स्टडी हुई है, जिसके बाद कहा गया कि अर्जुन की छाल में एंटी-इस्केमिक, एंटीऑक्सिडेंट, हाइपोलिपिडेमिक और एंटीथेरोजेनिक गुण हैं, जो हार्ट संबंधी परेशानियों को ट्रीट करने में मदद करते हैं।

Advertisment

यह भी पढ़ें: Research: Heart की मांसपेशियों में भी मौजूद होते हैं 'मीठे स्वाद' के रिसेप्टर्स

NCBI की चौंकाने वाली रिपोर्ट 

कुछ साल पहले यूएस के नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (एनसीबीआई) में एक रिपोर्ट छपी। बताया गया कि अर्जुन के जलीय अर्क ने मेंढक के हृदय की मांसपेशियों के संकुचन के बल को बढ़ा दिया। वहीं खरगोश के दिल में भी गजब का काम किया। खरगोश के दिल में कोरोनरी प्रवाह को बढ़ा दिया।

Advertisment

गुणों से है भरपूर 

अर्जुन के पेड़ को वैज्ञानिक भाषा में टर्मिनलिया अर्जुन कहा जाता है। आमतौर पर इसे अर्जुन के नाम से जाना जाता है। एनसीबीआई के मुताबिक, इस पेड़ की छाल के काढ़े का उपयोग भारतीय उपमहाद्वीप में सदियों से सीने में दर्द, हाई ब्लड प्रेशर, कंजेस्टिव हार्ट फेलियर और डिस्लिपिडेमिया के लिए किया जाता है। कई मॉडर्न रिसर्च में यह पता चला है कि अर्जुन की छाल में एंटी-इस्केमिक, एंटीऑक्सिडेंट, हाइपोलिपिडेमिक और एंटीथेरोजेनिक गुण पाए जाते हैं।

यह भी पढ़ें: Study : डायबिटीज की दवा से होगा हृदय रोगियों का इलाज, शोधकर्ताओं का बड़ा दावा !

Advertisment

दिल के साथ पेट के लिए भी लाभकारी 

दिल ही नहीं, पेट के लिए भी अर्जुन छाल बेहतरीन रिजल्ट लेकर आता है। दस्त और पेचिश जैसी पाचन संबंधी समस्याओं में इसका प्रयोग होता है। इसमें मौजूद टैनिन कसैला तो होता है, लेकिन नतीजे का स्वाद जबरदस्त होता है! यह पाचन तंत्र में सूजन को कम करने, दस्त और पेचिश जैसी समस्याओं से बचाव में मदद करता है। जिस तरह का हमारा लाइफस्टाइल है, उसमें अर्जुन की महत्ता बढ़ जाती है। यह ब्लड प्रेशर कंट्रोल करता है, खराब कोलेस्ट्रॉल (एलडीएल) को कम करने और अच्छे कोलेस्ट्रॉल (एचडीएल) को बढ़ाने में सहायक है। यह ब्लड शुगर को नियंत्रित करता है और इसमें मौजूद एंटीऑक्सिडेंट शरीर में फ्री रेडिकल्स को कम कर एंटी-एजिंग प्रभाव डालते हैं। यह तनाव और चिंता को भी कम करता है। किसी रजिस्टर्ड डॉक्टर की सलाह पर ही अर्जुन छाल का उपयोग किया जाना चाहिए।

यह भी पढ़ें: स्वास्थ्य: सब्जियों के नाम पर धीमा जहर खा रहे लोग

Advertisment
Advertisment