Advertisment

Study : डायबिटीज की दवा से होगा हृदय रोगियों का इलाज, शोधकर्ताओं का बड़ा दावा !

शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि इस दवा से टाइप 2 डायबिटीज के इलाज के साथ - साथ हार्ट अटैक और स्ट्रोक के खतरे को भी कम कर सकती है। 10 हजार से अधिक लोगों पर इसका अध्ययन किया गया है।

author-image
Suraj Kumar
DiabetesDiabetes jj
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

नई दिल्‍ली, वाईबीएन नेटवर्क। 

Advertisment

भारतीय मूल के वैज्ञानिक के नेतृत्व में एक शोध दल ने पाया है कि हाल ही में अमेरिका की फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) द्वारा टाइप 2 डायबिटीज के इलाज के लिए मंजूर की गई एक दवा हार्ट अटैक और स्ट्रोक के खतरे को भी कम कर सकती है। इस अंतरराष्ट्रीय शोध में 10,000 से अधिक लोगों ने भाग लिया। इसमें यह सामने आया कि सोटाग्लिफ्लोज़िन नामक यह दवा, जिसे किडनी रोग के इलाज के लिए भी मंजूरी मिली है, हृदय संबंधी जोखिम को भी घटा सकती है।

क्‍या है सोटाग्लिफ्लोज़िन दवा ?

सोटाग्लिफ्लोज़िन एक खास दवा है जो एसजीएलटी अवरोधक के रूप में काम करती है। यह शरीर में मौजूद दो प्रोटीन, एसजीएलटी1 और एसजीएलटी2 की क्रिया को रोकती है, जो कोशिकाओं के भीतर ग्लूकोज और सोडियम के प्रवाह को नियंत्रित करते हैं और ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में सहायती है। अन्य एसजीएलटी2 अवरोधक दवाएं एसजीएलटी1 पर उतना प्रभाव नहीं डालतीं।

Advertisment

एक्‍सपर्ट के अनुसार 

माउंट सिनाई फस्टर हार्ट हॉस्पिटल के निदेशक और अमेरिका की इकान स्कूल ऑफ मेडिसिन में कार्डियोवस्कुलर मेडिसिन के प्रोफेसर दीपक एल. भट्ट ने बताया, "ये परिणाम क्रिया के एक नए तंत्र को प्रदर्शित करते हैं। सोटाग्लिफ्लोज़िन का इस्तेमाल करके, गुर्दे, आंत, दिल और दिमाग में मौजूद एसजीएलटी1 रिसेप्टर्स और केवल गुर्दे में मौजूद एसजीएलटी2 रिसेप्टर्स दोनों को एक साथ रोकने से दिल का दौरा और स्ट्रोक का खतरा कम हो सकता है।"

10 हजार से अधिक लोगों पर किया शोध 

Advertisment

यह शोध द लैंसेट डायबिटीज एंड एंडोक्रिनोलॉजी पत्रिका में प्रकाशित हुआ, जिसमें 10,584 मरीजों को शामिल किया गया था। ये सभी मरीज पुरानी किडनी बीमारी, टाइप 2 डायबिटीज और हृदय रोग के अन्य जोखिम कारकों से ग्रस्त थे। उन्हें औसतन 16 महीने तक इस दवा का असर देखने के लिए ट्रायल में रखा गया। परिणामों में पाया गया कि सोटाग्लिफ्लोज़िन लेने वाले लोगों में हार्ट अटैक, स्ट्रोक और हृदय संबंधी कारणों से मौत का खतरा 23% तक कम हो गया।

हृदय रोगियों के लिए होगी मददगार 

डॉ. भट्ट ने बताया कि यह दवा पहले से ही हृदय रोग, हार्ट फेल्योर और टाइप 2 डायबिटीज के मरीजों में हृदय संबंधी समस्याओं से होने वाली मौतों के जोखिम को कम करने के लिए मंजूर थी। लेकिन नए आंकड़ों से पता चला कि यह हार्ट अटैक और स्ट्रोक के खतरे को भी कम कर सकती है, जिससे इसका उपयोग और अधिक बढ़ सकता है।

Advertisment
Advertisment