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यूरिक एसिड एक प्रकार का वेस्ट प्रॉडक्ट है जो शरीर मे ही बनता है। यह वेस्ट प्रॉडक्ट शरीर में जब अधिक मात्रा में बनने लगे तो यह धीरे-धीरे जमने लगता है। यह क्रिस्टिल्स का आकार लेने लगते हैं। कांच के चूरे की तरह ये क्रिस्टल्स शरीर के जॉइंट्स में जमा होने लगता है। इससे जॉइंट्स में तेज दर्द और सूजन जैसी परेशानियां महसूस हो सकती हैं। इसके अलावा शरीर में यूरिक एसिड लेवल बढ़ने से किडनी से जुड़ी परेशानियां भी बढ़ सकती हैं। इसीलिए, यूरिक एसिड को कंट्रोल करना और बढ़ने से रोकना स्वास्थ्य के लिहाज से बहुत महत्वपूर्ण है।
यूरिक एसिड बढ़ने के लक्षण क्या हैं?
पंजों में सूजन और दर्द, पांव के जॉइंट्स के आसपास की स्किन लाल होना, बहुत अधिक प्यास लगना, किडनी स्टोन्स और बुखार आने जैसी समस्याएं यूरिक एसिड लेवल बढ़ने के महत्वपूर्ण लक्षण हैं। विशेष रूप से पैर के अंगूठे, घुटनों, टखनों या कलाइयों में तेज दर्द। यह दर्द अक्सर रात में शुरू होता है और गाउट (Gout) का लक्षण हो सकता है। प्रभावित जोड़ लाल, गर्म और छूने में संवेदनशील हो सकते हैं। यूरिक एसिड के उच्च स्तर से शरीर में थकान या कमजोरी महसूस हो सकती है यूरिक एसिड के क्रिस्टल गुर्दों में जमा होकर पथरी का कारण बन सकते हैं, जिससे पेशाब करते समय दर्द, बार-बार पेशाब आना या खून आना जैसे लक्षण दिख सकते हैं।पेशाब कम होना, गाढ़ा होना या इसमें जलन महसूस होना
मानसून में नमी और तापमान में बदलाव
मानसून में नमी और तापमान में बदलाव यूरिक एसिड के स्तर को प्रभावित कर सकते हैं, जिससे गाउट या जोड़ों में दर्द की समस्या बढ़ सकती है। मानसून में पानी कम पीने की आदत से यूरिक एसिड पेशाब के जरिए बाहर नहीं निकल पाता। रोजाना 2-3 लीटर पानी पिएं। नींबू पानी या हर्बल चाय जैसे तरल पदार्थ भी फायदेमंद हैं। रेड मीट, शेलफिश, अंडे, और कुछ दालें (जैसे उड़द दाल) से परहेज करें। मानसून में ताजा सब्जियां जैसे लौकी, तोरी, और पालक खाएं। चेरी और विटामिन सी युक्त फल यूरिक एसिड कम करने में मदद करते हैं।
मोटापे से बचें
मोटापा यूरिक एसिड को बढ़ाता है। हल्का व्यायाम जैसे योग, पैदल चलना या स्ट्रेचिंग करें। मानसून में घर पर हल्की एक्सरसाइज करें, लेकिन गीले फर्श पर फिसलने से बचें। शराब और फ्रक्टोज युक्त ड्रिंक्स (जैसे सोडा) यूरिक एसिड बढ़ाते हैं। इसके बजाय हर्बल टी या नारियल पानी पिएं। मानसून में नमी से जोड़ों का दर्द बढ़ सकता है। डॉक्टर की सलाह पर दवाएं (जैसे एलोप्यूरिनॉल) लें और रक्त में यूरिक एसिड की जांच करवाएं। प्राकृतिक उपाय के तौर पर अदरक, हल्दी और तुलसी जैसे प्राकृतिक एंटी-इंफ्लेमेटरी तत्व दर्द और सूजन को कम करते हैं। इन्हें चाय या भोजन में शामिल करें।
ऐसे करें यूरिक एसिड नियंत्रण
मानसून में नमी और तापमान में बदलाव यूरिक एसिड के स्तर को प्रभावित कर सकते हैं, जिससे गाउट या जोड़ों में दर्द की समस्या बढ़ सकती है। हाइड्रेशन बनाए रखें, मानसून में पानी कम पीने की आदत से यूरिक एसिड पेशाब के जरिए बाहर नहीं निकल पाता। रोजाना 2-3 लीटर पानी पिएं। नींबू पानी या हर्बल चाय जैसे तरल पदार्थ भी फायदेमंद हैं। रेड मीट, शेलफिश, अंडे, और कुछ दालें (जैसे उड़द दाल) से परहेज करें। मानसून में ताजा सब्जियां जैसे लौकी, तोरी, और पालक खाएं। चेरी और विटामिन सी युक्त फल यूरिक एसिड कम करने में मदद करते हैं। अदरक, हल्दी और तुलसी जैसे प्राकृतिक एंटी-इंफ्लेमेटरी तत्व दर्द और सूजन को कम करते हैं। इन्हें चाय या भोजन में शामिल करें। तनाव यूरिक एसिड को बढ़ा सकता है। ध्यान और गहरी सांस लेने की तकनीक अपनाएं। Uric acid control in monsoon | Health Advice | Health and Fitness | get healthy