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हेपेटाइटिस और शराब की लत पर नियंत्रण से रोका जा सकता है लिवर कैंसर

हेल्थ लिवर कैंसर के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए ‘द लांसेट कमीशन’ की रिपोर्ट में हेपेटाइटिस, शराब की लत और नॉन-अल्कोहोलिक फैटी लिवर जैसी बीमारियों पर नियंत्रण जरूरी बताया गया है।

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YBN News
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नई दिल्ली,वाईबीएन डेस्कदुनिया भर में बढ़ते यकृत कैंसर (Liver Cancer) के मामलों को लेकर चिंता जताई गई है। हाल ही में प्रकाशित ‘द लांसेट कमीशन’ की एक विश्लेषण रिपोर्ट में बताया गया है कि यदि हेपेटाइटिस, शराब की लत और 'नॉन-अल्कोहोलिक फैटी लिवर' जैसी स्थितियों पर समय रहते नियंत्रण किया जाए, तो यकृत कैंसर के अधिकांश मामलों को रोका जा सकता है।

इस रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया में हर 5 में से 3 से अधिक यकृत कैंसर के मामले उन जोखिम कारकों से जुड़े हैं, जिन पर नियंत्रण संभव है जैसे कि हेपेटाइटिस बी और सी, अत्यधिक शराब सेवन और नॉन अल्कोहोलिक फैटी लिवर डिजीज (NAFLD)। NAFLD वह स्थिति है, जिसमें व्यक्ति शराब नहीं पीता, फिर भी उसके यकृत में चर्बी जमा हो जाती है 

कौन थे रिपोर्ट के शोधकर्ता?

यह रिपोर्ट हांगकांग कैंसर संस्थान, फुडान विश्वविद्यालय (चीन) दक्षिण कोरिया, अमेरिका और यूरोप के विभिन्न शोधकर्ताओं द्वारा तैयार की गई है। रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि अगर जरूरी कदम नहीं उठाए गए तो 2040 तक यकृत कैंसर के मामलों में लगभग 55% तक की वृद्धि हो सकती है।

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 मेटाबॉलिक डिसफंक्शन से बढ़ता खतरा

रिपोर्ट में मेटाबॉलिक डिसफंक्शन-असोसिएटेड स्टीटोहेपेटाइटिस (MASLD/MASH) को यकृत कैंसर का एक बड़ा कारण बताया गया है। यह स्थिति तब उत्पन्न होती है जब यकृत में अत्यधिक वसा जम जाती है और वह सूजन में बदल जाती है। शोधकर्ताओं का मानना है कि आने वाले वर्षों में यह एक बड़ी स्वास्थ्य चुनौती बन सकती है।

रिपोर्ट में यकृत कैंसर की रोकथाम के लिए कई समाधान बताए गए हैं:-

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1-हेपेटाइटिस बी और सी के लिए टीकाकरण और स्क्रीनिंग को बढ़ावा देना।

2-शराब की खपत पर नियंत्रण के लिए कड़े कानून और नीतियों को लागू करना।

3-मोटापा, डायबिटीज और फैटी लिवर से ग्रस्त लोगों के लिए जन-जागरूकता बढ़ाना।

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4-स्वास्थ्य नीति, राजनीतिक इच्छा और सामूहिक प्रयासों को सशक्त बनाना।

भविष्य की चुनौती

रिपोर्ट में यह भी लक्ष्य रखा गया है कि दुनिया भर में यकृत कैंसर के वार्षिक मामलों में 2 से 5 प्रतिशत की कमी लाकर, 2040 तक 1.7 करोड़ मामलों और 1.5 करोड़ मौतों को रोका जा सकता है।

द लांसेट कमीशन की यह रिपोर्ट स्वास्थ्य नीति निर्माताओं, चिकित्सकों और आम जनता के लिए एक चेतावनी है कि अगर हमने समय रहते अपने स्वास्थ्य व्यवहार और नीतियों में बदलाव नहीं किया, तो यकृत कैंसर एक वैश्विक आपदा बन सकता है। लेकिन अच्छी बात यह है कि यह कैंसर रोके जाने योग्य है — बशर्ते हम सतर्क हों और प्रयास करें।

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