मधुमेह...जितना सरल और मीठा नाम, उतनी ही खतरनाक है यह बीमारी। कहते हैं कि इस पर ध्यान न दिया जाए तो यह शरीर को अंदर ही अंदर खोखला कर देती है। शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को कम कर देती है, जिससे कई तरह की बीमारियां शरीर को अपनी चपेट में ले लेती हैं। लेकिन, कई ऐसी जड़ी-बूटियां हैं, जिनके सेवन से इसकी समस्याओं में राहत पाया जा सकता है। ऐसे ही एक प्लांट का नाम है ‘इंसुलिन प्लांट...जो मधुमेह के मरीजों के लिए विशेष तौर पर लाभप्रद है, साथ ही यह अन्य समस्याओं में भी राहत देता है।
मधुमेह के मरीजों के लिए फायदेमंद
सेलिब्रिटी न्यूट्रीशनिस्ट पूजा मखीजा ने सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट कर मधुमेह (डायबिटीज), इंसुलिन प्रतिरोध, पीसीओएस और वजन कम करने में दिक्कत वाले लोगों के लिए प्राकृतिक उपाय की जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि यह उपाय न सिर्फ मधुमेह के मरीजों के लिए, बल्कि उन लोगों के लिए भी फायदेमंद है, जिन्हें इंसुलिन का सही इस्तेमाल न होने, पीसीओएस (महिलाओं में हार्मोन की समस्या) या वजन कम करने में मुश्किल होती है।
‘इंसुलिन प्लांट’ बड़े काम का
पूजा मखीजा के मुताबिक, इन समस्याओं में ‘इंसुलिन प्लांट’ बड़े काम का है। उनका मानना है कि इस पौधे के अच्छे और लगातार नतीजे पाने के लिए अपनी दिनचर्या में भी कुछ बदलाव करने होंगे। जैसे पौष्टिक और संतुलित आहार लेना, रोजाना थोड़ी कसरत करना, अच्छी नींद लेना और पर्याप्त पानी पीना। इसके साथ ही तनाव कम लेना और इसके लिए योग या ध्यान करना।
ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मददगार
इंसुलिन पौधा डायबिटीज में कितना कारगर है, इस पर उन्होंने विस्तार से जानकारी देते हुए बताया, “इंसुलिन प्लांट, जिसका वैज्ञानिक नाम कोस्टस इग्नेसस है, जो ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है। इसके पत्तों में क्लोरोजेनिक एसिड नामक तत्व होता है, जो कोशिकाओं को ग्लूकोज बेहतर ढंग से अवशोषित करने में मदद करता है और इंसुलिन के उत्पादन को बढ़ाता है। इससे ब्लड शुगर का स्तर कम हो सकता है। साथ ही, यह पौधा पैनक्रियास की बीटा कोशिकाओं (जो इंसुलिन बनाती हैं) को स्वस्थ रखने में भी सहायक हो सकता है।”
इस्तेमाल कैसे करें?
सुबह खाली पेट 1-2 पत्ते चबाकर खाएं और इसके कुछ देर बाद तक कुछ भी न खाएं। कुछ स्टडी से पता चला है कि यह ब्लड शुगर को कम करने में मदद करता है। अगर आप पहले से डायबिटीज की दवाइयां ले रहे हैं, तो इंसुलिन प्लांट का इस्तेमाल करने से पहले अपने ब्लड शुगर की नियमित जांच करें, क्योंकि यह हाइपोग्लाइसीमिया (ब्लड शुगर का बहुत कम होना) का खतरा बढ़ा सकता है।
नीम और तुलसी की तरह यह पौधा भी डायबिटीज के लिए पूरक (सेकेंडरी) उपचार के रूप में उपयोगी हो सकता है।
उन्होंने यह भी बताया कि खास बात है कि यह पौधा नर्सरी में आसानी से उपलब्ध है और इसे घर पर उगाना भी आसान है>
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