Advertisment

Urad Dal Is Very Beneficial: किडनी-लीवर, दिल-दिमाग...सेहत ही नहीं स्वाद का भी खजाना ‘काली उड़द’ की दाल

रसोईघर में दालों का विशेष स्थान है, ऐसे में चने, मूंग, रहर के साथ ही काली उड़द दाल का भी खासा स्थान है। काली उड़द की दाल न केवल अपने स्वाद के लिए बल्कि पौष्टिक गुणों के लिए भी लोकप्रिय है। काले छिलके वाली यह दाल पोषक तत्वों का खजाना है। 

author-image
YBN News
kaliuraddaal

kaliuraddaal Photograph: (ians)

Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

नई दिल्ली,आईएएनएस। रसोईघर में दालों का विशेष स्थान है, ऐसे में चने, मूंग, रहर के साथ ही काली उड़द दाल का भी खासा स्थान है। काली उड़द की दाल न केवल अपने स्वाद के लिए बल्कि पौष्टिक गुणों के लिए भी लोकप्रिय है। काले छिलके वाली यह दाल प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन बी-6, आयरन, फोलिक एसिड, कैल्शियम, मैग्नीशियम और पोटेशियम जैसे पोषक तत्वों का खजाना है। 

रसोईघर में दालों का विशेष स्थान

भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के अनुसार, काली उड़द की दाल स्वास्थ्य, बेहतर पाचन और दैनिक ऊर्जा के लिए एक शक्तिशाली आहार है। काली उड़द को अपने खाने की थाली में शामिल करने से कई फायदे मिलते हैं। काली उड़द में मौजूद मैग्नीशियम और पोटैशियम हृदय स्वास्थ्य को सही तो ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करते हैं। यह नर्वस सिस्टम को मजबूत कर तनाव और चिंता को कम करने में भी मदद करती है।

फाइबर से भरपूर यह दाल पाचन तंत्र कोदुरुस्त रखती है और कब्ज की समस्या से राहत दिलाती है। यह चयापचय को बढ़ाकर ऊर्जा स्तर को बनाए रखती है।

Advertisment

आयुर्वेद में काली उड़द की दाल

आयुर्वेद में काली उड़द की दाल को कई फायदों को देने वाली दाल के रूप में जाना जाता है। इसकी ठंडी तासीर के कारण यह सिरदर्द, नकसीर, जोड़ों के दर्द, लिवर की सूजन, अल्सर, बुखार जैसी समस्याओं में लाभकारी है। यह सूजन को कम करती है और प्रजनन स्वास्थ्य को बेहतर बनाती है। यही नहीं, यह शरीर से अतिरिक्त पानी और विषाक्त पदार्थों को निकालने में मदद करती है, जिससे किडनी बेहतर तरीके से काम करती है।

कैल्शियम और प्रोटीन से युक्त काली उड़द की दाल हड्डियों और मांसपेशियों को भी मजबूत करती है।

Advertisment

उड़द दाल अत्यंत लाभकारी

काली उड़द दाल अत्यंत लाभकारी है; यह न केवल स्वादिष्ट है, बल्कि सेहत का खजाना भी है। यह हृदय, पाचन, हड्डियों और तंत्रिका तंत्र को मजबूत करती है और कई बीमारियों में औषधि की तरह काम करती है। हालांकि, इसका सेवन संयमित और अपनी शारीरिक स्थिति के अनुसार करना चाहिए। हेल्थ एक्सपर्ट कुछ सावधानियां बरतने की भी सलाह देते हैं। इसके अधिक सेवन से वात और अपच, पेट फूलने की समस्या हो सकती है। इसे संतुलित मात्रा में खाना चाहिए।

काली उड़द दाल को दाल, खिचड़ी, वड़ा, डोसा या पापड़ के रूप में खाया जा सकता है। इसे हल्के मसालों और घी के साथ पकाने से स्वाद और पोषण दोनों बढ़ते हैं।

Advertisment
Advertisment