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आपने चने का साग, पालक साग, बथुआ साग, मेथी साग और सरसों का साग तो खाया ही होगा, लेकिन क्या आपने कभी कुल्फा का साग खाया है? कुल्फा खरपतवार के रूप में भी उगता है; यह कई औषधीय गुणों से भरपूर होता है। इसके अलावा, इसमें विटामिन्स, मिनरल्स, आयरन, एंटीऑक्सीडेंट्स और फाइबर जैसे कई पोषक तत्व पाए जाते हैं।
चरक संहिता में कुल्फा का वर्णन
चरक संहिता में, कुल्फा का वर्णन शाक वर्ग के अंतर्गत मिलता है, जो कि 12 प्रकार के आहार में से एक है। माना जाता है कि यह शरीर को ठंडा पहुंचाने, पाचन में सुधार करने और कई रोगों से निजात दिलाने में उपयोगी है। इसकी पत्तियां छोटी, मोटी और अंडाकार होती हैं और स्वाद में ये हल्की खट्टी होती हैं।
कुल्फा में कैल्शियम, आयरन और मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्व काफी मात्रा में पाए जाते हैं, जो हड्डियों और दांतों को मजबूत करने में मदद करते हैं; इसके सेवन से ऑस्टियोपोरोसिस का जोखिम कम होता है।
कुल्फा के गुणों को पहचाना
आधुनिक विज्ञान ने भी कुल्फा के गुणों को पहचाना है। रिसर्च में पाया गया है कि कुल्फा में विटामिन-ए और बीटा-कैरोटीन जैसे तत्वों से भरपूर हैं, जो मोतियाबिंद और मैक्यूलर डीजनरेशन जैसी नेत्र संबंधी समस्याओं से निजात दिलाने में मदद करता है।
कुल्फा में ऐसे यौगिक गुण
सुश्रुत संहिता में कुल्फा को एक शाक (सब्जी) के रूप में उपयोग किया गया है, जिसे भोजन के रूप में ग्रहण किया जा सकता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो स्किन को फ्री रेडिकल्स से बचाते हैं, जिससे त्वचा स्वस्थ और चमकदार बनी रहती है। ये बालों के स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद होते हैं। कुल्फा में ऐसे यौगिक गुण होते हैं जो शरीर में सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं।
यह ब्लडग्लूकोज को कंट्रोल करने में काफी मददगार है। डायबिटीज के मरीजों के लिए कुल्फा फायदेमंद हो सकता है। इसमें ओमेगा-3 फैटी एसिड होता है, जो बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करने और हृदय रोगों के जोखिम को कम करने में मदद करता है।
एंटीऑक्सीडेंट्स रोग प्रतिरोधक क्षमता
कुल्फा में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स रोग प्रतिरोधक क्षमताको मजबूत करने में मदद करते हैं। वहीं, आप इसको अच्छी तरह साफ करके कच्चा चबाकर खा सकते हैं या फिर सूप बनाकर पी सकते हैं; इसे दाल या सब्जियों के साथ मिलाकर खाया जा सकता है।