Horse Gram Benefits: क्या आप जानते हैं कि एक ऐसी दाल है, जिसमें शरीर में तकलीफ बढ़ाने वाली पथरी को भी गलाने का माद्दा है? यह दाल न केवल पोषक तत्वों से भरपूर है, बल्कि इसका इतिहास भी हजारों साल पुराना है। आयुर्वेद में इसे एक अद्भुत औषधि के रूप में मान्यता प्राप्त है। तो क्या आप जानना चाहेंगे कि यह रहस्यमयी दाल कौन सी है, जो समय के साथ हमारी सेहत के लिए इतनी फायदेमंद साबित हुई? उसका नाम है कुल्थी।
सबसे पुरानी दाल है सुपरफूड
कुल्थी की दाल, जिसे आमतौर पर "हॉर्स ग्राम" के नाम से भी जाना जाता है, विश्व की सबसे पुरानी दालों में से एक मानी जाती है। इसका इतिहास गंगा बेसिन सभ्यता और वैदिक सभ्यता से भी पुराना है। सरस्वती रिवर सभ्यता के समय, हड़प्पा कालीन सभ्यता में कुल्थी की दाल का सेवन किया जाता था और यह लगभग दस हजार वर्षों से भारतीय उपमहाद्वीप में खाई जा रही है। कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में की गई खुदाई में भी इसके अवशेष मिले हैं, जिससे यह पुष्टि होती है कि यह दाल हड़प्पा सभ्यता के समय से प्रयोग में रही थी। कुल्थी की दाल का उल्लेख वेदों में भी किया गया है, जहां इसके औषधीय गुणों के बारे में बताया गया है। आयुर्वेद के दृष्टिकोण से भी यह एक सुपरफूड मानी जाती है और कई स्वास्थ्य लाभों का खजाना है।
गरीबों की दाल
एशिया, खास तौर पर भारत में कुल्थी को "गरीबों की दाल की फसल" के रूप में जाना जाता है। यह अक्सर भोजन और चारे दोनों के रूप में काम आती है। नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज, यूएस द्वारा "भविष्य के लिए संभावित खाद्य स्रोत" के रूप में वर्णित किया गया। यह प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, घुलनशील और अघुलनशील फाइबर, खनिजों और जैविक रूप से सक्रिय यौगिकों का एक उत्कृष्ट स्रोत है।
पोषक तत्वों से भरपूर
कुल्थी की दाल न सिर्फ स्वादिष्ट होती है, बल्कि यह सेहत (Health Tips) के लिए भी बहुत फायदेमंद है। यह छोटे-छोटे काले रंग के बीजों वाली दाल प्रोटीन, कैल्शियम, आयरन, फास्फोरस, और फाइबर से भरपूर होती है। आयुर्वेद में इसका उपयोग विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं के समाधान के रूप में किया जाता है। किडनी की पथरी, कोलेस्ट्रॉल, बवासीर, और वजन घटाने में सहायक मानी जाती है। इसके अलावा, कुल्थी की दाल में ऐसे पोषक तत्व होते हैं, जो पेट की समस्याओं, जैसे कब्ज, आंतों की सफाई और पाचन की गति को बेहतर करने में मदद करते हैं।
किडनी स्टोन को दूर करने में मददगार
कुल्थी की दाल का एक और लाभ यह है कि यह किडनी स्टोन की समस्या को भी दूर करने में मदद करती है। इसमें फेनोलिक एसिड, फ्लैवोनॉएड्स और टैनिंस जैसे तत्व होते हैं, जो किडनी स्टोन को गलाने में मदद करते हैं। यह गॉल ब्लैडर में मौजूद पथरी को भी तोड़ सकती है। कई आयुर्वेदिक विशेषज्ञों के अनुसार किडनी स्टोन के इलाज के लिए कुल्थी की दाल का सेवन बेहद फायदेमंद है। इसे रात भर भिगोकर, सुबह खाली पेट उसका पानी पीने से पथरी की समस्या से राहत मिल सकती है।
कॉलेस्ट्रॉल को कम करने में सहायक
इसके स्वास्थ्य लाभों में से एक महत्वपूर्ण लाभ यह है कि यह कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद करती है। इसमें पाए जाने वाले लिपिड और फाइबर ब्लड में खराब कोलेस्ट्रॉल (एलडीएल) को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। इसे रात भर भिगोकर सुबह खाली पेट सेवन करने से हार्ट ब्लॉकेज के खतरे को कम किया जा सकता है। इसके अलावा, यह दाल ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में भी सहायक है, जिससे डायबिटीज के मरीजों के लिए यह एक आदर्श आहार बन जाती है।
आयरन और कैल्शियम की कमी दूर करे
कुल्थी की दाल में मौजूद फाइबर, पोटेशियम, और मैग्नीशियम रक्तचाप को नियंत्रित करने और कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करते हैं, जिससे हृदय स्वास्थ्य बेहतर होता है। इसके साथ ही यह दाल खून की कमी (एनीमिया) को दूर करने में मदद करती है क्योंकि इसमें आयरन की अच्छी मात्रा होती है। यह हड्डियों को भी मजबूत बनाती है और कैल्शियम के अभाव को पूरा करती है।