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menopause Photograph: (ians)
नई दिल्ली। एक हालिया स्टडी में खुलासा हुआ है कि जिन महिलाओं में मेनोपॉज समय से पहले यानी 40 साल से कम उम्र में होता है, उनमें दिल और दिमाग से जुड़ी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। शोध के अनुसार, समय से पहले मेनोपॉज के कारण शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन का स्तर कम हो जाता है, जिससे ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल और न्यूरोलॉजिकल समस्याएं बढ़ सकती हैं। इससे दिल की धड़कनें अनियमित होना, याददाश्त कमजोर पड़ना और मानसिक तनाव जैसी दिक्कतें सामने आ सकती हैं। विशेषज्ञ समय पर जांच और हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाने की सलाह देते हैं।
नई रिसर्च के अनुसार
नई रिसर्च के अनुसार, महिलाओं में अगर मेनोपॉज समय से पहले हो जाए, तो इससे उनके दिल की सेहत और साथ ही दिमाग की कार्यक्षमता पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। यह स्टडी इस बात पर ध्यान देती है कि समय से पहले मेनोपॉज और दिल की कमजोर स्थिति मिलकर दिमाग और सोचने-समझने की क्षमता को कैसे प्रभावित कर सकती हैं।
वहीं बात करें पहले की रिसर्च में तो यह पता चला था कि जिन महिलाओं को मेनोपॉज समय से पहले होता है, उन्हें उम्र के साथ याददाश्त कमजोर होने और अल्जाइमर जैसी बीमारियों का खतरा ज्यादा रहता है। हृदय की खराब स्थिति दिमाग की सेहत पर बड़ा असर डालती है। दिल जब ठीक तरह से खून नहीं पंप कर पाता, तो दिमाग तक ऑक्सीजन और जरूरी पोषक तत्व कम पहुंचते हैं। इससे दिमाग की कोशिकाएं कमजोर पड़ सकती हैं, छोटे-छोटे स्ट्रोक हो सकते हैं और आगे चलकर डिमेंशिया जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है।
समय से पहले मेनोपॉज
नई स्टडी में यह सामने आया है कि अगर किसी महिला को समय से पहले मेनोपॉज होता है, तो उसके दिल और दिमाग पर ज्यादा बुरा असर पड़ता है। इससे दिमाग के खास हिस्सों का आकार कम हो जाता है, दिमाग में सफेद धब्बों की संख्या बढ़ती है और सोचने-समझने की ताकत भी कम हो जाती है। कनाडा के टोरंटो विश्वविद्यालय के प्रमुख लेखक टैलिन स्प्लिंटर ने कहा, "अभी तक यह पूरी तरह नहीं समझा जा सका था कि मेनोपॉज, खासकर समय से पहले मेनोपॉज दिमाग पर कैसे असर डालती है। इसलिए हमने दिल और दिमाग की सेहत को एक साथ जांचने की कोशिश की, ताकि इस महत्वपूर्ण विषय पर नई जानकारी मिल सके।"
नकारात्मक प्रभाव
यह शोध 2025 में ऑरलैंडो में हुई द मेनोपॉज सोसायटी की वार्षिक बैठक में प्रस्तुत की गई। इसमें 500 से ज्यादा महिलाओं को शामिल किया गया। दिल की कार्यक्षमता का मूल्यांकन कार्डियक एमआरआई के जरिए किया गया, जिससे पता चला कि दिल कितने प्रभावी ढंग से खून पंप कर रहा है। दिमाग की संरचना को मापने के लिए ब्रेन एमआरआई का इस्तेमाल किया गया, जिससे ग्रे मैटर वॉल्यूम और सफेद धब्बों की जानकारी मिली। साथ ही, महिलाओं की सोचने-समझने की क्षमता को नापने के लिए मानक मानसिक परीक्षण भी किए गए।
रिसर्च से पता चला कि समय से पहले मेनोपॉज और दिल की खराब स्थिति दोनों मिलकर दिमाग की कार्यक्षमता और उसकी संरचना पर मिलाजुला नकारात्मक प्रभाव डालती हैं।
असरदार तरीके
मेनोपॉज सोसायटी की चिकित्सा निदेशक डॉ. स्टेफनी फौबियन ने कहा, ''यह निष्कर्ष बहुत महत्वपूर्ण है। महिलाओं में होने वाले डिमेंशिया और याददाश्त की कमजोरियों की रिसर्च में महिलाओं की खास जिंदगी की घटनाओं जैसे मेनोपॉज की उम्र को जरूर शामिल करना चाहिए। इससे बीमारी की रोकथाम और इलाज में ज्यादा असरदार तरीके अपनाए जा सकते हैं।''
सेहत का ध्यान
इस अध्ययन से यह भी स्पष्ट होता है कि दिल और दिमाग की सेहत का ध्यान रखने के लिए महिलाओं को उनके मेनोपॉज की उम्र का भी ध्यान रखना चाहिए। अगर मेनोपॉज जल्दी हो रहा है, तो समय पर दिल की जांच और दिमागी स्वास्थ्य की देखभाल जरूरी हो जाती है, ताकि बुढ़ापे में मानसिक समस्याओं से बचा जा सके।
(इनपुट-आईएएनएस)
Disclaimer: इस लेख में प्रदान की गई जानकारी केवल सामान्य जागरूकता के लिए है। इसे किसी भी रूप में व्यावसायिक चिकित्सकीय परामर्श के विकल्प के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। कोई भी नई स्वास्थ्य-संबंधी गतिविधि, व्यायाम, शुरू करने से पहले अपने चिकित्सक से सलाह जरूर लें।"