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...ताकि नमक से बनी रहे जिंदगी में मिठास! इसके फायदे जानकर रह जाएंगे आप भी हैरान

नमक आपकी रसोई का एक आवश्यक खाद्य पदार्थ हैं। यह भोजन का स्वाद बढ़ाने के साथ-साथ कई शारीरिक कार्यों को संतुलित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हालांकि, इसके लाभों के साथ-साथ अधिक नमक का सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक भी हो सकता है।

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Mukesh Pandit
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नमक आपकी रसोई का एक अत्यंत आवश्यक खाद्य पदार्थ हैं। यह भोजन का स्वाद बढ़ाने के साथ-साथ कई शारीरिक कार्यों को संतुलित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हालांकि, इसके लाभों के साथ-साथ अधिक नमक का सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक भी हो सकता है। आइए, नमक के लाभ और अधिक नमक के उपयोग से होने वाले खतरों को विस्तार से समझते हैं। नमक, जिसे वैज्ञानिक रूप से सोडियम क्लोराइड (NaCl) कहा जाता है, हमारे शरीर के लिए एक आवश्यक पोषक तत्व है। लेकिन आपके लिए यह जानना भी जरूरी है कि स्वास्थ्य की दृष्टि से नमक कितनी मात्रा इस्तेमाल की जाए। नमक के लाभों का आनंद लेने और इसके खतरों से बचने के लिए संतुलित सेवन जरूरी है।

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जानते हैं नमक के शरीर को लाभ

शरीर में तरल पदार्थों का संतुलन: 
नमक शरीर में पानी और अन्य तरल पदार्थों के संतुलन को बनाए रखने में मदद करता है। सोडियम कोशिकाओं के अंदर और बाहर तरल पदार्थों के संचरण को नियंत्रित करता है, जो हाइड्रेशन के लिए जरूरी है। यह विशेष रूप से गर्मी या व्यायाम के दौरान पसीने से खोए हुए इलेक्ट्रोलाइट्स को फिर से भरने में सहायक होता है। नमक, में लगभग 40% सोडियम और 60% क्लोराइड होता है। यह भोजन को स्वादिष्ट बनाता है और इसे बाइंडर और स्टेबलाइज़र के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।

तंत्रिका तंत्र का कार्य : 
सोडियम (NaCl) तंत्रिका संकेतों के संचरण के लिए आवश्यक है। यह मस्तिष्क, तंत्रिकाओं और मांसपेशियों के बीच संदेश भेजने में मदद करता है। बिना पर्याप्त नमक के, तंत्रिका तंत्र (Nervous system)ठीक से काम नहीं कर सकता, जिससे थकान या मांसपेशियों में ऐंठन हो सकती है।

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मांसपेशियों का संकुचन: 
नमक मांसपेशियों के संकुचन और विश्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह कैल्शियम और पोटैशियम जैसे अन्य खनिजों के साथ मिलकर मांसपेशियों को सुचारू रूप से कार्य करने में मदद करता है।

रक्तचाप का नियमन:
सोडियम रक्तचाप को नियंत्रित करने में सहायता करता है। यह रक्त की मात्रा को बनाए रखने में मदद करता है, जो हृदय और रक्त वाहिकाओं के लिए जरूरी है। हालांकि, यह लाभ तभी तक है जब तक नमक का सेवन संतुलित मात्रा में हो।

पाचन में सहायता: 
 Digital health care | get healthy नमक पेट में हाइड्रोक्लोरिक एसिड (HCl) के उत्पादन को प्रोत्साहित करता है, जो भोजन को पचाने और बैक्टीरिया को मारने में मदद करता है। यह पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में योगदान देता है।

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आयोडीन का स्रोत: 
आयोडाइज्ड नमक थायराइड ग्रंथि के लिए आवश्यक आयोडीन प्रदान करता है। आयोडीन की कमी से गॉइटर और अन्य थायराइड संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। भारत जैसे देशों में, जहां आयोडीन की कमी आम थी, आयोडाइज्ड नमक ने इस समस्या को काफी हद तक कम किया है।

जानते हैं  नमक के इस्तेमाल के खतरे

 Health Awareness | Health Advice नमक शरीर के लिए जरूरी है, लेकिन इसकी अधिकता कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, एक वयस्क को प्रतिदिन 5 ग्राम से कम नमक (लगभग 2 ग्राम सोडियम) का सेवन करना चाहिए। इससे अधिक नमक का उपयोग निम्नलिखित खतरों को जन्म दे सकता है:

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उच्च रक्तचाप (हाइपरटेंशन): 
अधिक नमक का सेवन रक्त में सोडियम की मात्रा बढ़ाता है, जिससे शरीर पानी को रोकता है। इससे रक्त की मात्रा बढ़ती है और रक्तचाप में वृद्धि होती है। लंबे समय तक उच्च रक्तचाप हृदय रोग, स्ट्रोक और किडनी की समस्याओं का कारण बन सकता है।

हृदय रोग: 
अधिक नमक से रक्तचाप बढ़ने के कारण हृदय पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है। इससे हार्ट अटैक, हृदय विफलता और धमनी कठोरता (एथेरोस्क्लेरोसिस) का खतरा बढ़ जाता है। अध्ययनों से पता चलता है कि नमक का अधिक सेवन हृदय स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।

किडनी पर प्रभाव: 
किडनी शरीर से अतिरिक्त सोडियम को छानने का काम करती है। अधिक नमक के सेवन से किडनी पर बोझ बढ़ता है, जिससे किडनी की कार्यक्षमता कम हो सकती है। यह किडनी स्टोन और किडनी फेल्योर जैसी समस्याओं को भी बढ़ावा दे सकता है।

पेट के कैंसर का जोखिम: 
कुछ शोधों के अनुसार, अधिक नमक का सेवन पेट के कैंसर के खतरे को बढ़ा सकता है। नमक पेट की परत को नुकसान पहुंचा सकता है और हेलिकोबैक्टर पाइलोरी जैसे बैक्टीरिया के प्रभाव को बढ़ा सकता है, जो कैंसर का कारण बन सकता है।

हड्डियों का कमजोर होना (ऑस्टियोपोरोसिस): 
अधिक सोडियम के सेवन से मूत्र के माध्यम से कैल्शियम की हानि होती है। इससे हड्डियां कमजोर हो सकती हैं और ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा बढ़ सकता है, खासकर महिलाओं में।
सूजन और पानी का जमाव: 
अधिक नमक शरीर में पानी को रोक सकता है, जिससे पैरों, हाथों और चेहरे पर सूजन (एडिमा) हो सकती है। यह असुविधा के साथ-साथ अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत भी हो सकता है।
स्ट्रोक का खतरा: 
उच्च रक्तचाप के कारण मस्तिष्क की रक्त वाहिकाओं पर दबाव पड़ता है, जिससे स्ट्रोक की संभावना बढ़ जाती है। अधिक नमक का सेवन इस जोखिम को और बढ़ा देता है।

कैसे बनाएं संतुलन?

नमक के फायदों का आनंद लेने और इसके खतरों से बचने के लिए इसका  संतुलित सेवन जरूरी है। प्रोसेस्ड और पैकेज्ड खाद्य पदार्थों (जैसे चिप्स, नमकीन, सॉस) में छिपा हुआ नमक अधिक होता है, इसलिए इनका सेवन सीमित करें। ताजा फल, सब्जियां और घर का बना भोजन चुनें। नमक की मात्रा को कम करने के लिए मसालों और जड़ी-बूटियों का उपयोग करें।  यह जीवन के लिए आवश्यक है, लेकिन इसकी अधिकता गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दे सकती है। संतुलित मात्रा में नमक का सेवन स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करता है, जबकि अधिकता से बचना दीर्घकालिक स्वास्थ्य के लिए जरूरी है। जागरूकता और सही खान-पान की आदतें अपनाकर हम नमक के लाभ उठा सकते हैं और इसके खतरों से बच सकते हैं।

डिस्कलेमर: अपने स्वास्थ्य की स्थिति के अनुसार नमक के सेवक को लेकर अपने डॉक्टर से सलाह लें, खासकर यदि आपको पहले से उच्च रक्तचाप या किडनी की समस्या है।

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