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महिलाओं में बढ़ रही पेल्विक मसल्स कमजोरी की समस्या, इन योगासनों से बनाएं मांसपेशियों को मजबूत

पेल्विक मसल्स हमारे शरीर के निचले हिस्से में होती हैं, जो अंदरूनी अंगों जैसे यूट्रस, वजाइना, ब्लैडर और बाउल को सहारा देती हैं। इन्हें मजबूत रखना जरूरी है ताकि ये अंग सही तरीके से काम कर सकें। योगाभ्यास की मदद से इन्हें मजबूत किया जा सकता है।

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YBN News
MalasanaYoga

MalasanaYoga Photograph: (ians)

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मुंबई। आजकल ज्यादातर महिलाएं पेल्विक मसल्स की कमजोरी की समस्या से जूझ रही हैं, जो एक गंभीर स्वास्थ्य चिंता बनती जा रही है। पेल्विक मसल्स हमारे शरीर को सहारा देने और मूत्राशय व गर्भाशय जैसे अंगों को नियंत्रित करने में अहम भूमिका निभाते हैं। लेकिन कई कारण इन मांसपेशियों को कमजोर बना देते हैं। मोटापा, बार-बार कब्ज की समस्या, लगातार खांसी, पेल्विक सर्जरी और बढ़ती उम्र इसके मुख्य कारण माने जाते हैं।

इसके कारण

विशेषज्ञों का कहना है कि गर्भावस्था और डिलीवरी के दौरान महिलाओं के पेल्विक फ्लोर मसल्स पर अत्यधिक दबाव पड़ता है, जिससे उनकी ताकत कम हो सकती है। इस कारण महिलाओं को बार-बार पेशाब आने की समस्या, ब्लैडर कंट्रोल में कमी, पीठ और पेल्विक क्षेत्र में दर्द जैसी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। अगर समय रहते ध्यान न दिया जाए तो यह स्थिति और गंभीर हो सकती है।

डॉक्टरों की सलाह

वहीं ,डॉक्टरों की सलाह है कि महिलाएं नियमित रूप से पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइज, जिसे ‘कीगल एक्सरसाइज’ कहा जाता है, करें। इससे मांसपेशियां मजबूत होती हैं और लक्षणों में काफी सुधार देखने को मिलता है। साथ ही संतुलित आहार, वजन नियंत्रण और सही जीवनशैली अपनाकर भी इस समस्या को कम किया जा सकता है। जागरूकता और समय पर उपचार से महिलाएं अपनी सेहत बेहतर बनाए रख सकती हैं।

योगाभ्यास से मदद

पेल्विक मसल्स हमारे शरीर के निचले हिस्से में होती हैं, जो अंदरूनी अंगों जैसे यूट्रस, वजाइना, ब्लैडर और बाउल को सहारा देती हैं। इन्हें मजबूत रखना बहुत जरूरी है ताकि ये अंग सही तरीके से काम कर सकें। योगाभ्यास की मदद से इन्हें मजबूत किया जा सकता है।

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मलासन: मलासन एक आसान योगासन है जो पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियों को टोन करता है। इसे करने के लिए दोनों पैरों को मोड़कर नीचे की ओर बैठ जाएं। घुटनों के ऊपर हाथ रखकर हथेलियां जोड़ लें। पीठ सीधी रखें और इस मुद्रा में 2 मिनट तक आराम से बैठें। इस आसन को बार-बार करने से कब्ज की समस्या भी दूर होती है और पेल्विक मसल्स मजबूत बनती हैं।

हनुमानासन: हनुमानासन को फ्रंट स्प्लिट्स भी कहा जाता है। यह आसन शरीर की लचक बढ़ाने में मदद करता है और खासकर पेल्विक मसल्स को ताकत देता है। इस आसन में पहले घुटनों के बल बैठें। फिर एक पैर को धीरे-धीरे आगे और दूसरे को पीछे की ओर फैलाएं। कोशिश करें कि कूल्हे जमीन से लग जाएं। दोनों हाथ ऊपर उठाकर नमस्कार की मुद्रा बनाएं और 2 मिनट तक रहें। इसका अभ्यास करने से पेल्विक मसल्स मजबूत होती हैं और शरीर लचीला बनता है।

सेतुबंधासन: सेतुबंधासन को ब्रिज पोज भी कहा जाता है। इसे करने से पेल्विक मसल्स मजबूत होती हैं और शरीर के निचले हिस्से में खिंचाव आता है। इस आसन में सबसे पहले जमीन पर पीठ के बल लेटना होता है। फिर घुटनों को मोड़कर पैरों को जमीन पर टिकाएं। हाथों की मदद से पैरों की एड़ियों को पकड़ें। अब धीरे-धीरे कमर और कूल्हे को ऊपर उठाएं, जैसे कि शरीर पुल की तरह बना हो। इस स्थिति में 1-2 मिनट रहें और फिर धीरे-धीरे नीचे आएं। इसे 4-5 बार दोहराने से पेल्विक मसल्स मजबूत होती हैं और कमर दर्द भी कम होता है।

(इनपुट-आईएएनएस)

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Disclaimer: इस लेख में प्रदान की गई जानकारी केवल सामान्य जागरूकता के लिए है। इसे किसी भी रूप में व्यावसायिक चिकित्सकीय परामर्श के विकल्प के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। कोई भी नई स्वास्थ्य-संबंधी गतिविधि, व्यायाम, शुरू करने से पहले अपने चिकित्सक से सलाह जरूर लें।"

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