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यूरीक एसिड एक प्राकृतिक पदार्थ है, जो शरीर में purine नामक यौगिकों के टूटने से उत्पन्न होता है। यह रक्त में घुलकर किडनी के माध्यम से बाहर निकलता है, लेकिन जब यूरीक एसिड का स्तर अधिक हो जाता है, तो यह शरीर में जमा हो सकता है। इसके जमा होने से घुटनों, जोड़ों या टिशूज में सूजन और दर्द हो सकता है, जिसे हम गाउट के नाम से जानते हैं।
यूरीक एसिड बढ़ने के कारण
खानपान की आदतें – मांसाहारी भोजन, शराब, मीठे खाद्य पदार्थ, और अधिक हाई-फैट वाले खाद्य पदार्थ यूरीक एसिड को बढ़ा सकते हैं।
दवाइयों का प्रभाव – कुछ दवाइयाँ जैसे डाइयूरीटिक्स और एसीटामिनोफेन के सेवन से यूरीक एसिड बढ़ सकता है।
अधिक वजन और मोटापा – अधिक वजन शरीर में यूरीक एसिड के संचय का कारण बनता है।
परिवारिक इतिहास – गाउट या उच्च यूरीक एसिड का पारिवारिक इतिहास होने से भी इस समस्या का खतरा बढ़ता है।
किडनी की समस्याएं – यदि किडनी ठीक से यूरीक एसिड को बाहर नहीं निकाल पाती, तो यह रक्त में जमा हो जाता है।
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यूरीक एसिड का प्रभाव
यूरीक एसिड का बढ़ा हुआ स्तर शरीर में कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। जब यूरीक एसिड क्रिस्टल के रूप में जमा हो जाता है, तो यह जोड़ों में सूजन और दर्द का कारण बनता है। यूरीक एसिड का अधिक संचय किडनी में पत्थरों के रूप में जमा हो सकता है। इसका उच्च स्तर रक्त वाहिकाओं पर दबाव डालता है, जिससे हृदय रोग का खतरा बढ़ता है।
यूरीक एसिड कम करने के उपाय
अपने आहार में फल, सब्जियाँ, साबुत अनाज और कम-फैट वाले डेयरी उत्पादों को शामिल करें। दिनभर में पर्याप्त पानी पीने से यूरीक एसिड शरीर से बाहर निकलने में मदद मिलती है। शराब, मीठे पेय और अधिक फैटी खाने से बचें। अधिक वजन को नियंत्रित करने के लिए नियमित व्यायाम करें। किसी भी दवाई का सेवन डॉक्टर की सलाह से करें, विशेष रूप से डाययूरिटिक्स और अन्य दवाइयों का।
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संभावित लक्षण
यूरीक एसिड बढ़ने पर यह लक्षण दिखाई दे सकते हैं। जोड़ों में सूजन और दर्द, बुखार और त्वचा पर लालपन और गर्मी का अहसास। यूरीक एसिड का स्तर यदि अधिक हो तो यह गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। इससे बचने के लिए संतुलित आहार, उचित पानी का सेवन, व्यायाम और दवाइयों का सही उपयोग जरूरी है। यदि आपको इस समस्या के लक्षण दिखाई दें, तो डॉक्टर से परामर्श लें।