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screens Photograph: (ians)
नई दिल्ली, आईएएनएस। एक रिसर्च में यह बात सामने आई है कि सोते वक्त मोबाइल फोन आदि की स्क्रीन पर ज्यादा समय बिताने वाले लोगों में अनिद्रा का जोखिम बढ़ जाता है। सोते समय बेड पर स्क्रीन का इस्तेमाल करने से अनिद्रा का खतरा 59 फीसदी तक बढ़ जाता है।
अच्छी नींद काफी महत्वपूर्ण
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नॉर्वे में नॉर्वेजियन इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक हेल्थ के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए अध्ययन से पता चला है कि मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए एक अच्छी नींद काफी महत्वपूर्ण है। लेकिन, रात में सोने के दौरान लोग बिस्तर पर स्क्रीन का उपयोग करने के आदी हो रहे हैं। जिससे उनकी नींद प्रभावित हो रही है।
सोशल मीडिया को अक्सर नींद खराब करने वाला माना जाता है, लेकिन नॉर्वे में 18 से 28 साल के 45,202 युवाओं के एक सर्वे में पता चला कि स्क्रीन पर क्या देखा जा रहा है, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता।
स्क्रीन देखना ही नींद खराब करता
शोध के मुख्य लेखक डॉ. गुन्हिल्ड जॉनसेन हेटलैंड ने कहा, "हमें सोशल मीडिया और दूसरी स्क्रीन गतिविधियों में कोई बड़ा अंतर नहीं मिला। इसका मतलब है कि सिर्फ स्क्रीन देखना ही नींद खराब करता है। शायद इसलिए क्योंकि स्क्रीन देखने में समय निकल जाता है, और सोने का समय कम हो जाता है।"
अध्ययन से पता चला है कि बिस्तर पर स्क्रीन का उपयोग करने से नींद का समय 24 मिनट कम हो सकता है। उल्लेखनीय रूप से, छात्रों में नींद की समस्या अत्यधिक पाई गई। हेटलैंड ने कहा, "इसका मानसिक स्वास्थ्य, शैक्षणिक प्रदर्शन और समग्र स्वास्थ्य पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ सकता है।"
स्क्रीन नींद के समय को कम करती
फ्रंटियर्स इन साइकियाट्री नामक पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, स्क्रीन नींद के समय को कम करती हैं, क्योंकि वे आराम के समय को कम कर देती हैं, न कि इसलिए कि वे जागने को बढ़ाती हैं।
हेटलैंड ने कहा, "यदि आपको नींद आने में परेशानी होती है और आपको संदेह है कि स्क्रीन टाइम इसका कारण हो सकता है, तो बिस्तर पर स्क्रीन का उपयोग कम करने का प्रयास करें, आदर्श रूप से सोने से कम से कम 30-60 मिनट पहले इसे बंद कर दें।"
उच्च रक्तचाप या हाइपरटेंशन का खतरा
उन्होंने कहा कि यदि आप स्क्रीन का उपयोग करते हैं, तो रात के दौरान व्यवधान को कम करने के लिए मोबाइल नोटिफिकेशन को बंद करने पर विचार करें। उन्होंने वैश्विक स्तर पर स्क्रीन के उपयोग और नींद के बीच संबंध को समझने के लिए आगे और अध्ययन किए जाने का आह्वान किया।
अमेरिका के पेन्सिल्वेनिया स्टेट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं द्वारा हाल ही में किए गए एक अध्ययन से पता चला है कि जो युवा पर्याप्त नींद नहीं लेते हैं, उनमें उच्च रक्तचाप या हाइपरटेंशन का खतरा बढ़ सकता है - जो हृदय संबंधी बीमारियों के लिए एक सामान्य जोखिम कारक है।