/young-bharat-news/media/media_files/2025/06/05/lQjIiIsVgQ1UzgsE0ZWj.jpg)
Uttamandukasana Photograph: (ians)
नई दिल्ली, आईएएनएस। भागदौड़ भरी जिंदगी और खुद के स्वास्थ्य को लेकर की गई लापरवाही कई समस्याओं को न्योता देने जैसा है। ऐसे में जिंदगी में कुछ आसनों को शामिल कर कई समस्याओं को दूर किया जा सकता है। ऐसे ही एक आसन का नाम उत्तानमंडूकासन है। यह पाचन क्रिया, फेफड़ों और पूरे शरीर के लिए लाभदायी है। इसके साथ ही यह मांसपेशियों को भी मजबूत बनाता है।
पूरे शरीर के लिए लाभदायी
‘उत्तान’ का अर्थ तना हुआ और ‘मंडूक’ का अर्थ है मेढक। उत्तानमंडूकासन की मुद्रा में शरीर सीधे तने हुए मेंढक के समान लगता है। इस आसन में सिर को कोहनियों से थामा जाता है ताकि सिर पीछे की ओर न जाए और शरीर एक सीध में रहे।
आयुष मंत्रालय के अनुसार, उत्तानमंडूकासन न केवल पीठ दर्द और ग्रीवा की तकलीफ को कम करता है, बल्कि शरीर की उदरीय गति को बढ़ाने में भी मदद करता है। इसके साथ, यह फेफड़ों की कार्यक्षमता को भी बढ़ाता है। इस आसन को नियमित रूप से अपनाना अत्यंत फायदेमंद हो सकता है।
आसन करने की विधि
मोरारजी देसाई नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ योगा के अनुसार, नियमित रूप से उत्तानमंडूकासन का अभ्यास करने से अनेकों लाभ मिलते हैं। उन्होंने आसन को सही तरीके से करने की विधि भी बताई।
इसके लिए वज्रासन की मुद्रा में बैठ जाएं (घुटनों के बल बैठकर एड़ियों पर बैठें) और फिर अपने दोनों हाथों को कोहनियों से मोड़कर पीठ के पीछे ले जाएं। दाहिने हाथ से बाएं पैर की उंगलियों को पकड़ें और बाएं हाथ से दाहिने पैर की उंगलियों को पकड़ें। रीढ़ की हड्डी को सीधा रखते हुए सामने की ओर देखें और सामान्य रूप से सांस लेते रहें। इस स्थिति में 25 से 30 सेकंड तक रहें, फिर धीरे-धीरे सामान्य स्थिति में वापस आएं।
इससे यह रीढ़ की हड्डी को मजबूत और लचीला बनाता है। जांघों, कूल्हों और टखनों की मांसपेशियों को खींचकर उन्हें मजबूती देता है। यह मन को शांत करता है और तनाव व चिंता को कम करने में मदद करता है। इससे पेट की मांसपेशियों पर दबाव पड़ता है, जिससे पाचन तंत्र बेहतर होता है। यही नहीं, यह शरीर में रक्त संचार को बेहतर बनाता है।
सावधानियां बरतने की सलाह
हालांकि, स्वास्थ्य विशेषज्ञ इसे करने में कुछ सावधानियां बरतने की भी सलाह देते हैं। घुटनों, टखनों या पीठ में दर्द है, तो इसे करने से बचना चाहिए। गर्भवती महिलाओं को भी इस आसन से परहेज करना चाहिए।