/young-bharat-news/media/media_files/2025/02/10/vVQKqdFYT2aPqPZGRJ6T.jpg)
00:00
/ 00:00
By clicking the button, I accept the Terms of Use of the service and its Privacy Policy, as well as consent to the processing of personal data.
Don’t have an account? Signup
नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क।
एक तरफ जहां अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप टैरिफ लगाने की धमकी देकर दुनिया पर टैरिफ वॉर छेड़ रहे हैं, वहीं भारत अब अमेरिका को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार है। भारत और यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (EFTA) के बीच ऐतिहासिक व्यापार और आर्थिक भागीदारी समझौता (TEPA) होने जा रहा है।
इस समझौते से न सिर्फ भारत के लिए कारोबारी अवसर बढ़ेंगे, बल्कि वैश्विक बाजार में उसकी स्थिति भी मजबूत होगी। खासकर, जब भारत पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीतियों के असर से सदमे में था, ऐसे में इस समझौते को एक अहम कदम माना जा रहा है।
EFTA (यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ) चार यूरोपीय देशों- नॉर्वे, स्विटजरलैंड, आइसलैंड और लिकटेंस्टीन का एक व्यापार संगठन है। यह संगठन यूरोपीय संघ (ईयू) से अलग है और इसका उद्देश्य अपने सदस्य देशों के बीच मुक्त व्यापार को बढ़ावा देना है।
Joe Biden Farewell: विदाई भाषण में “कहीं पर निगाहें कहीं पर निशाना”
TEPA (व्यापार और आर्थिक भागीदारी समझौता) भारत और EFTA के बीच एक व्यापक व्यापार समझौता है, जो कई आर्थिक क्षेत्रों को कवर करेगा। इस समझौते से भारत को निम्नलिखित लाभ मिलेंगे:
1. निर्यात को बढ़ावा: EFTA देशों के साथ व्यापार बाधाओं को कम करने से भारतीय उत्पादों के निर्यात को बढ़ाने में मदद मिलेगी।
2. निवेश में वृद्धि: यह समझौता EFTA देशों के निवेशकों को भारत में निवेश करने के लिए आकर्षित करेगा, जिससे देश की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा।
3. रोजगार के नए अवसर: निवेश और व्यापार के विस्तार से भारत में नए रोजगार सृजित होंगे।
4. प्रौद्योगिकी का हस्तांतरण: EFTA देशों की उच्च तकनीकी विशेषज्ञता से भारत के विभिन्न क्षेत्रों को उन्नत प्रौद्योगिकी का लाभ मिलेगा।
Ceasefire: हमास-इसरायल में युद्ध विराम पर बनी बात, श्रेय लेने की होड़
डोनाल्ड ट्रंप की सरकार ने अपने कार्यकाल के दौरान भारत पर कई व्यापार प्रतिबंध लगाए थे, जिनमें टैरिफ बढ़ोतरी भी शामिल थी। इन टैरिफ नीतियों ने भारत के लिए अमेरिकी बाजार में व्यापार करना मुश्किल बना दिया। अब, TEPA समझौता भारत को यूरोपीय बाजारों में अधिक प्रतिस्पर्धी बनाएगा और अमेरिकी टैरिफ के प्रभाव को कम करेगा।
भारत लगातार अपने व्यापारिक संबंधों में विविधता लाने की कोशिश कर रहा है। इस समझौते से चीन और अमेरिका जैसे बड़े व्यापारिक साझेदारों पर निर्भरता कम करने में मदद मिलेगी। साथ ही, इससे भारत को यूरोप के विकसित और स्थिर बाजारों तक पहुंच बनाने में भी मदद मिलेगी।
TEPA समझौता भारत की वैश्विक व्यापार रणनीति में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे न केवल आर्थिक अवसर बढ़ेंगे बल्कि भारत की व्यापार स्वायत्तता भी मजबूत होगी। भारत और EFTA के बीच यह साझेदारी आने वाले वर्षों में दोनों पक्षों के लिए आर्थिक रूप से लाभकारी साबित होगी।