Ceasefire: हमास-इसरायल में युद्ध विराम पर बनी बात, श्रेय लेने की होड़
कतर के प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुल रहमान अल सानी ने युद्ध को खत्म करने और कई इजराइली बंधकों की रिहाई के लिए इजराइल और हमास के बीच संघर्ष विराम समझौता होने की घोषणा की है। संघर्ष विराम समझौता रविवार से लागू होगा, जानिए क्या होगा असर
इसरायल और हमास से बीच पिछले लगभग 15 महीने से चल रहा विनाशकारी युद्ध रविवार को समाप्त हो जाएगा। कतर की मध्यस्था में दोनों देश युद्ध विराम के लिए तैयार हो गए हैं। कतर के प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुल रहमान अल सानी ने युद्ध को खत्म करने और कई इजराइली बंधकों की रिहाई के लिए इजराइल और हमास के बीच संघर्ष विराम समझौता होने की घोषणा की है। संघर्ष विराम समझौता रविवार से लागू होगा। पिछले साल अक्टूबर में चरमपंथी गुट हमास के हमले के साथ शुरू हुआ इसरायल और गाजा संघर्ष में अब तक हजारों लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि लाखों लोगों को अपना घर छोड़कर दूसरे स्थान पर जाना पड़ा। उधर, अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन और निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच श्रेय लेने की होड़ लगी हुई है।
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Photograph: (google)
डोनाल्ड ट्रंप और बाइडन में श्रेय लेने की होड़
इसरायल हमास के बीच हुए युद्ध विराम समझौते पर राष्ट्रपति जो बाइडन और डोनाल्ड ट्रंप दोनों श्रेय ले रहे हैं। व्हाइट हाउस के अनुसार, ट्रंप के मध्य पूर्व दूत ने महीनों तक चली वार्ता में हिस्सा लिया। ट्रंप ने यह दावा किया कि वह इस समझौते के पीछे की प्रेरक शक्ति थे और उन्होंने कहा कि यह विनाशकारी युद्ध विराम का समझौता उनकी प्रशासन की ऐतिहासिक जीत का परिणाम है। उनका मानना था कि इस समझौते से दुनिया को यह संदेश मिला कि उनका प्रशासन शांति की तलाश करेगा और अमेरिकियों और उनके सहयोगियों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा। ट्रंप के बाद जो बाइडन ने इस समझौते को लेकर दावा किया कि यह समझौता उनकी योजना के तहत हुआ था और इसमें अमेरिकी कूटनीति का बड़ा योगदान था। उन्होंने कहा कि उनके प्रशासन ने इस समझौते पर बातचीत की, लेकिन ट्रम्प की टीम को इस सौदे को लागू करने की जिम्मेदारी दी गई है।
इस मामले में विशेषज्ञों का मानना है कि इस समझौते में बाइडन और ट्रंप दोनों का योगदान है। वे कहते हैं कि अगर दोनों प्रशासन का दबाव न होता तो यह समझौता संभव नहीं हो पाता। इसके अलावा यह भी कहा गया कि समझौते में ट्रंप की टीम को शामिल करना यह दिखाता है कि जब अमेरिकी विदेश नीति द्विदलीय होती है तो यह ज्यादा प्रभावी होती है। इसरायल और हमास के बीच युद्ध विराम समझौते को लेकर अधिकारियों का दावा है कि ये समझौता अमेरिकी, कतर और मिस्र के साथ इजरायल की टीम के सहयोग से हुआ और इसमें सभी पक्षों का सहयोग अहम था। इस समझौते के लागू होने की प्रक्रिया जल्द ही शुरू हो सकती है और बंधकों के पहले समूह को रविवार को रिहा किया जा सकता है।
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव करिन जीन पियरे ने कहा कि 15 महीने की लंबी लड़ाई के बाद इसरायल और हमास ने एक युद्ध विराम और बंधक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। इस समझौते से गाजा में हो रही लड़ाई रुकेगी और फलस्तीनी नागरिकों को जरूरी मानवीय सहायता मिलेगी। इसके अलावा, बंधकों को, जिनमें अमेरिकी नागरिक भी शामिल हैं, उनके परिवारों से मिलाया जाएगा जो 15 महीने से ज्यादा समय तक कैद में थे और भारी पीड़ा झेल रहे थे। जीन पियरे ने कहा कि इस समझौते के पीछे इजराइल का दबाव और अमेरिका का समर्थन शामिल है। उन्होंने यह भी कहा कि अब अमेरिका और इजराइल मिलकर यह सुनिश्चित करेंगे कि सभी बंधक सुरक्षित घर वापस लौटें।
इसरायल सरकार और हमास ने गाजा में युद्धविराम और बंधकों की रिहाई पर सहमति जताई है। यह समझौता युद्ध को रोकने और बंधकों व फलस्तीनी बंदियों की चरणबद्ध रिहाई का मार्ग प्रशस्त करेगा। इस समझौते के तहत हमास और उससे जुड़े संगठन 07 अक्तूबर 2023 को इसरायल पर हमलों के बंधक बनाए गए लोगों को रिहा करेंगे। इसके बाद इसरायल सैकड़ों फलस्तीनी बंदियों को रिहा करेगा। यह समझौता गाजा के लोगों के लिए एक साल से अधिक समय में पहली बार संघर्ष से राहत देगा। इसरायल के हमलों के हमलों की शुरुआत के बाद से यह दूसरी बार होगा जब गाजा में युद्धविराम होगा। इस समझौते के तहत फलस्तीनी नागरिकों को गाजा के उत्तरी हिस्से में लौटने की अनुमति मिलेगी और गाजा में मानवीय मदद पहुंचाई जाएगी, जहां के निवासी लंबे समय से भुखमरी जैसी स्थिति का सामना कर रहे हैं।
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