नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। पूरी दुनिया में भारत- पाक संघर्ष रुकवाने का ढिंढोरा पीटने वाले
अमेरिका की पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद को लेकर किए गए सवाल पर बोलती बंद हो गई। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अमेरिकी विदेश विभाग के डिप्टी और प्रवक्ता टॉमी पिगॉट से जब पाकिस्तान के आतंकी नेटवर्क पर सवाल किया गया, तो उन्होंने स्पष्ट जवाब देने से इंकार कर दिया। इसके बजाय, वे भारत-पाकिस्तान के बीच हालिया सीजफायर की बात करने लगे।
बता दें कि भारत ने संघर्ष विराम में अमेरिकी मध्यस्थ्ता से इंकार किया है।
जानिए प्रेस ब्रीफिंग में क्या बोले टॉमी पिगॉट
प्रेस ब्रीफिंग के दौरान पिगॉट से पूछा गया था कि क्या अमेरिका को पाकिस्तान से ऐसा कोई आश्वासन मिला है कि वह आतंकवाद का समर्थन बंद करेगा? इस सवाल पर जवाब देने के बजाय पिगॉट ने कहा, "हम इस सप्ताहांत भारत और पाकिस्तान के बीच हुए युद्धविराम का स्वागत करते हैं। प्रधानमंत्री मोदी और प्रधानमंत्री शरीफ द्वारा शांति का मार्ग चुनने के निर्णय की हम सराहना करते हैं।"
उन्होंने
राष्ट्रपति ट्रंप का हवाला देते हुए इसे "शक्ति, बुद्धिमत्ता और धैर्य का परिचायक" बताया और दोनों देशों से क्षेत्रीय स्थिरता बनाए रखने के लिए सीधा संवाद बनाए रखने की अपील की।
जानिए भारत-पाकिस्तान तनाव की वजह
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों ने पर्यटकों पर हमला कर उनके परिवारों के सामने ही धर्म पूछकर मौत के घाट उतार दिया था। इस आतंकी घटना के बाद पूरे देश में रोष था। इस हमले के जवाब भारत ने "ऑपरेशन सिंदूर" के तहत पाकिस्तान के नौ आतंकी अड्डों को तबाह कर दिया, जिसमें 100 से ज्यादा आतंकवादी मारे गए। आतंकी अड्डों पर हुई कार्रवाई को पाकिस्तान खुद पर हमला मान लिया और भारत के सैन्य ठिकानों को निशाना बना शुरू कर दिया, लेकिन भारतीय सेना ने न केवल हमलों को विफल किया बल्कि पाकिस्तान के 11 सैन्य अड्डों को भी तबाह कर दिया। तीन तक चले संघर्ष के बाद 10 मई को अमेरिका घुटनों पर आया और संघर्ष विराम का प्रस्ताव दिया।
भारत ने पाकिस्तान के संघर्ष विराम पर अपनी शर्तों पर सहमति दे दी थी।
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